जयपुर. नंदिता दास निर्देशती फिल्म मंटो को (जेकेके) के रंगायन सभागार में प्रदर्शित किया गया. फिल्म को देखने के लिए पूरा सभागार खचाखच भरा हुआ था. फिल्म मंटो मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो के जीवन पर बनी हुई है.
फिल्म अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास ने बताया कि फिल्म मंटो 1940 दशक की कहानी है. लेकिन फिल्म में जो बताया गया है उससे देश आज भी जूझ रहा है. देश में अभी भी हमें बांटा जा रहा है. लोगों को खुलकर बोलने की आजादी नहीं है. नंदिता ने अपने सेशन में 'सिनेमा फॉर सोशल चैंज' में बताया कि फिल्में कोई क्रांति तो लाती नहीं है. लेकिन हम उससे क्या कुछ सिख पाते है यह बहुत जरूरी है और फिल्म धीरे-धीरे जरूर जहन में जाती है. हालांकि आज के दौर में प्रोपेगेंडा फिल्म बनने लगी हैं, जिससे हमें बचना चाहिए.