जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन का सत्र आयोजित किया गया. असम के राज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद पहली बार राजस्थान आए गुलाबचंद कटारिया के सम्मान के साथ ही इस सत्र में बेस्ट विधायक के रूप में अमीन खान और अनिता भदेल का सम्मान किया गया. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री को धन्यवाद जो 4 साल बाद उन्होंने कटारिया को राज्यपाल बनाने की मांग को पूरा किया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि देश को महात्मा गांधी जैसे नेता मिले. पंडित नेहरू, सरदार पटेल और मौलाना आजाद, डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान बनाया. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की खासियत थी कि यहां कभी भेदभाव नहीं किया गया. यही कारण है कि अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में महिलाओं को वोटिंग का अधिकार बाद में मिला. हमारे देश में पहले दिन से ये अधिकार महिलाओं को था.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमारे साथ आजाद हुआ था. आज पाकिस्तान की क्या स्थिति है, यह सब जानते हैं. लोकतंत्र में हमारा भरोसा इतना है कि इंदिरा गांधी ने चुनाव हारते ही मोरारजी देसाई को सत्ता सौंप दी, जिसका हम सबको फक्र है. इस दौरान गहलोत ने कहा कि अब कटारिया राज्यपाल बन चुके हैं, ऐसे में मैं कोई राजनीतिक भाषण नहीं दूंगा. जो बात हमारे दिलों में है, वह बात आप प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे. आप केवल असम के राज्यपाल नहीं हैं, आप पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करने वाले व्यक्ति हैं.
राज्यपाल की भूमिका में निर्वहन करूंगा दायित्व : गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आज मैं लोकतंत्र के मंदिर में खड़ा हूं, जहां जनता की बात रखी जाती है. अब मैं राज्यपाल बन गया हूं तो मुझे कहा गया कि आपको लिखा हुआ पढ़ना पड़ेगा. मैं इस तरह का व्यक्ति नहीं हूं. जिसमें देश की जनता का भला होता है, वही बात मेरे मन से निकलती है. मैं वही कहने का प्रयास करता हूं. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने ही हमें चुनकर भेजा है और हम सरकार चलाते हैं.
उन्होंने कहा कि विधानसभा जितनी ज्यादा दिन चलती है, जनता की बात को हम उतनी ही कुशलता पूर्वक रख सकते हैं. सदन की कार्रवाई ही लोकतंत्र की सफलता का सबसे बड़ा आधार है. जनप्रतिनिधि ही प्रभावी और सार्थक लोकतंत्र बनाते हैं. जनता हमें इसी आशा के साथ चुनती है कि हम विधानसभा या लोकसभा में चर्चा कर जनता के काम करेंगे. कटारिया ने कहा कि अगर सदन की कार्यवाही नहीं होती है तो दिन खराब हो जाता है. इसकी पीड़ा हम सबको होती है. ऐसे में सबसे विनम्र प्रार्थना है कि जितने दिन सदन चलेगा उतना ही जनता को फायदा होगा.
पढ़ें. Assam New Governor: गुलाबचंद कटारिया ने ली असम के राज्यपाल पद की शपथ
उन्होंने कहा कि देश में जितनी विधानसभा है, उनमें अलग-अलग विचारधारा की सरकार है. इसके बावजूद देश के लोकतंत्र के तरीके में आज तक कोई बदलाव नहीं आया है. इसका मतलब साफ है कि हमारे देश का लोकतंत्र मजबूत है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि असम के राज्यपाल के तौर पर वह अपनी सारी जिम्मेदारी पूरी करेंगे. कटारिया ने कहा कि मैं जनप्रतिनिधि रहा, एक पार्टी का सदस्य हूं, लेकिन जिस पद पर बैठा हूं उसका दायित्व निभाया. मुझे राज्यपाल बनाया गया है. ऐसे में भारतीय संविधान के अनुसार दी गई हर बात का पालन करते हुए मैं देश के लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करूंगा.
पार्लियामेंट की कार्यवाही को म्यूट करने पर सवाल : संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अब असम के राज्यपाल बनने के बाद उन्हें उम्मीद है कि वहां रहने वाले राजस्थानियों को भी आपका आशीर्वाद मिलेगा. आप जनता के लिए हमेशा तत्पर रहें. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज पार्लियामेंट में जिस तरीके के दृश्य देखने को मिल रहे हैं और पार्लियामेंट को जिस तरह से यूज किया जाता है, यह स्थिति दुखद है. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की जाती है कि वह लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में अपना योगदान दें, लेकिन ऐसा नहीं होता. जिस संसदीय कार्य प्रणाली का सपना देखा गया था, अगर उसके अनुसार नहीं चलेंगे तो निश्चित तौर पर आगे जाकर लोकतंत्र भी खतरे में पड़ जाएगा.