जयपुर. 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक बुलाए जाने पर जिन मंत्री महेश जोशी शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर को एआईसीसी की ओर से कारण बताओ नोटिस दिया गया था. उनमें से राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बजट सत्र के शुरू होने से पहले ही सौंप दिया था. जिसे आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार कर लिया है.
आपको बता दें कि सचिन पायलट 25 सितंबर की घटना को लेकर लगातार तीनों नेताओं पर कार्रवाई की बात कर रहे थे. महेश जोशी का मुख्य सचेतक पद छोड़ना साफ तौर पर इस ओर इशारा कर रहा है कि यह कार्रवाई की शुरुआत है. अब धर्मेंद्र राठौर और शांति धारीवाल पर भी गाज गिर सकती है.
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अब आगे क्या...: वैसे तो महेश जोशी के पास विधानसभा के मुख्य सचेतक के साथ ही जलदाय मंत्री के रूप में दो पद थे. जिसमें से उन्होंने मुख्य सचेतक का पद छोड़ दिया है. ऐसे में भले ही महेश जोशी पर कहने के लिए कार्यवाही मानी जा रही है, लेकिन उन्होंने दो में से एक पद छोड़ा है, जो उन्हें वैसे भी छोड़ना था. इसी तरीके से शांति धारीवाल के पास भी हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन का भी पद भी है. ऐसे में उम्मीद है कि शांति धारीवाल वह पद छोड़ सकते हैं. लेकिन आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर के पास केवल एक पद है. ऐसे में अगर धर्मेंद्र राठौर पर कार्रवाई होती है, तो उन्हें सीधे तौर पर अपना पद छोड़ना होगा.
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी लेकर आए थे आलाकमान का संदेश: राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा आज दोपहर ही जयपुर पहुंचे थे. उसके बाद से वह लगातार संगठन को लेकर बैठ कर रहे हैं. सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मुख्यमंत्री आवास पर मिलने पहुंचे थे. कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान का मैसेज लेकर ही सुखजिंदर सिंह रंधावा जयपुर पहुंचे थे. उसी का नतीजा है कि मुख्य सचेतक महेश जोशी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.