जयपुर. राजस्थान में हर चुनाव में सत्ता बदलने का मिथक तोड़कर दुबारा सत्ता में वापसी का सपना देख रही कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही टिकट बंटवारे को लेकर मशक्कत तेज कर दी है. राजधानी जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वॉर रूम में रविवार शाम को उस वक्त हलचल तेज हो गई. जब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ यहां पहुंचे. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे और फिर शुरू हुआ विधानसभा में टिकट वितरण का फार्मूला तय करने के लिए चर्चा का सिलसिला. जो देर रात तक चला.
हालांकि, इस बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल और सीएम अशोक गहलोत सहित तमाम नेता बिना मीडिया से बातचीत किए ही रवाना हो गए. ऐसे में इस बैठक में टिकट वितरण के लिए क्या-क्या फार्मूला अपनाने पर चर्चा हुई. इसको लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. लेकिन इस मैराथन बैठक के बाद सियासी गलियारों में अलग-अलग चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है. कांग्रेस के वार रूम में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य मोहन प्रकाश, मंत्री गोविंदराम मेघवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी शामिल हुए. हालांकि, कोर कमेटी के कुछ सदस्य बैठक में नहीं पहुंचे थे.
26 सीटों के सियासी समीकरणों पर मंथन आज : वॉर रूम में रात को कोर कमेटी की बैठक हुई. जबकि दिन में एआईसीसी की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने पार्टी के 26 ब्लॉक अध्यक्षों के साथ मीटिंग कर उनकी विधानसभा सीट पर कांग्रेस की लगातार हार के कारणों की समीक्षा की. साथ ही जीत के लिए क्या नए समीकरण बनाए जा सकते हैं. इस पर मंथन किया. आज सोमवार को भी 26 अन्य ब्लॉक अध्यक्षों से उनकी विधानसभा सीट को लेकर चर्चा की जाएगी. दरअसल, स्क्रीनिंग कमेटी की नजर उन 52 विधानसभा सीटों पर है. जो कांग्रेस के लिए लगातार चुनौती बनी हुई है और जहां पार्टी लगातार हार का सामना कर रही है.
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