जयपुर. राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के हिंदुत्व कार्ड का जवाब कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व के जरिए देने की तैयारी की है. इसके लिए पार्टी स्तर पर खास रणनीति बनाई गई है. पार्टी चुनावी माहौल में हर कदम एहतियात के साथ आगे बढ़ा रही है. यही कारण है कि पार्टी ने अब यह तय किया है कि इस बार चुनाव में स्थानीय देवी-देवताओं को प्रचार का हिस्सा बनाएगी, जिससे आमजन से सीधे जुड़ाव बढ़ाया जा सके. साथ ही पार्टी के बड़े नेता भी इस बार प्रदेश में सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलते नजर आएंगे.
दरअसल, हिंदुत्व के मामले में लगातार भाजपा से पीछे रहने के चलते इस बार प्रदेश कांग्रेस ने अपनी प्रचार नीति में बदलाव किया है. वहीं, जनता से सीधे संपर्क स्थापित करने के लिए पार्टी स्थानीय देवी-देवताओं को प्रचार का हिस्सा बनाने जा रही है. कांग्रेस की पब्लिसिटी कमेटी ने तय किया है कि कांग्रेस की प्रचार सामग्री और प्रचार अभियान में स्थानीय देवी-देवताओं का सहारा लिया जाएगा.
कमेटी के चेयरमैन व मंत्री मुरारीलाल मीणा ने बताया कि वे इस कमेटी का जिला स्तर पर विस्तार करने जा रहे हैं. लोकल टीम से स्थानीय स्तर पर मुद्दों के साथ ही भावनात्मक लगाव के बारे में भी जानकारी ली जाएगी. उन्होंने कहा कि स्थानीय मुद्दों से लोगों का सीधा जुड़ाव होता है, इसलिए पार्टी उनका विशेष ध्यान रखेगी. मीणा ने कहा कि हर जगह का अलग नजरिया और अप्रोच होता है, जैसे भरतपुर में गोवर्धन जी महाराज की जय बोली जाती है तो अलवर में भर्तृहरि महाराज के जयकारे लगते हैं. ऐसे में अब पार्टी स्थानीय देवी-देवाओं को पोस्टर बैनरों में भी शामिल करेगी.
सीएम 10 से ज्यादा मंदिरों में करेंगे दर्शन- पिछले दिनों टोंक के निवाई में सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी स्थानीय देवी-देवताओं का जयकारा लगाया था. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी 20 जिलों की यात्रा में 10 से ज्यादा स्थानीय व प्रमुख मंदिरों के दर्शन का कार्यक्रम बनाया है. जिसमें से वो खाटू श्याम मंदिर के दर्शन बुधवार को कर चुके हैं. ऐसे में साफ है कि कांग्रेस अबकी स्थानीय देवी-देवताओं को अपने प्रचार में प्रमुखता से शामिल कर रही है, ताकि जनता तक यह संदेश जाए कि कांग्रेस भगवान में आस्था रखने में भाजपा से कहीं आगे है.
गहलोत देंगे सॉफ्ट हिंदुत्व का संदेश - पहले 27 से 30 सितंबर और फिर 3 से 7 अक्टूबर तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने 7 दिन के कार्यक्रम में अलग-अलग मंदिरों के दर्शन करेंगे. इनमें 27 सितंबर को पहले दिन खाटू श्याम मंदिर और सालासर हनुमान जी के वो दर्शन कर चुके हैं. वहीं, अब आगे वो बीकानेर स्थित करणी माता मंदिर, खरनाल में तेजाजी मंदिर, कुंभलगढ़ में चारभुजा नाथ मंदिर, कांकरोली में श्रीनाथजी मंदिर, बांसवाड़ा में बेणेश्वर धाम मंदिर, डूंगरपुर में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, निंबाहेड़ा में कल्लाजी मंदिर, सिवाना में ब्रह्माजी मंदिर के दर्शन करेंगे.