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जयपुरः शाहपुरा में वन विभाग की ओर से मनाया गया 71वां वन महोत्सव

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Published : Jul 29, 2020, 6:45 PM IST

वन विभाग की ओर से शाहपुरा में बुधवार को वन महोत्सव मनाया गया. इस दौरान विभिन्न किस्मों के 51 पौधे लगाए गए. इस महोत्सव के दौरान सभी वक्ताओं की ओर से पौध संरक्षण का संदेश दिया गया.

जयपुर समाचार, jaipur news
71वां वन महोत्सव

शाहपुरा (जयपुर). वन विभाग की ओर से बुधवार को शाहपुरा के शील जोहड़ी में वन महोत्सव समारोह का आयोजन किया गया. इस 71वें वन महोत्सव समारोह में डीएफओ देवेंद्र कुमार जोशी, एसीएफ ओमप्रकाश शर्मा, रेंजर धर्मवीर सिंह चौधरी, नायब तहसीलदार जगदीश प्रसाद, नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी ऋषिदेव ओला बतौर अथिति मौजूद रहे.

इस दौरान डीएफओ देवेंद्र कुमार जोशी ने कहा कि वन महोत्सव जहां पेड़ों का त्योहार है, वहीं जीवन के उत्सव की तरह भी है. हम सभी को सिर्फ पौधे लगाकर ही अपने दायित्वों से इतिश्री नहीं करनी है. अपितु उनके सरंक्षण की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए, तभी ऐसे महोत्सव की सार्थकता होगी. एसीएफ ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि वनों के सरंक्षण से जीवन की रक्षा संभव है.

पढ़ें- सियासी संग्राम के बीच 15 अगस्त को राजभवन में नहीं होगा एट होम का आयोजन

नायब तहसीलदार जगदीश प्रसाद ने कहा कि पेड़ प्रकृति का श्रृंगार होते हैं. प्रकृति के इस सौंदर्य को बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने चाहिए. अधिशाषी अधिकारी ऋषिदेव ओला ने कहा कि मानव अपनी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है और अंधाधुंध पेड़ों की कटाई कर रहा है. इससे प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही है. इसे संतुलित बनाए रखने के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.

रेंजर धर्मवीर सिंह चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि पर्यावरण को शुद्ध बनाने और लोगों को पौधरोपण के प्रति जागरूक करने के लिए साल 1950 में वन महोत्सव शुरू किया गया था. इस दौरान विभिन्न किस्मों के 51 पौधे लगाए गए और उनके खाद्य और पानी की जिम्मेदारी भी ली गई. इस कार्यक्रम में फोरेस्टर बाबूलाल मीणा समेत वन विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

शाहपुरा (जयपुर). वन विभाग की ओर से बुधवार को शाहपुरा के शील जोहड़ी में वन महोत्सव समारोह का आयोजन किया गया. इस 71वें वन महोत्सव समारोह में डीएफओ देवेंद्र कुमार जोशी, एसीएफ ओमप्रकाश शर्मा, रेंजर धर्मवीर सिंह चौधरी, नायब तहसीलदार जगदीश प्रसाद, नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी ऋषिदेव ओला बतौर अथिति मौजूद रहे.

इस दौरान डीएफओ देवेंद्र कुमार जोशी ने कहा कि वन महोत्सव जहां पेड़ों का त्योहार है, वहीं जीवन के उत्सव की तरह भी है. हम सभी को सिर्फ पौधे लगाकर ही अपने दायित्वों से इतिश्री नहीं करनी है. अपितु उनके सरंक्षण की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए, तभी ऐसे महोत्सव की सार्थकता होगी. एसीएफ ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि वनों के सरंक्षण से जीवन की रक्षा संभव है.

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नायब तहसीलदार जगदीश प्रसाद ने कहा कि पेड़ प्रकृति का श्रृंगार होते हैं. प्रकृति के इस सौंदर्य को बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने चाहिए. अधिशाषी अधिकारी ऋषिदेव ओला ने कहा कि मानव अपनी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है और अंधाधुंध पेड़ों की कटाई कर रहा है. इससे प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही है. इसे संतुलित बनाए रखने के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.

रेंजर धर्मवीर सिंह चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि पर्यावरण को शुद्ध बनाने और लोगों को पौधरोपण के प्रति जागरूक करने के लिए साल 1950 में वन महोत्सव शुरू किया गया था. इस दौरान विभिन्न किस्मों के 51 पौधे लगाए गए और उनके खाद्य और पानी की जिम्मेदारी भी ली गई. इस कार्यक्रम में फोरेस्टर बाबूलाल मीणा समेत वन विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

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