जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-7 महानगर द्वितीय ने दो से अधिक संतान होने का तथ्य छिपाकर नवंबर 2020 में ग्रेटर नगर निगम के वार्ड नंबर 32 का चुनाव जीतने वाली कांग्रेस पार्षद नसरीन बानो के निर्वाचन को अवैध और शून्य घोषित कर रद्द कर दिया है. अदालत ने यह आदेश भाजपा प्रत्याशी रहे भवानी सिंह की चुनाव याचिका को मंजूर करते हुए दिए.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नसरीन बानो के चुनाव लड़ने की तिथि को दो से अधिक संतान थी. ऐसे में वह चुनाव लड़ने के लिए पात्र ही नहीं थी और उन्हें पार्षद पद पर निर्वाचित नहीं माना जा सकता. इसलिए उनके निर्वाचन को शून्य घोषित करना विधि सम्मत है. चुनाव याचिका में अधिवक्ता मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि एक नवंबर 2020 को जयपुर ग्रेटर नगर निगम के 150 वार्ड के पार्षद पद के लिए मतदान हुआ था.
पढ़ेंः चाकसू नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव रद्द करने वाले आदेश पर रोक
जिसमें परिवादी ने वार्ड 32 से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. चुनाव में अधिक मत मिलने पर कांग्रेस की नसरीन बानो को विजेता घोषित किया गया. चुनाव याचिका में कहा गया कि नसरीन बानो की दो से ज्यादा संतानें हैं और ये संतानें भी 28 नवंबर 1995 के बाद हुई थी. ऐसे में नसरीन बानो ने रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रत्याशी के तौर पर पेश किए गए शपथ पत्र में दो से ज्यादा संतान होने का तथ्य छिपाया है. परिवादी ने 19 अक्टूबर 2020 को रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष इसकी शिकायत की, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने उसके दस्तावेजों का निरीक्षण किए बिना ही उसकी शिकायत को 20 अक्टूबर 2020 को निरस्त कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पार्षद नसरीन बानो के निर्वाचन को रद्द कर दिया है.