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लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर मिली करारी हार से मायूस कांग्रेस पार्टी को अब राज्यसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है.

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मिल सकती है दो सीटें
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Published : Jun 5, 2019, 1:27 PM IST

जयपुर. प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटें मार्च 2020 में खाली होने वाली हैं. तीनों पर भाजपा के राज्यसभा सांसद है,हालात यह है कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है. लेकिन राज्यसभा में भी अभी पार्टी के पास एक भी सांसद नहीं है. संसदीय इतिहास में यह पहला मौका है जब ना तो राज्यसभा और ना ही लोकसभा में प्रदेश कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व है. ऐसे में अगले साल होने वाले राज्यसभा चुनाव हार से हताश कांग्रेस पार्टी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होगा. हालांकि यह अभी भविष्य के गर्भ में है कि खाली हो रही सीटों पर प्रदेश के नेताओं को ही मौका मिलेगा या फिर पार्टी के केंद्रीय नेताओं को. क्योंकि 2020 में पार्टी के कई केंद्रीय नेता जो राज्यसभा के सदस्य हैं उनका भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में प्रदेश के साथ ही केंद्रीय नेताओं की भी नजर राजस्थान पर होगी.

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मिल सकती है दो सीटें
संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस को मिल सकती है 3 में से 2 सीटें

मार्च 2020 में राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव होने हैं. क्योंकि 9 अप्रैल 2020 को भाजपा के राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी. विजय गोयल और नारायण लाल पंचारिया का राज्यसभा से कार्यकाल पूरा हो रहा है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है पार्टी के 100 विधायक चुनाव में जीत कर आए हैं. इसके साथ ही 12 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है., आरएलडी का एक विधायक हैं जिन्होंने कांग्रेस को पहले से ही समर्थन दे रखा है. इस संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस पार्टी को राज्यसभा की 2 सीटें आसानी से मिल सकती है. वहीं भाजपा को एक सीट से ही संतोष करना पड सकता है. हालांकि यह तब होगा जबकि निर्दलीय विधायक कांग्रेस के ही साथ रहे सब कुछ ठीक रहा तो मार्च में कांग्रेस के राजस्थान से दो सांसद तो संसद में पहुंच सकते हैं.

आपातकाल के बाद भी नहीं हुआ था कांग्रेस का यह हाल
पार्टी नेताओं के बीच चर्चा इस बात की है कि लगातार दो लोकसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी का सफाया हुआ है. ऐसा हाल तो आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में भी कभी नहीं हुआ था. जब पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस पार्टी महज दो ही लोकसभा सीटों पर चुनाव जीत पाई थी.

जयपुर. प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटें मार्च 2020 में खाली होने वाली हैं. तीनों पर भाजपा के राज्यसभा सांसद है,हालात यह है कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है. लेकिन राज्यसभा में भी अभी पार्टी के पास एक भी सांसद नहीं है. संसदीय इतिहास में यह पहला मौका है जब ना तो राज्यसभा और ना ही लोकसभा में प्रदेश कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व है. ऐसे में अगले साल होने वाले राज्यसभा चुनाव हार से हताश कांग्रेस पार्टी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होगा. हालांकि यह अभी भविष्य के गर्भ में है कि खाली हो रही सीटों पर प्रदेश के नेताओं को ही मौका मिलेगा या फिर पार्टी के केंद्रीय नेताओं को. क्योंकि 2020 में पार्टी के कई केंद्रीय नेता जो राज्यसभा के सदस्य हैं उनका भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में प्रदेश के साथ ही केंद्रीय नेताओं की भी नजर राजस्थान पर होगी.

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मिल सकती है दो सीटें
संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस को मिल सकती है 3 में से 2 सीटें

मार्च 2020 में राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव होने हैं. क्योंकि 9 अप्रैल 2020 को भाजपा के राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी. विजय गोयल और नारायण लाल पंचारिया का राज्यसभा से कार्यकाल पूरा हो रहा है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है पार्टी के 100 विधायक चुनाव में जीत कर आए हैं. इसके साथ ही 12 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है., आरएलडी का एक विधायक हैं जिन्होंने कांग्रेस को पहले से ही समर्थन दे रखा है. इस संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस पार्टी को राज्यसभा की 2 सीटें आसानी से मिल सकती है. वहीं भाजपा को एक सीट से ही संतोष करना पड सकता है. हालांकि यह तब होगा जबकि निर्दलीय विधायक कांग्रेस के ही साथ रहे सब कुछ ठीक रहा तो मार्च में कांग्रेस के राजस्थान से दो सांसद तो संसद में पहुंच सकते हैं.

आपातकाल के बाद भी नहीं हुआ था कांग्रेस का यह हाल
पार्टी नेताओं के बीच चर्चा इस बात की है कि लगातार दो लोकसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी का सफाया हुआ है. ऐसा हाल तो आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में भी कभी नहीं हुआ था. जब पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस पार्टी महज दो ही लोकसभा सीटों पर चुनाव जीत पाई थी.

Intro:लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस को राज्यसभा में उम्मीद 2020 में राज्यसभा की 3 सीटों पर होंगे चुनाव तीन में से संख्या बल के आधार पर कांग्रेस को 2 सीटों पर जीतने की उम्मीद अब तक प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार जीती सभी 25 सीटों पर तो भाजपा लगातार दो बार से जीत रही है 25 सीटें


Body:लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर मिली करारी हार से मायूस कांग्रेस पार्टी को अब राज्यसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है मार्च 2020 में प्रदेश के 3 राज्य सभा सीटें खाली होने वाली है तीनों पर भाजपा के राज्यसभा सांसद है हालात यह है कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है लेकिन राज्यसभा में भी अभी पार्टी के पास एक भी सांसद नहीं है संसदीय इतिहास मैं यह पहला मौका है जब मैं तो राज्यसभा और ना ही लोकसभा में प्रदेश कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व है ऐसे में अगले साल होने वाले राज्यसभा चुनाव हार से हताश कांग्रेस पार्टी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होंगे हालांकि यह अभी भविष्य के गर्भ में है कि खाली हो रही सीटों पर प्रदेश के नेताओं को ही मौका मिलेगा या फिर पार्टी के केंद्रीय नेताओं को क्योंकि 2020 में पार्टी के कई केंद्रीय नेता जो राज्यसभा के सदस्य हैं उनका भी कार्यकाल पूरा हो रहा है ऐसे में प्रदेश के साथ ही केंद्रीय नेताओं की भी नजर राजस्थान पर होगी

संख्या बल के हिसाब से मिल सकती है 3 में से 2 सीटें कांग्रेस को

मार्च 2020 में राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव होने हैं क्योंकि 9 अप्रैल 2020 को भाजपा के राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी विजय गोयल और नारायण लाल पंचारिया का राज्यसभा से कार्यकाल पूरा हो रहा है और प्रदेश में क्योंकि कांग्रेस की सरकार है और पार्टी के 100 विधायक चुनाव में जीत कर आए हैं तो इसके साथ ही 12 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है तो आरएलडी के एक विधायक हैं जिन्होंने कांग्रेस को पहले से ही समर्थन दे रखा है इस संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस पार्टी को राज्यसभा की 2 सीटें आसानी से मिल सकती है वहीं भाजपा को एक सीट से ही संतोष करना पड़ेगा हालांकि यह तब होगा जबकि निर्दलीय विधायक कांग्रेस के ही साथ रहे सब कुछ ठीक रहा तो मार्च में कांग्रेस के राजस्थान से दो सांसद तो संसद में पहुंची जाएंगे
आपातकाल के बाद भी नहीं हुआ था कांग्रेस का यह हाल
पार्टी नेताओं के बीच चर्चा इस बात की है कि लगातार दो लोकसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी का सफाया हुआ है ऐसा हाल तो आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में भी कभी नहीं हुआ था जब पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस पार्टी महज दो ही लोकसभा सीटों पर चुनाव जीत पाई थी और वैसे भी एक से नागौर की थी जिस पर नाथूराम मिर्धा चुनाव जीतकर आए थे 1952 से लेकर 2019 तक लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं लेकिन 1984 में ही कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान की सभी लोकसभा सीटों पर क्लीनस्वीप किया था जबकि भाजपा 2014 और 2019 में 25 की 25 सीटें जीत चुकी है
पीटीसी अजीत


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