जयपुर. मूकबधिर बच्चे एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतर चुके है. गांधीनगर स्थित पोद्दार मूकबधिर कॉलेज के विद्यार्थियों ने कक्षाएं नियमित नहीं लगने, शिक्षकों की कमी होने, कौशल विकास कक्षाओं में शामिल करने, पुराने शिक्षकों को लगाने सहित अन्य मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया.
इसपर कॉलेज प्राचार्य डॉ. पुष्पा पारिक का कहना है कि शिक्षकों की कमी को लेकर कॉलेज आयुक्तलय को पत्र भेज दिया गया है. वहीं,अगर बात की जाए नियमित कक्षाओं की तो यहां पर नियमित कक्षाएं लगाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति विज्ञान की फैकल्टी की कमी है.
ईटीवी भारत ने दुभाषिए कमलेश के जरिए इन बच्चों की पीड़ा को समझा. जिसमें बच्चों ने साइन लैंग्वेज में अपनी बात कही और दुभाषिए कमलेश ने उनकी लैंग्वेज का ट्रांसलेशन किया. कमलेश ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षकों की कमी, पुराने शिक्षकों को लगाने और नियमित कक्षाएं चलने को लेकर विरोध जाता रहे हैं. बता दें कि बच्चों ने शिक्षा संकुल में जाकर दुभाषिए के जरिये अधिकारियों से बातचीत की जहां पर उनको आश्वासन दिया गया.
दरअसल, 2014 में कांग्रेस सरकार ने मूकबधिर बच्चों को ग्रेजुएट बनाने के लिए पोद्दार कॉलेज की शुरुवात की थी. कॉलेज में सामान्य के साथ मूकबधिर बच्चों की भी अलग से क्लास लगती है. इसमें नॉर्मल बच्चों के लिए बीए, बीकॉम, बीएससी कोर्स की शुरुआत की गई थी.
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फिलहाल कॉलेज में 1200 से अधिक स्टूडेंट्स हैं. वहीं मूकबधिर बच्चों के लिए बीए कोर्स शुरू किया गया जिसमें करीब 300 स्टूडेंट है. प्रदेश का पहला कॉलेज होने की वजह से इसमें देश के हर राज्य से स्टूडेंट्स हैं. लेकिन, अक्टूबर 2019 के बाद इन स्टूडेंट्स का एजुकेशन और करियर दांव पर लग गया है. पिछले कुछ महीनों से कॉलेज में फैकल्टी और क्लास रूम नहीं होने की वजह से पढ़ाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है.