जयपुर. प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों का बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए शिक्षा विभाग कोशिश में जुट गया है. इसी के तहत विभाग ने उन सभी शिक्षकों पर शिकंजा कसा है, जिनका परिणाम साल 2017-18 के सत्र में 60 फीसदी से कम रहा है. कम परिणाम रहने वाले शिक्षकों को दंड देने के साथ ही तीन बार से ज्यादा कम परिणाम रहने की स्थिति में शिक्षकों की वेतन वृद्धि तक रोके जाने के प्रावधान हैं.
कक्षा 10वीं के 60 फीसदी से कम और कक्षा 12वीं में 70 फीसदी से कम परिणाम देने वाले शिक्षक इस के घेरे में हैं. संयुक्त निदेशक जयपुर संभाग कार्यालय में 2017-18 की कार्रवाई संपन्न हो चुकी है, जिसमें 105 शिक्षकों पर शिकंजा कसा जा चुका है. इसका परिणाम कम रहा है. संयुक्त निदेशक ने 105 में से 60 शिक्षकों को 17 सीसी का नोटिस देकर परीक्षा परिणाम कम रहने की जानकारी मांगी है. वहीं इन शिक्षकों को हिदायत भी दी गई है कि आने वाले सत्र में परीक्षा परिणाम कम रहे तो उनके खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
संयुक्त निदेशक विष्णु दत्त स्वामी का कहना है कि कम परिणाम देने वाली शिक्षकों की 2017-18 की कार्रवाई संपन्न हो चुकी है. वहीं अगर जो शिक्षक बीएलओ पर लगे हैं और उनका परीक्षा परिणाम कम है तो उनको नैतिकता के आधार पर कहा गया है कि परिणाम को सुधारने के साथ-साथ बीएलओ का काम भी करें. क्योंकि बीएलओ का काम आधा दिन होता है, जिसके चलते शिक्षक आधा दिन स्कूल में बच्चों को शिक्षा देकर बेहतर परिणाम ला सकता है.