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पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने वालों पर AICC कसेगी शिकंजा, राजस्थान के कई नेता रडार पर

लोकसभा चुनाव में हार के बाद अनुशासनहीनता करने वाले कांग्रेस के कई पदाधिकारी एआईसीसी के निशाने पर हैं. कमेटी प्रदेश कांग्रेस सचिव धूप सिंह पूनिया और ज्योति खंडेलवाल को नोटिस जारी कर चुकी है. वहीं संगठन के अन्य कई पदाधिकारी कमेटी के निशाने पर हैं.

अनुशासनहीनता पर AICC संगठन के पदाधिकारियों पर कसेगी शिकंजा
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Published : Jun 17, 2019, 6:56 PM IST

जयपुर. प्रदेश कांग्रेस सचिव धूप सिंह पूनिया और ज्योति खंडेलवाल के बाद अनुशासनहीनता करने वाले संगठन के सभी पदाधिकारी एआईसीसी की राडार पर हैं. कमेटी सोशल अनुशासनहीनता करने वाले संगठन के पदाधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लिस्ट तैयार कर रही है.

अनुशासनहीनता पर AICC संगठन के पदाधिकारियों पर कसेगी शिकंजा

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने 2 दिन पहले ज्योति खंडेलवाल और राजस्थान कांग्रेस सचिव धूप सिंह पूनिया के एक नोटिस जारी किया है. जिसमें उनसे लोकसभा चुनाव हार के बाद कांग्रेस नेताओं पर बयान का लेकर जवाब मांगा गया है. वहीं इसके बाद कांग्रेस कई अन्य पदाधिकारी भी एआईसीसी की राडार पर हैं. जल्द ही कमेटी सोशल मीडिया पर आला नेताओं पर बयान के जरिए अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं को नोटिस भेजेगी. इसके लिए एक दूसरे पर टिप्पणी करने वाले नेताओं की लिस्ट तैयार की जा रही है.

बता दें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस पदाधिकारियों पर एक दूसरे के खिलाफ टिप्पणी ना करने की हिदायत दी थी. इसके बावजूद संगठन के जिन नेताओं ने सोशल मीडिया या फिर अन्य माध्यमों के जरिए बयानबाजी की है वे सभी अब कमेटी के निशाने पर हैं. अब कांग्रेस आलाकमान ने बयानबाजी करने वाले पीसीसी पदाधिकारियों और अन्य नेताओं के बयानों की रिपोर्ट तलब की है.

दरअसल, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से मना करने के बावजूद मीडिया और सार्वजनिक रूप से बयान बाजी और सोशल मीडिया पर पार्टी के विरुद्ध पोस्ट डालने वाले नेताओं के बयानों की रिपोर्ट मांगी है. लगातार हो रही इस बयानबाजी से कांग्रेस आलाकमान खासा नाराज है. केसी वेणुगोपाल ने यह रिपोर्ट अविनाश पांडे से मांगी थी. रिपोर्ट को देखने के बाद ही राजस्थान में कांग्रेस महासचिव और जयपुर से प्रत्याशी रही ज्योति खंडेलवाल और कांग्रेस के सचिव धूप सिंह पूनिया पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब कॉन्ग्रेस आला कमान उन नेताओं को भी छोड़ने में नहीं है जो पहले बयान बाजी कर चुके हैं.

माना जा रहा है कि इसी सप्ताह में कुछ अन्य नेताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे बयान बाजी की वजह पूछी जाएगी. बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुशील आसोपा विधायक रामनारायण मीणा मंत्री उदयलाल आंजना और रमेश मीणा अपनी सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं. जिसने कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मचाई थी. बयानबाजी से सकते में आए कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के जरिए दो बार अपील भी जारी कर बयानबाजी करने की हिदायत दी थी, लेकिन इसके बावजूद बयानबाजी हुई और अब कांग्रेस आलाकमान उन सभी नेताओं को नोटिस थमाने की तैयारी कर रहा है.

हालांकि मंत्रियों और विधायकों को फिलहाल कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा. वहीं बयानबाजी की शुरुआत करने वाले कांग्रेस सचिव सुशील को अनुशासनहीनता का नोटिस थमाया जा सकता है. हालांकि उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट एआईसीसी की हिदायत से पहले डाली थी, लेकिन आज भी वह पोस्ट उनके फेसबुक पर मौजूद है, जिसे उन्होंने हिदायत मिलने के बाद भी डिलीट नहीं किया था.

जयपुर. प्रदेश कांग्रेस सचिव धूप सिंह पूनिया और ज्योति खंडेलवाल के बाद अनुशासनहीनता करने वाले संगठन के सभी पदाधिकारी एआईसीसी की राडार पर हैं. कमेटी सोशल अनुशासनहीनता करने वाले संगठन के पदाधिकारियों पर कार्रवाई के लिए लिस्ट तैयार कर रही है.

अनुशासनहीनता पर AICC संगठन के पदाधिकारियों पर कसेगी शिकंजा

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने 2 दिन पहले ज्योति खंडेलवाल और राजस्थान कांग्रेस सचिव धूप सिंह पूनिया के एक नोटिस जारी किया है. जिसमें उनसे लोकसभा चुनाव हार के बाद कांग्रेस नेताओं पर बयान का लेकर जवाब मांगा गया है. वहीं इसके बाद कांग्रेस कई अन्य पदाधिकारी भी एआईसीसी की राडार पर हैं. जल्द ही कमेटी सोशल मीडिया पर आला नेताओं पर बयान के जरिए अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं को नोटिस भेजेगी. इसके लिए एक दूसरे पर टिप्पणी करने वाले नेताओं की लिस्ट तैयार की जा रही है.

बता दें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस पदाधिकारियों पर एक दूसरे के खिलाफ टिप्पणी ना करने की हिदायत दी थी. इसके बावजूद संगठन के जिन नेताओं ने सोशल मीडिया या फिर अन्य माध्यमों के जरिए बयानबाजी की है वे सभी अब कमेटी के निशाने पर हैं. अब कांग्रेस आलाकमान ने बयानबाजी करने वाले पीसीसी पदाधिकारियों और अन्य नेताओं के बयानों की रिपोर्ट तलब की है.

दरअसल, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से मना करने के बावजूद मीडिया और सार्वजनिक रूप से बयान बाजी और सोशल मीडिया पर पार्टी के विरुद्ध पोस्ट डालने वाले नेताओं के बयानों की रिपोर्ट मांगी है. लगातार हो रही इस बयानबाजी से कांग्रेस आलाकमान खासा नाराज है. केसी वेणुगोपाल ने यह रिपोर्ट अविनाश पांडे से मांगी थी. रिपोर्ट को देखने के बाद ही राजस्थान में कांग्रेस महासचिव और जयपुर से प्रत्याशी रही ज्योति खंडेलवाल और कांग्रेस के सचिव धूप सिंह पूनिया पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब कॉन्ग्रेस आला कमान उन नेताओं को भी छोड़ने में नहीं है जो पहले बयान बाजी कर चुके हैं.

माना जा रहा है कि इसी सप्ताह में कुछ अन्य नेताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे बयान बाजी की वजह पूछी जाएगी. बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुशील आसोपा विधायक रामनारायण मीणा मंत्री उदयलाल आंजना और रमेश मीणा अपनी सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं. जिसने कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मचाई थी. बयानबाजी से सकते में आए कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के जरिए दो बार अपील भी जारी कर बयानबाजी करने की हिदायत दी थी, लेकिन इसके बावजूद बयानबाजी हुई और अब कांग्रेस आलाकमान उन सभी नेताओं को नोटिस थमाने की तैयारी कर रहा है.

हालांकि मंत्रियों और विधायकों को फिलहाल कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा. वहीं बयानबाजी की शुरुआत करने वाले कांग्रेस सचिव सुशील को अनुशासनहीनता का नोटिस थमाया जा सकता है. हालांकि उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट एआईसीसी की हिदायत से पहले डाली थी, लेकिन आज भी वह पोस्ट उनके फेसबुक पर मौजूद है, जिसे उन्होंने हिदायत मिलने के बाद भी डिलीट नहीं किया था.

Intro:सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने पर दो ही नहीं आगे और भी नेता एआईसीसी के रडार पर जल्द ही और सोशल मीडिया पर आला नेताओं पर बयान के जरिए अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं को मिलेंगे नोटिस एआईसीसी में बयानबाजी करने वाले नेताओं की हो रही है लिस्ट तैयार 2 दिन पहले ज्योति खंडेलवाल और धूप सिंह पूनिया को मिला था नोटिस हालांकि अब मंत्री विधायकों को दे दी गई है सख्त हिदायत ना करे किसी तरीके की बयान बाजी लेकिन संगठन के जो नेता सोशल मीडिया पर कर रहे हैं बयान बाजी उन पर जरूर होगी कार्रवाई


Body:कांग्रेस मैं हार के बाद किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं करने के कांग्रेस आलाकमान की हिदायत ओं की अनदेखी करना अब नेताओं पर भारी पड़ता जा रहा है सोशल मीडिया और मीडिया के सामने बयान बाजी करने वाले नेताओं पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अब सख्त रुख अपना लिया है बयानबाजी पर दो नेताओं को नोटिस जारी होने के बाद अब कई और नेताओं को भी नोटिस देने की तैयारी कांग्रेस आलाकमान ने शुरू कर दी है कांग्रेस आलाकमान ने बयानबाजी करने वाले पीसीसी पदाधिकारियों और अन्य नेताओं के बयानों की रिपोर्ट तलब की है दरअसल पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से मना करने के बावजूद मीडिया और सार्वजनिक रूप से बयान बाजी और सोशल मीडिया पर पार्टी के विरुद्ध पोस्ट डालने वाले नेताओं के बयानों की रिपोर्ट मांगी है लगातार हो रही इस बयानबाजी से कांग्रेस आलाकमान खासा नाराज है और इसी के चलते केसी वेणुगोपाल ने यह रिपोर्ट अविनाश पांडे से मांगी थी रिपोर्ट को देखने के बाद ही राजस्थान में कांग्रेस महासचिव और जयपुर से प्रत्याशी रही ज्योति खंडेलवाल और कांग्रेस के सचिव धूप सिंह पूनिया पर कार्रवाई की गई थी लेकिन अब कॉन्ग्रेस आल्हा कमान उन नेताओं को भी छोड़ने मैं नहीं है जो पहले बयान बाजी कर चुके हैं माना जा रहा है कि इसी सप्ताह में कुछ अन्य नेताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे बयान बाजी की वजह पूछी जाएगी दरअसल कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुशील आसोपा विधायक रामनारायण मीणा मंत्री उदयलाल आंजना और रमेश मीणा अपनी सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं जिसने कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मच आई थी बयान बाजी से सकते में आए कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के जरिए दो बार अपील भी जारी कर बयानबाजी करने की हिदायत दी थी लेकिन इसके बावजूद बयानबाजी हुई और अब कांग्रेस आलाकमान उन सभी नेताओं को नोटिस थमाने की तैयारी कर रहा है हालांकि मंत्रियों और विधायकों को फिलहाल कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा लेकिन संगठन के जिन लोगों ने बयानबाजी की थी जिसमें खासतौर पर इसकी शुरुआत करने वाले कांग्रेस सचिव सुशील आंसू पाको बी अनुशासनहीनता का नोटिस दिया जा सकता है हालांकि उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट हिदायत से पहले डाली थी लेकिन आज भी वह पोस्ट उनके फेसबुक पर मौजूद है जिसे उन्होंने हिदायत मिलने के बाद भी डिलीट नहीं किया था
पीटीसी अजीत



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