जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में मेयर डॉ सौम्या गुर्जर को सोमवार को अपनी ही पार्टी के पार्षदों का विरोध झेलना पड़ा. बीजेपी पार्षदों ने मेयर के खिलाफ सोमवार को मोर्चा खोला. ऐसे में बीजेपी बोर्ड में चल रही गुटबाजी खुलकर सामने आई. बम ब्लास्ट मामले में नगर निगम ग्रेटर के ईसी हॉल में हुई बैठक में पार्षदों ने मेयर को फोन नहीं उठाने की बात पर खरी-खरी सुनाई.
पार्षदों ने महापौर को साफ शब्दों में कहा कि यूं तो पार्षदों के फोन तक नहीं उठाते, जब जरूरत होती है तो पार्षद याद आते हैं. ग्रेटर निगम में जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों के हाईकोर्ट से बरी होने के मामले में बीजेपी की ओर से 12 अप्रैल को रामलीला मैदान में होने वाले धरना-प्रदर्शन को लेकर एक बैठक रखी गई थी. इस धरने-प्रदर्शन में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने बीजेपी पार्षदों की बैठक ली थी. लेकिन जैसे ही चतुर्वेदी बैठक से रवाना हुए पार्षदों ने महापौर का विरोध शुरू कर दिया. पार्षदों ने आरोप लगाया कि धरना-प्रदर्शन में भीड़ लाने के लिए पार्षद याद आते हैं और जब पार्षद को काम हो तो मेयर फोन तक नहीं उठातीं.
साथ ही सवाल किया कि यदि नगर निगम की मुखिया ही फोन नहीं उठाएंगी, तो पार्षदों की समस्याओं को कौन सुनेगा. पार्षदों का बढ़ता गुस्सा देख महापौर डॉ सौम्या गुर्जर बैठक छोड़कर अपने कक्ष में चली गईं. उधर, पार्षद भी नगर निगम आयुक्त महेंद्र सोनी के कक्ष के बाहर आकर नारेबाजी और हंगामा करने लगे. लेकिन महापौर और उपमहापौर ने पार्षदों का प्रतिनिधित्व नहीं किया.
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इस दौरान उपमहापौर तो ये भी कहते नजर आए कि जब उनसे किसी मामले में राय नहीं ली जाती, तो वो प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व क्यों करें. ऐसे में पार्टी की फूट साफ नजर आई. उधर, पार्षदों की मानें तो वार्डों में दो अस्थाई कर्मचारी दे रखे हैं. लेकिन जोन उपायुक्त उनको वेरिफाई नहीं कर रहे. इस कारण उनका भुगतान नहीं हो रहा. मामला बढ़ता देख निगम आयुक्त महेंद्र सोनी ने ईसी हॉल में पार्षदों के साथ बैठक की. जिसमें पार्षदों को आश्वासन मिला कि दो-दो अस्थाई कर्मचारियों के वेरिफाई का मामले को जल्द निस्तारित कर दिया जाएगा.
इस पूरे मामले पर महापौर सौम्या गुर्जर ने बताया कि बैठक ग्रेटर नगर निगम, ज्योतिबा फुले जयंती और भीमराव अंबेडकर जयंती को लेकर रखी गई थी. बाबा साहेब की जयंती पर 5 हजार लोगों को एक साथ लोन देने और आर्थिक रूप से कमजोर 20 हजार परिवारों के साथ में भोजन के कार्यक्रम की प्लानिंग की जा रही थी. इसी दौरान कुछ पार्षदों ने बीट पर लगे कर्मचारियों का भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया. इस समस्या का समाधान जल्द निकाला जाएगा.