जयपुर. शहर की निचली अदालत ने फर्जी दस्तावेज बनाने और रोजनामचे में गड़बड़ी करने के मामले में गांधी नगर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी आस मोहम्मद और एक महिला सिपाही मंजू गोदारा की रिवीजन अर्जी खारिज कर दी है. इसके साथ ही अदालत ने एसीएमएम क्रम 11 कोर्ट की ओर से आरोपियों के खिलाफ 27 सितंबर 2018 को लिए प्रसंज्ञान आदेश को बरकरार रखा है.
मामले के अनुसार परिवादी अधिवक्ता कुलदीप शर्मा ने निजी मामले को लेकर अदालत में परिवाद पेश किया था. जिसे अदालत ने जांच के लिए गांधी नगर थाने भेज दिया. जहां पुलिस ने मामले में जांच कर अदालत में एफआर पेश कर दी.
पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने आरोपी पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाएं और रोजनामचा में गड़बड़ी की. इसके अलावा एक गवाह के बयान को भी कोर्ट में पेश नहीं किए गए. इस पर एसीएमएम अदालत ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में प्रसंज्ञान लिया था. जिसे दोनों आरोपियों की ओर से चुनौती दी गई थी. गौरतलब है कि झोटवाड़ा थाने में अवैध वसूली को लेकर आरपीएस आस मोहम्मद वर्तमान में फरार चल रहे है.