जयपुर : मकर संक्रांति पर आसमान की सत्ता के लिए होने वाली पतंगबाजी की जंग में पीएम से लेकर सीएम और विपक्ष के नेता पेंच लड़ाते नजर आएंगे. राजनीतिक चेहरों की पतंगे बनाने वाले अब्दुल गफूर अंसारी ने इस बार भी विभिन्न राजनेताओं के पतंगे तैयार की हैं. उनकी इस कला पर इस बार दिल्ली चुनाव का असर भी देखने को मिला. साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति भी नजर आए. 40 साल से शौकिया तौर पर पतंग बना रहे अंसारी अब अपनी कला को जीवित रखने के लिए युवाओं को भी अपना हुनर सिखा रहे हैं. उनकी इच्छा है कि उनके हाथ से बनी पतंग मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विधायक बालमुकुंद आचार्य तक पहुंचाएं.
जयपुर की पतंगबाजी की बात हो और अब्दुल गफूर अंसारी का जिक्र ना हो ये बेईमानी लगता है. कारण साफ है जब राजनीतिक पतंग की बात होती है तो अब्दुल गफूर अंसारी का नाम सबसे पहले जुबां पर आता है, जिसका कारण उनकी कलाकारी में झलकता है. अब्दुल गफूर हर साल राजनीति में सक्रिय चेहरों को अपने कला के माध्यम से पतंग की शक्ल देते हैं. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, जयपुर के विधायकों की पतंगे बना चुके हैं.
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डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल : अब्दुल गफूर की पतंग में इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए. इसके साथ ही आगामी दिल्ली चुनावों की तस्वीर भी अब्दुल गफूर अंसारी की पतंगों में दिखी, जहां बीजेपी और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं की खींचतान के बीच सिरमौर हो रहे अरविंद केजरीवाल यहां भी बराबरी की टक्कर देते दिख रहे हैं.
दिल्ली के दिग्गजों की पतंग : वहीं, अपने इस शौक के बारे में बताते हुए अंसारी ने कहा कि बचपन में छोटी-छोटी पतंगे बनाने का शौक था. फिर धीरे-धीरे पतंग में भी निखार आता गया. आदमियों का कट आउट बनाकर पतंग उड़ाने लगे. जब इसकी सराहना हुई तो शौक बढ़ता गया. बीते 40 साल से राजनेताओं, अभिनेताओं और खिलाड़ियों की पतंगे बना रहे हैं. अब जो दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं उसके दिग्गजों की पतंगें बनाई हैं. वहीं, इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी पतंग तैयार की है. इससे पहले वो ओबामा की पतंग भी तैयार कर चुके हैं.
सीएम को करना चाहते हैं भेंट : उन्होंने बताया कि उन्होंने ये हुनर अपने पूर्वजों से सीखा है. विशेष गल्फ कागज से तैयार पांच फीट की एक पतंग बनाने में लगभग 400 रुपए तक खर्च आता है. वो अपने इस हुनर को इन पतंग के जरिए शोकेस कर रहे हैं. ये कला उन तक सीमित न रह जाए इस वजह से अब युवा पीढ़ी को तैयार कर रहे हैं. उन्होंने अपने बच्चों को सिखाना शुरू किया है, ताकि उनके बाद भी उनकी ये अनोखी कला जीवित रहे. इसके साथ ही इस कला को पहचान मिल सके, इसलिए पहले उन्होंने भैरो सिंह शेखावत को उन्हीं के चेहरे वाली पतंग भेंट की थी. फिर मौका मिला तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी उनकी और इंदिरा गांधी की पतंग भेंट की. इसके अलावा पल्स पोलियो, एड्स जैसे विषय पर भी पतंगे तैयार कर प्रशासनिक अमले को भेंट कर चुके हैं. अब वो अपनी पतंगों को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विधायक बालमुकुंद आचार्य तक पहुंचाना चाहते हैं.