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प्रोपेगेंडा फिल्मों से बचना चाहिए : एक्ट्रेस नंदिता दास

गुलाबी नगरी में मंगलवार को 8वीं हेमलता प्रभु मेमोरियल लेक्चर के तहत डायरेक्टर-एक्टर नंदिता दास जयपुर के जवाहर कला केंद्र पहुंची.

8वीं हेमलता प्रभु मेमोरियल लेक्चर में शामिल होने नंदिता दास पहुंची जयपुर
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Published : Apr 24, 2019, 9:00 AM IST

जयपुर. नंदिता दास निर्देशती फिल्म मंटो को (जेकेके) के रंगायन सभागार में प्रदर्शित किया गया. फिल्म को देखने के लिए पूरा सभागार खचाखच भरा हुआ था. फिल्म मंटो मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो के जीवन पर बनी हुई है.

8वीं हेमलता प्रभु मेमोरियल लेक्चर में शामिल होने नंदिता दास पहुंची जयपुर

फिल्म अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने बताया कि फिल्म मंटो 1940 दशक की कहानी है. लेकिन फिल्म में जो बताया गया है उससे देश आज भी जूझ रहा है. देश में अभी भी हमें बांटा जा रहा है. लोगों को खुलकर बोलने की आजादी नहीं है. नंदिता ने अपने सेशन में 'सिनेमा फॉर सोशल चैंज' में बताया कि फिल्में कोई क्रांति तो लाती नहीं है. लेकिन हम उससे क्या कुछ सिख पाते है यह बहुत जरूरी है और फिल्म धीरे-धीरे जरूर जहन में जाती है. हालांकि आज के दौर में प्रोपेगेंडा फिल्म बनने लगी हैं, जिससे हमें बचना चाहिए.

जयपुर. नंदिता दास निर्देशती फिल्म मंटो को (जेकेके) के रंगायन सभागार में प्रदर्शित किया गया. फिल्म को देखने के लिए पूरा सभागार खचाखच भरा हुआ था. फिल्म मंटो मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो के जीवन पर बनी हुई है.

8वीं हेमलता प्रभु मेमोरियल लेक्चर में शामिल होने नंदिता दास पहुंची जयपुर

फिल्म अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने बताया कि फिल्म मंटो 1940 दशक की कहानी है. लेकिन फिल्म में जो बताया गया है उससे देश आज भी जूझ रहा है. देश में अभी भी हमें बांटा जा रहा है. लोगों को खुलकर बोलने की आजादी नहीं है. नंदिता ने अपने सेशन में 'सिनेमा फॉर सोशल चैंज' में बताया कि फिल्में कोई क्रांति तो लाती नहीं है. लेकिन हम उससे क्या कुछ सिख पाते है यह बहुत जरूरी है और फिल्म धीरे-धीरे जरूर जहन में जाती है. हालांकि आज के दौर में प्रोपेगेंडा फिल्म बनने लगी हैं, जिससे हमें बचना चाहिए.

Intro:जयपुर- गुलाबी नगरी में मंगलवार को 8वीं हेमलता प्रभु मेमोरियल लेक्चर के तहत डायरेक्टर एक्टर नंदिता दास जयपुर के जवाहर कला केंद्र पहुँची। नंदिता दास निर्देशती फ़िल्म मिंटू को जेकेके के रंगायन सभागार में प्रदर्शित किया। फ़िल्म को देखने के लिए पूरा सभागार खचाखच भरा हुआ था। फ़िल्म मिंटू मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो के जीवन पर बनी हुई है।


Body:फ़िल्म अभिनेत्री और निदेशक नंदिता दास ने बताया कि फ़िल्म मंटो 1940 दशक की कहानी है लेकिन फ़िल्म में जो बताया गया है उससे देश आज भी जूझ रहा है। देश मे अभी भी हमे बांटा जा रहा है, लोगों को खुलकर बोलने की आजादी नहीं है। नंदिता ने अपने सेशन में 'सिनेमा फ़ॉर सोशल चैंज' में बताया कि फिल्में कोई क्रांति तो लाती नहीं है लेकिन हम उससे क्या कुछ सिख पाते है यह बहुत जरूरी है। और फ़िल्म धीरे धीरे जरूर जहन में जाती है। हालांकि आज के दौर में प्रोपेगेंडा फ़िल्म बनने लगे गयी है, जिससे हमें बचना चाहिए। हालांकि आज के दौर में प्रोपेगेंडा फ़िल्म बनने लगे गयी है, जिससे हमें बचना चाहिए।

बाईट- नंदिता दास, एक्ट्रेस


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