जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत भारतीय रेल के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया. इसमें उत्तर पश्चिम रेलवे के 47 स्टेशनों के पुनर्विकास पर 2400 करोड़ की लागत आएगी तो वहीं, जयपुर मंडल के 12 स्टेशनों का इस योजना के तहत करीब 1150 करोड़ की लागत से पुनर्विकास होगा. इस पर उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण ने बताया कि देशभर में रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ विकसित करने का काम किया जा रहा है.
भारतीय विविधता की भव्यता को प्रदर्शित करते हुए पुनर्विकसित स्टेशन नई अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं और मौजूदा सुविधाओं के अपग्रेडेशन से यात्रियों को बेहतर और उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान करेंगे. जयपुर मंडल के 12 स्टेशन जयपुर जंक्शन, गांधी नगर जयपुर, फुलेरा, रेवाड़ी, बांदीकुई, अलवर, नरेना, सीकर, नारनौल, रींगस, झुंझुनू और आसलपुर जोबनेर स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत करीब 1150 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है.
इन तीन स्टेशनों का काम हुआ पूरा - स्टेशनों के पुनर्विकास के तहत तीन स्टेशनों का काम पूरा हो गया है. मध्य प्रदेश के रानी कमलापति स्टेशन, कर्नाटक के बेंगलुरु का सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल स्टेशन और गुजरात में गांधीनगर कैपिटल स्टेशन शामिल है. स्टेशनों पर यात्रियों के लिए कई अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई है. यात्रियों के सुगम आवागमन के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर के साथ वेटिंग रूम और रिटेल एरिया विकसित किया गया है.
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बढ़ेंगे रोजगार के अवसर - बीकानेर मंडल के 10 स्टेशनों का इस योजना के तहत करीब 200 करोड़ की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है तो वहीं अजमेर मंडल के 10 स्टेशनों का 180 करोड़ की लागत से और जोधपुर मंडल के 15 स्टेशनों का 860 करोड़ से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है. अमृत भारत स्टेशन पुनर्विकास योजनाओं से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. लोगों को आने-जाने में भी सुविधा होगी. स्वच्छ और आधुनिक रेलवे स्टेशनों से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, इससे आर्थिक और सामाजिक विकास भी होगा.
ये सुविधाएं कराई जाएंगी उपलब्ध - जयपुर स्टेशन पर 717 करोड़ रुपए, गांधीनगर जयपुर को 211 करोड़, जोधपुर को 494 करोड़, जैसलमेर को 140 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है. रेलवे स्टेशनों पर आगमन और प्रस्थान प्लाजा, एग्जीक्यूटिव लाउंज, कॉनकोर्स एरिया, लिफ्ट और एस्केलेटर, फूड कोर्ट, शॉपिंग मॉल, कैफेटेरिया, प्ले एरिया, ग्रीन बिल्डिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन, बैगेज स्कैनर, कोच इंडिकेशन बोर्ड, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाओं समेत आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
रेलवे स्टेशनों पर लैंडस्केप के साथ सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार, टू व्हीलर फोर व्हीलर और ऑटो रिक्शा के लिए अलग-अलग पार्किंग सुविधा, यात्री क्षमता के अनुसार पर्याप्त क्षेत्र में प्रवेश हॉल का निर्माण किया जाएगा. इसी प्रकार कोच इंडिकेशन बोर्ड का प्रावधान, वेटिंग रूम, स्टेशन बिल्डिंग के आंतरिक और बाहरी भाग में उत्कृष्ट साज-सज्जा, स्थानीय लोक कला से निर्माण, नए प्लेटफार्म शेल्टर, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं, बेहतर साइनेज की सुविधा, 12 मीटर चौड़ाई के फुट ओवर ब्रिज समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
पीएम ने कही ये बड़ी बातें - वहीं, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नया भारत जो विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है वो अमृतकाल के उदय पर है. भारतीय रेल के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है. देश के लगभग 1300 प्रमुख स्टेशनों को अब आधुनिकता के साथ अमृत भारत स्टेशन के रूप में पुनविकसित किया जाएगा. स्टेशनों को नया जीवन मिलेगा. 1300 रेलवे स्टेशनों में से करीब 25000 करोड़ रुपए की लागत से 508 अमृत भारत स्टेशनों की आधारशिला आज रखी गई है.
राजस्थान में करीब 4000 करोड़ रुपए की लागत से 55 अमृत स्टेशन तैयार होंगे. स्टेशनों के आधुनिकरण से देश में विकास के लिए एक नया वातावरण बनेगा. इससे पर्यटन के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना कारीगरों की मदद करेगी और जिले की ब्रांडिंग में सहायता करेगी. अमृत रेलवे स्टेशन अपनी विरासत पर गर्व करने और प्रत्येक नागरिक में गौरव की भावना भरने के प्रतीक होंगे.
जयपुर स्टेशन पर दिखेगी हवामहल और आमेर किले की झलक - प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान के हवामहल और आमेर किले की झलक जयपुर रेलवे स्टेशन पर देखने को मिलेगी. नागालैंड का दिमापुर स्टेशन क्षेत्र के 16 विभिन्न जनजातियों की स्थानीय वास्तु कला को प्रदर्शित करेगा. जम्मू कश्मीर का जम्मूतवी रेलवे स्टेशन प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर से प्रेरित होगा. पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष रेलवे को 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट मिला, जो वर्ष 2014 की तुलना में 5 गुना अधिक है. रेलवे लाइनों के दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर तेजी से काम चल रहा है.
70000 कोचों में एलईडी लाइट लगाई गई है. 2014 की तुलना में ट्रेनों में जैव शौचालय की संख्या में 28 गुना वृद्धि हुई है. सभी अमृत स्टेशन हरित भवनों के मानकों को पूरा करने के लिए बनाए जाएंगे. 2030 तक भारत एक ऐसा देश होगा, जिसका रेलवे नेटवर्क शुद्ध शून्य उत्सर्जन पर चलेगा.