जयपुर. लंबे समय से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे कर्मचारियों की मांगों को अब खुद सीएम गहलोत सुनेंगे. जिसके लिए उन्होंने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुलाया है. यह बैठक आज दोपहर 2:30 बजे राज्य सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में होगी. जिसमें सीएम कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से उनकी समस्याओं के साथ ही भविष्य की रणनीतियों पर भी चर्चा करेंगे. साथ ही आगामी बजट को लेकर उनसे सुझाव भी मांगे जाएंगे, ताकि उन सुझावों को बजट में शामिल किया जा सके. हालांकि, सियासी जानकारों की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीएम इस सीधे संवाद के जरिए कर्मचारियों के नब्ज को टटोलने की कोशिश करेंगे.
प्रदेश में 23 जनवरी से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री गहलोत 8 फरवरी को अपने इस तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेंगे. बजट से पूर्व सीएम की कोशिश है कि सभी वर्गों को कुछ न कुछ इस बजट में दिया जाए. लिहाजा गहलोत अलग-अलग संगठनों से बजट पूर्व संवाद कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब सीएम आंदोलित कर्मचारियों से बुधवार को संवाद करेंगे. कर्मचारी नेता तेज सिंह राठौड़ और गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार ने बजट पेश करने से पहले कर्मचारी संगठनों को आमंत्रित किया है. उनसे उनके सुझाव मांगे गए हैं, जो सकारात्मक पहल है.
इसे भी पढ़ें - Rajasthan Budget 2023 : 8 फरवरी को आएगा बजट, इस पर रहेगा फोकस
कर्मचारियों को साधने की तैयारी: बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार अपने भाषणों में कहते रहे हैं कि वह कर्मचारियों के लिए हमेशा सोचते रहे हैं. कर्मचारियों की कभी न पूरी होने वाली मांग ओल्ड पेंशन स्कीम को भी बिना मांगे ही सरकार ने पूरा किया है. वहीं अब गहलोत अपने आखिरी बजट के जरिए कर्मचारियों को साधने की कोशिश में जुट गए हैं. ऐसे में हो सकता है कि बैठक के दौरान सीएम कर्मचारियों की ज्यादातर मांगों को मान भी लें.
ये मांगे हो सकती हैं पूरी: सूत्रों की मानें तो प्रदेश की गहलोत सरकार चुनावी माहौल में कर्मचारियों को खुश करने के लिए दो बड़ी घोषणाएं जल्द ही कर सकती है. जिसमें पहली 9,18 और 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 8, 16, 24 और 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति का वेतनमान स्वीकृत किया जा सकता है. इस घोषणा का लाभ कमोबेश प्रदेश के सभी आठ लाख कर्मचारियों को मिलेगा. वहीं, दूसरी प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत किए जा सकते हैं. इस घोषणा से प्रदेश के 55 हजार से ज्यादा मंत्रालयिक कर्मचारी को लाभ मिलेगा.