जयपुर. प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर गहलोत सरकार द्वारा 4 प्रतिशत वैट बढ़ाए जाने को अब भाजपा ने सियासी मुद्दा बना लिया है. हालांकि, हाल ही में आए केंद्रीय बजट में पेट्रोल-डीजल पर शेष बढ़ाया गया है तब तक कांग्रेस के नेता इसका विरोध कर रहे थे. लेकिन कुछ ही घंटे बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने ही राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें बढ़ा दी तो अब इसे भाजपा मुद्दा बना रही है.
जयपुर शहर से भाजपा सांसद रामचरण बोहरा के अनुसार जब प्रदेश में गहलोत सरकार आती है तब-तब प्रदेश सरकार की जेब फटी नजर आती है. उनके अनुसार गहलोत सरकार का वित्तीय मैनेजमेंट फेल हो चुका है. यही कारण है कि पेट्रोल-डीजल पर 4 प्रतिशत वैट बढ़ाकर गरीबों के साथ अन्याय किया गया. बोहरा ने कहा कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए वैट की दरों में कमी की थी.
लेकिन अब मौजूदा गहलोत सरकार वैट की दर बढ़ाकर महंगाई को और विकराल रूप दे रही है. वहीं, वरिष्ठ भाजपा नेता राघव शर्मा ने भी गहलोत सरकार के इस कदम की निंदा की है और कहा है कि वैट की दर बढ़ाने की गलती सुधारने का काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आगामी 10 जुलाई को विधानसभा में पेश होने वाले राजस्थान के बजट में कर सकते हैं.
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में पेट्रोल डीजल पर वेट की दर में 4% का इजाफा किया है और उससे ठीक पहले केंद्र की मोदी सरकार ने अपने बजट में पेट्रोल डीजल पर सेस बढ़ाया था. मतलब इस बार प्रदेश की जनता पर दोहरी मार पड़ी है केंद्र से भी राहत नहीं मिल पाई और उसके तुरंत बाद बढ़ी हुई महंगाई को और बढ़ाने का काम प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने भी कर डाला.