जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अभी 7 महीने से कम का समय बचा है. हालांकि चुनाव से पहले इन दिनों प्रदेश की सियासत में राजनीतिक पारा गर्म है. कांग्रेस की राजनीति में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन के पायलट जन संघर्ष यात्रा को लेकर चल रहे सियासी उबाल के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक बड़ा बयान सामने आया है. गहलोत ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कामयाब वही होता है जो सबको साथ में लेकर चलता है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को घाट की गुणी चौराहे पर पूर्व राज्यपाल नवल किशोर शर्मा की मूर्ति का अनावरण करने पहुंचे. यहां उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए विरोधियों को इशारों-इशारों में राजनीतिक संदेश दिए. सीएम गहलोत ने कहा कि उन्होंने कभी किसी को राजनीति में पानी नहीं पिलाया, बस विचार और काम करने के तरीके अलग थे. उन्होंने कहा कि लाइन को काटकर छोटा करने के बजाए, बड़ी लाइन खिंचनी चाहिए.
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राजनीति में किसी को पानी नहीं पिलाया : सीएम गहलोत ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के किस्सा का जवाब देते हुए कहा कि मैंने राजनीति में किसी को पानी पिलाया है. मैंने हमेशा सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब धारीवाल मेरे खिलाफ थे, लेकिन मैंने कभी इस बात को दिल से नहीं लगाया. राजनीति में सबको साथ लेकर चलने वाला ही कामयाब होता है. जो अकेला चलता है, गुटबाजी पैदा करता है, पराए की बात करता है वह कभी भी कामयाब नहीं हो सकता.
अशोक गहलोत ने कहा कि साल 1998 में उन्होंने जब पहली बार अपना मंत्रिमंडल बनाया था तो चुन कर उन्हें मंत्री बनाया जो पार्टी और आलाकमान के प्रति समर्पित थे. उस समय सिर्फ यही सोचा कि ये कांग्रेस का और सोनिया गांधी का आदमी है. यही भावना मैंने हमेशा रखी. बता दें कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अपने बयान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए कहा था कि उन्होंने राजनीति में कइयों को पानी पिलाया है.
लाइन काटने की बजाए, बड़ी खींचो : सीएम गहलोत ने कहा कि एक कहावत है, दूसरों की लाइन काटने के बजाए बड़ी लाइन खींचों. मैंने हमेशा बड़ी ही लाइन खींचने की कोशिश की है. गहलोत ने यह भी कहा कि पार्टी के लिए उन्होंने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम किया. जनता का विश्वास जीतने के लिए पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध होना पड़ता है, यही कारण है कि सोनिया गांधी ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया और आज मैं तीसरी बार मुख्यमंत्री हूं. यह सब आपके आशीर्वाद से ही है. सीएम ने कहा कि पार्टी के प्रति ईमानदार होना बहुत जरूरी है. आज देश का इंटेलेक्चुअल चिंतित है. पत्रकार-लेखक दबाव में हैं, क्योंकि सरकार के खिलाफ जो कोई बोलता है उसको जेल में डाल दिया जाता है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए.
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धर्म के नाम पर हो रही राजनीति : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और आरएसएस के साथ केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा आज देश में यह लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. प्रधानमंत्री जब नाथद्वारा के दौरे में आए थे तब उन्होंने कहा था कि विपक्ष सभी भ्रष्टाचारियों का गिरोह बन गया है. क्या इस प्रकार की भाषा विपक्ष के नेताओं के लिए उचित है?
सुप्रीम कोर्ट के दो फैसले स्वागत योग्य : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि पहला फैसला दिल्ली सरकार को लेकर आया है, इसमें सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चुनी हुई सरकार के अपने अधिकार हैं. उनको अपने अधिकारों के साथ काम करने की जरूरत है. इसके साथ ही महाराष्ट्र को लेकर कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी पर सीएम गहलोत ने कहा कि यह शुभ संकेत हैं कि अब इस तरह के फैसले आ रहे हैं. बीजेपी और आरएसएस की कोशिश है कि वह देश में एक ही पार्टी का शासन लागू करें. उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और बीजेपी फासीवादी सोच के साथ काम कर रही है, इसलिए कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में सरकार को पैसों के दम पर गिराया. राजस्थान में भी कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए.