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आपदा से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियां पूरी, नाव के लिए दूसरे विभागों पर निर्भर - जयपुर में आपदा प्रबंधन

प्री-मानसून की पहली तेज बारिश के बाद जयपुर में जिला प्रशासन की ओर से किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसके लिए बाकायदा बनी पार्क, मानसरोवर और घाट गेट में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. जहां पर अलग-अलग शिफ्टों में आठ-आठ सिविल डिफेन्स के लोग ड्यूटी पर तैनात रहेंगे.

आपदा से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियां पूरी
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Published : Jun 24, 2019, 11:34 PM IST

जयपुर. प्री-मानसून की पहली तेज बारिश के बाद जिला प्रशासन ने किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. हालांकि यह अलग बात है कि जिला प्रशासन के पास बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए केवल एक नाव है और वह भी जर्जर अवस्था में है. यह नाव बनी पार्क स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष में पड़ी है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में भी कंट्रोल रूम बनाया गया है.

आपदा से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियां पूरी

साथ ही जयपुर शहर की बात की जाए तो बनी पार्क, मानसरोवर और घाट गेट में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. यहां अलग-अलग शिफ्ट में आठ-आठ सिविल डिफेन्स के लोग 24 घंटे ड्यूटी करेंगे. इस तरह एक बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 लोग ड्यूटी देंगे. इसके अलावा नगर निगम और जेडीए की तरफ से भी कार्मिक बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगाए गए हैं.

जिला कलेक्टर जगरूपसिंह यादव ने बताया कि जयपुर शहर में 3 जगह बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं. कलेक्ट्रेट में भी एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. सभी जगह बाढ़ से निपटने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध है. वहीं बात नाव की की जाए तो जिला प्रशासन के पास बाढ़ से निपटने के लिए मात्र एक नाव है और वह भी जर्जर अवस्था में है. यह नाव बनी पार्क बाढ़ नियंत्रण कक्ष में रखी गई है. जिला प्रशासन सिंचाई विभाग और मत्स्य विभाग की नाव पर निर्भर है. एसडीआरएफ के पास भी 8 नाव बताई जा रही है.

जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन के प्रभारी जगदीश प्रसाद रावत का कहना है कि उनके पास सिविल डिफेंस की गोताखोरों सहित तैराकी जानने वालों की बहुत अच्छी टीम है. उनके पास 14 से 15 ऐसे गोताखोर है, जो गहराई में भी अच्छी तैराकी करना जानते हैं. उन्हें एडवांस ट्रेनिंग भी दी गई है. इसके अलावा उनके पास नागपुर से ट्रेनिंग प्राप्त कई तैराक है.

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के पास खुद की कोई नाव चालू स्थिति में नहीं है. एक नाव बनी पार्क फायर स्टेशन में रखी है, जो जर्जर अवस्था में है. उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ के पास आठ नाव है और एसडीआरएफ किसी भी आपदा से निपटने के लिए अलर्ट रहती है. उन्होंने बताया कि हर बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे टीम तैनात रहेगी और यदि और भी कार्मिकों की जरूरत होगी तो वह भी उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि उनके पास लाइफ जैकेट, ड्रैगन लाइट, डीप ड्राइव में काम आने वाले उपकरण और अन्य सभी संसाधन, जो आपदा के समय काम आते हैं, वे सब उपलब्ध है.

बाढ़ नियंत्रण कक्ष और उनके नंबर

1. कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम - 2204475, 2204476

2. कलेक्ट्रेट टोल फ्री नंबर - 1077

3. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन बनी पार्क - 2201898

4. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन घाट गेट - 2615550

5. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन मानसरोवर - 2395566

जयपुर. प्री-मानसून की पहली तेज बारिश के बाद जिला प्रशासन ने किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. हालांकि यह अलग बात है कि जिला प्रशासन के पास बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए केवल एक नाव है और वह भी जर्जर अवस्था में है. यह नाव बनी पार्क स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष में पड़ी है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में भी कंट्रोल रूम बनाया गया है.

आपदा से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियां पूरी

साथ ही जयपुर शहर की बात की जाए तो बनी पार्क, मानसरोवर और घाट गेट में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. यहां अलग-अलग शिफ्ट में आठ-आठ सिविल डिफेन्स के लोग 24 घंटे ड्यूटी करेंगे. इस तरह एक बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 लोग ड्यूटी देंगे. इसके अलावा नगर निगम और जेडीए की तरफ से भी कार्मिक बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगाए गए हैं.

जिला कलेक्टर जगरूपसिंह यादव ने बताया कि जयपुर शहर में 3 जगह बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं. कलेक्ट्रेट में भी एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. सभी जगह बाढ़ से निपटने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध है. वहीं बात नाव की की जाए तो जिला प्रशासन के पास बाढ़ से निपटने के लिए मात्र एक नाव है और वह भी जर्जर अवस्था में है. यह नाव बनी पार्क बाढ़ नियंत्रण कक्ष में रखी गई है. जिला प्रशासन सिंचाई विभाग और मत्स्य विभाग की नाव पर निर्भर है. एसडीआरएफ के पास भी 8 नाव बताई जा रही है.

जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन के प्रभारी जगदीश प्रसाद रावत का कहना है कि उनके पास सिविल डिफेंस की गोताखोरों सहित तैराकी जानने वालों की बहुत अच्छी टीम है. उनके पास 14 से 15 ऐसे गोताखोर है, जो गहराई में भी अच्छी तैराकी करना जानते हैं. उन्हें एडवांस ट्रेनिंग भी दी गई है. इसके अलावा उनके पास नागपुर से ट्रेनिंग प्राप्त कई तैराक है.

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के पास खुद की कोई नाव चालू स्थिति में नहीं है. एक नाव बनी पार्क फायर स्टेशन में रखी है, जो जर्जर अवस्था में है. उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ के पास आठ नाव है और एसडीआरएफ किसी भी आपदा से निपटने के लिए अलर्ट रहती है. उन्होंने बताया कि हर बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे टीम तैनात रहेगी और यदि और भी कार्मिकों की जरूरत होगी तो वह भी उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि उनके पास लाइफ जैकेट, ड्रैगन लाइट, डीप ड्राइव में काम आने वाले उपकरण और अन्य सभी संसाधन, जो आपदा के समय काम आते हैं, वे सब उपलब्ध है.

बाढ़ नियंत्रण कक्ष और उनके नंबर

1. कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम - 2204475, 2204476

2. कलेक्ट्रेट टोल फ्री नंबर - 1077

3. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन बनी पार्क - 2201898

4. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन घाट गेट - 2615550

5. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन मानसरोवर - 2395566

Intro:जयपुर। प्री मानसून की पहली तेज बारिश के बाद जिला प्रशासन ने किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। यह अलग बात है कि जिला प्रशासन के पास बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए केवल एक नाव है और वह भी जर्जर अवस्था में है। यह नाव बनीपार्क स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष में स्थित है। जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में भी कंट्रोल रूम बनाया गया है। साथ ही जयपुर शहर की बात की जाए तो बनीपार्क, मानसरोवर और घाटगेट में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। यहाँ अलग अलग शिफ्ट में आठ आठ सिविल डिफेन्स के लोग 24 घंटे ड्यूटी करेंगे। इस तरह एक बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 लोग ड्यूटी देंगे। इसके अलावा नगर निगम और जेडीए की तरफ से भी कार्मिक बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगाए गए हैं।


Body:जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि जयपुर शहर में तीन जगह बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं। जिला कलेक्ट्रेट में भी एक कंट्रोल रूम बनाया गया है सभी जगह बाढ़ से निपटने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध है। कटाव को रोकने के लिए मिट्टी से भरे कट्टे भी जमा कर लिए गए हैं। नाव की बात की जाए तो जिला प्रशासन के पास बाढ़ से निपटने के लिए मात्र एक नाव है और वह भी जर्जर अवस्था में है। यह नाव बनीपार्क बाढ़ नियंत्रण कक्ष में रखी गयी है। जिला प्रशासन सिंचाई विभाग और मत्स्य विभाग की नाव पर निर्भर है। एसडीआरएफ के पास भी 8 नाव बताई जा रही है।


Conclusion:जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन के प्रभारी जगदीश प्रसाद रावत का कहना है कि उनके पास सिविल डिफेंस की गोताखोरों सहित तैराकी जानने वालों की बहुत अच्छी टीम है। उनके पास 14 से 15 ऐसे गोताखोर है जो गहराई में भी अच्छी तैराकी करना जानते हैं। उन्हें एडवांस ट्रेनिंग भी दी गई है इसके अलावा उनके पास नागपुर से ट्रेनिंग प्राप्त कई तैराक है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के पास खुद की कोई नाव नही है, वह नाव बनीपार्क फायर स्टेशन पर है और वह भी जर्जर अवस्था में है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ के पास आठ नाव है और एसडीआरएफ भी किसी भी विपत्ति से निपटने के लिए अलर्ट रहती है। उन्होंने कहा कि हर बाढ़ नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे टीम तैनात रहेगी और यदि और भी आदमी की जरूरत पड़ेगी तो वह भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्हें कहा कि उनके पास डीप तैराकी करने वाले तैराक भी है। जगदीश प्रसाद रावत ने बताया उनके पास लाइफब्वॉय, लाइफ जैकेट ड्रैगन लाइट, डीप ड्राइव काम आने वाले उपकरण और अन्य सभी साधन जो आपदा के समय काम आते हैं वह सब उपलब्ध है।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष और उनके नंबर
1. कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम - 2204475, 2204476
2. कलेक्ट्रेट टोल फ्री नंबर - 1077
3. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन बनीपार्क- 2201898
4. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन घाटगेट - 2615550
5. बाढ़ नियंत्रण कक्ष फायर स्टेशन मानसरोवर- 2395566

बाईट 1. कलेक्टर जागरूप सिंह यादव
2. आपदा प्रबंधन प्रभारी जगदीश रावत
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