ETV Bharat / state

24 साल में भूखंड का कब्जा नहीं दिया, जेडीए पर लगाया 2.21 लाख रुपए हर्जाना

जिला उपभोक्ता आयोग ने 24 साल में भूखंड पर कब्जा (imposed a fine of Rs 2 lakh 21 thousand on JDA) नहीं देने के मामले को सेवा दोष करार दिया है. आयोग ने जेडीए पर 2.21 लाख रुपए हर्जाना लगाया है.

imposed a fine of Rs 2 lakh 21 thousand on JDA,  not giving possession of the plot in 24 years
24 साल में भूखंड का कब्जा नहीं दिया.
author img

By

Published : Jun 24, 2023, 9:02 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर तृतीय ने 1997 की पृथ्वीराज नगर योजना की लॉटरी में सफल आवंटी को 1999 में राशि जमा कराने के 24 साल बाद भी भूखंड का कब्जा नहीं देने को सेवा दोष करार दिया है. आयोग ने जेडीए पर 2.21 लाख रुपए हर्जाना लगाया है. आयोग ने जेडीए को निर्देश दिया है कि वह परिवादी को अन्य विकसित कॉलोनी, जिसमें विकल्प के तौर पर सीकर रोड की आनंद लोक कॉलोनी में भूखंड आवंटित करे. वहीं परिवादी की जमा राशि 86,375 रुपए पर भूखंड का भौतिक कब्जा मिलने तक 12 फीसदी ब्याज राशि भी दे. आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोहन माथुर व सदस्य सीमा शर्मा ने यह आदेश सविता लाटा के परिवाद पर दिए.

आयोग ने कहा कि जेडीए अपना दायित्व पूरा करने में असफल रहा है और उसने कई सालों तक परिवादी की जमा राशि को रोकने के बावजूद उसे भूखंड आवंटित कर उसका कब्जा नहीं दिया. परिवाद में कहा गया की परिवादी ने 1997 में जेडीए की पीआरएन योजना में भूखंड आवंटन के लिए 5,000 रुपए जमा कराए थे. इसकी 5 अप्रैल 1999 को निकाली प्रथम फेज की लॉटरी में वह सफल रही, लेकिन पीआरएन में विवाद के चलते उसे जेडीए ने भूखंड आवंटन नहीं किया, हालांकि बाद में 15 मई 2006 को आगरा रोड पर कल्पना नगर में उसे सी-142 भूखंड आवंटित किया.

पढ़ेंः दुर्घटना के समय एयरबैग नहीं खुलना कार का मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, निर्माता को 20 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश : उपभोक्ता आयोग

परिवादी ने इसकी डिमांड राशि सहित अन्य राशि 35,375 रुपए 13 अप्रैल 2007 को जमा करा दी, लेकिन उसे भूखंड का कब्जा नहीं दिया. परिवादी ने कल्पना नगर की बजाय उसे जेडीए की सीकर रोड स्थित आनंद लोक योजना में भूखंड आवंटित करने का निवेदन किया, लेकिन वहां भूखंड खाली होते हुए भी उसे नहीं दिया. मामला आयोग में आने पर जेडीए ने कहा कि परिवादी ने न तो औपचारिकताएं पूरी की और न भूखंड का कब्जा लिया. जवाब में परिवादी ने कहा कि वह कब्जा लेने गई थी तो भूखंड पर फसल खड़ी थी और जेडीए ने कब्जा नहीं दिलाया है. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर माना कि परिवादी को 24 साल भूखंड से वंचित रखना जेडीए का गंभीर सेवादोष है. इसलिए वह किसी अन्य विकसित योजना में परिवादी को भूखंड आवंटित करे और उसे हुई शारीरिक व मानसिक परेशानी के लिए 2.21 लाख रुपए हर्जाना भी दे.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर तृतीय ने 1997 की पृथ्वीराज नगर योजना की लॉटरी में सफल आवंटी को 1999 में राशि जमा कराने के 24 साल बाद भी भूखंड का कब्जा नहीं देने को सेवा दोष करार दिया है. आयोग ने जेडीए पर 2.21 लाख रुपए हर्जाना लगाया है. आयोग ने जेडीए को निर्देश दिया है कि वह परिवादी को अन्य विकसित कॉलोनी, जिसमें विकल्प के तौर पर सीकर रोड की आनंद लोक कॉलोनी में भूखंड आवंटित करे. वहीं परिवादी की जमा राशि 86,375 रुपए पर भूखंड का भौतिक कब्जा मिलने तक 12 फीसदी ब्याज राशि भी दे. आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोहन माथुर व सदस्य सीमा शर्मा ने यह आदेश सविता लाटा के परिवाद पर दिए.

आयोग ने कहा कि जेडीए अपना दायित्व पूरा करने में असफल रहा है और उसने कई सालों तक परिवादी की जमा राशि को रोकने के बावजूद उसे भूखंड आवंटित कर उसका कब्जा नहीं दिया. परिवाद में कहा गया की परिवादी ने 1997 में जेडीए की पीआरएन योजना में भूखंड आवंटन के लिए 5,000 रुपए जमा कराए थे. इसकी 5 अप्रैल 1999 को निकाली प्रथम फेज की लॉटरी में वह सफल रही, लेकिन पीआरएन में विवाद के चलते उसे जेडीए ने भूखंड आवंटन नहीं किया, हालांकि बाद में 15 मई 2006 को आगरा रोड पर कल्पना नगर में उसे सी-142 भूखंड आवंटित किया.

पढ़ेंः दुर्घटना के समय एयरबैग नहीं खुलना कार का मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, निर्माता को 20 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश : उपभोक्ता आयोग

परिवादी ने इसकी डिमांड राशि सहित अन्य राशि 35,375 रुपए 13 अप्रैल 2007 को जमा करा दी, लेकिन उसे भूखंड का कब्जा नहीं दिया. परिवादी ने कल्पना नगर की बजाय उसे जेडीए की सीकर रोड स्थित आनंद लोक योजना में भूखंड आवंटित करने का निवेदन किया, लेकिन वहां भूखंड खाली होते हुए भी उसे नहीं दिया. मामला आयोग में आने पर जेडीए ने कहा कि परिवादी ने न तो औपचारिकताएं पूरी की और न भूखंड का कब्जा लिया. जवाब में परिवादी ने कहा कि वह कब्जा लेने गई थी तो भूखंड पर फसल खड़ी थी और जेडीए ने कब्जा नहीं दिलाया है. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर माना कि परिवादी को 24 साल भूखंड से वंचित रखना जेडीए का गंभीर सेवादोष है. इसलिए वह किसी अन्य विकसित योजना में परिवादी को भूखंड आवंटित करे और उसे हुई शारीरिक व मानसिक परेशानी के लिए 2.21 लाख रुपए हर्जाना भी दे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.