जयपुर. राजधानी के दोनों ही निगम इस वर्ष के बजट की तैयारियों में जुटे हैं. निगम की साधारण सभा की बैठक में बजट तय होगा या इस बार भी राज्य सरकार इसे पास करेगी, इस पर संशय बना हुआ है. अब तक दोनों ही निगम की ओर से साधारण सभा की बैठक बुलाई नहीं गई है. हालांकि ग्रेटर नगर निगम की महापौर ने 15 जनवरी से पहले साधारण सभा की बैठक बुलाने और इससे पहले प्री बजट मीटिंग करने की बात कही है.
बजट को लेकर असमंजस अगले 4 दिन में होगा साफ : आगामी 23 जनवरी से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. निगम को बैठक के लिए विधायकों से अनुमति लेनी पड़ती है, जो विधानसभा सत्र के दौरान मुश्किल है. ऐसे में निगमों के लिए साधारण सभा करना भी मुश्किल हो जाएगा. नगरपालिका अधिनियम के अनुसार साधारण सभा बुलाने से पहले 7 दिन का नोटिस देना पड़ता है. इसी कारण निगमों के पास 15 जनवरी तक का ही समय बचा है. इस दौरान अगर बैठक नहीं होती है तो पिछले साल की तरह इस बार भी दोनों निगमों का बजट राज्य सरकार पास करेगी.
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ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ सौम्या गुर्जर का कहना है कि बजट सत्र की तैयारियां हो चुकी हैं. अलग-अलग मद में आय-व्यय को ध्यान में रखते हुए और पिछले साल का भी पूरा मूल्यांकन करते हुए आगामी बजट रखा जाएगा. बजट से पहले प्री बजट सेशन भी रखा जाएगा. इसमें जयपुर के विभिन्न एंटरप्रेन्योर सीए-सीएस, डॉक्टर, विभिन्न सोसाइटी के प्रमुखों के साथ बैठकर चर्चा की जाएगी. कुछ वार्डों में खेल के ग्राउंड और ई-लाइब्रेरी की भी मांग हो रही है. इस आधार पर बजट को डिवाइड करते हुए पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 15 फरवरी तक मीटिंग बुलानी है. इससे पहले साधारण सभा को लेकर फैसला लिया जाएगा.
सिविल लाइन में सीवर समस्या होगी समाप्त : हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर का कहना है कि पहले भी जनता के लिए बजट पास हुआ है, फिर भले ही वह राज्य सरकार की ओर से हुआ हो. पिछले साल भी हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में अच्छे काम हुए हैं. आगामी समय में सिविल लाइन जोन में सीवर की समस्या को पूरी तरह खत्म करने की योजना है. जहां तक बजट का सवाल है, उस पर काम चल रहा है. साधारण सभा को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जब बजट पास होगा वो सामने आ जाएगा.
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बता दें कि नगर पालिका अधिनियम में प्रावधान है कि निकायों में साधारण सभा की बैठक बुलाने से पहले पार्षदों और उस निकाय एरिया में आने वाली विधानसभा और लोकसभा के सदस्यों को 7 दिन का नोटिस देना पड़ता है. इसके अलावा उन सभी विधायकों और सांसदों से अनुमति लेनी होती है. अमूमन जब विधानसभा और लोकसभा का सत्र चल रहा होता है तो विधायक या सांसद, बोर्ड की बैठक की सहमति बहुत कम ही देते हैं. पिछली दफा भी जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज ने अपना बजट साधारण सभा में न रखकर सीधे सरकार को भिजवाया था.