जयपुर. राजस्थान के 10 चिकित्सा संस्थानों को भारत सरकार के एनक्यूएएस प्रोग्राम के तहत क्वालिटी सर्टिफिकेट मिला है. इसमें 7 पीएचसी और 3 यूपीएचसी शामिल हैं. क्वालिटी सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाली हर पीएचसी को 3 साल तक सालाना 3 लाख और यूपीएचसी को 2 लाख रुपए मिलेंगे.
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम (एनक्यूएएस) के तहत भारत सरकार की ओर से राजकीय चिकित्सा संस्थानों का मूल्यांकन करवाया जाता है. ये मूल्यांकन चार चरणों में किया जाता है. जिसमें पहले चरण में संस्थान की ओर से स्वयं के स्तर पर, दूसरे चरण में जिला स्तरीय टीम की ओर से, तीसरे चरण में राज्य स्तर की टीम की ओट से मूल्यांकन किया जाता है. जो राजकीय चिकित्सा संस्थान 70 प्रतिशत से ज़्यादा स्कोर प्राप्त करते हैं, उनको भारत सरकार को नामित किया जाता है. आखिर में भारत सरकार की ओर से गठित विशेष टीम इनका मूल्यांकन कर निर्धारित मानकों को पूरा करने पर इन्हें प्रमाणित करती है.
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अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने इस उपलब्धि के लिए विभाग की पूरी टीम को बधाई देते हुए बताया कि राजस्थान के 7 पीएचसी और 3 यूपीएचसी को भारत सरकार के एनक्यूएएस प्रोग्राम के तहत क्वालिटी सर्टिफिकेट मिला है. क्वालिटी सर्टिफिकेट के आधार पर अब हर पीएचसी को 3 साल तक सालाना 3 लाख और यूपीएचसी को 2 लाख रुपए बतौर इंसेंटिव मिलेंगे. जिसे संबंधित पीएचसी और यूपीएचसी के विकास कार्य पर ही खर्च किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पीएचसी और यूपीएचसी के इंफ्रास्ट्रक्चर, हाइजीन, संसाधनों की उपलब्धता, सेवा गुणवत्ता, रिपोर्टिंग और डाटा संधारण के साथ-साथ मरीजों के अधिकार जैसे मापदंडों पर खरा उतरने पर ये क्वालिटी सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है.
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इन संस्थानों को मिला क्वालिटी सर्टिफिकेट: क्वालिटी सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाली पीएचसी में मुसालिया, ठठवाड़ी, फालना (पाली), सरदरगढ़, अगरिया (राजसमंद), अरटिया कलां (जोधपुर) शामिल हैं. वहीं, क्वालिटी सर्टिफिकेट वाली यूपीएचसी में तलवंडी(कोटा), मांडिया रोड (पाली) और अग्रवाल फार्म मानसरोवर (जयपुर) शामिल हैं.