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240 लोगों को जमीन खाली करने के लिए वन विभाग ने जारी किया नोटिस, ग्रामीणों में आक्रोश

हनुमानगढ़ में मंगलवार को ग्राम पंचायत मटोरियावाली ढाणी के ग्रामीणों ने वन विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही नोटिस वापस न लिए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.

ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन, Villagers protest
ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Mar 18, 2020, 1:22 PM IST

हनुमानगढ़. टाऊन के निकटवर्ती ग्राम पंचायत मटोरियावाली ढाणी के ग्रामीणों ने मंगलवार को शेरगढ़ चौकी पर प्रदर्शन किया. इन ग्रामीणों ने वन विभाग की ओर से मिले नोटिस के खिलाफ यह प्रदर्शन किया. साथ ही मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.

ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन

ग्रामीणों ने यह विरोध प्रदर्शन गांव मटोरिया वाली ढाणी में वन विभाग की ओर से बसी हुई आबादी को उजाड़ने के नोटिस देने के विरोध में जंक्शन वन विभाग कार्यालय के समक्ष किया. साथ ही जिला वन अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा था.

ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि चक 5 एम डब्ल्यु और 15 एनडीआरए में कुल 150 बीघा आबादी ग्राम पंचायत मटोरियावाली ढाणी की है. जो लगभग 70 साल से आबाद है. इस 150 बीघा आबादी में से 50 बीघा भूमि सहबन से राजस्व रिकार्ड में वन विभाग की नर्सरी के नाम से दर्ज है. जबकि न तो वहां कभी वन विभाग का कब्जा रहा और न ही कभी कोई नर्सरी रही है. हमेशा से आबादी ही रही है. जहां सड़क पानी बिजली आदि की पूर्ण व्यवस्था है.

वहीं प्रशासन की ओर से पुराना रिकार्ड देखने पर पता चला है कि गांव की सारी 150 बीघा भूमि ही सहवन से राजस्व रिकार्ड में नर्सरी के नाम दर्ज हो गयी थी. जो कालान्तर में 100 बीघा भूमि रिकार्ड शुद्ध करके आबादी के नाम कर दी गई है. वहीं 50 बीघा भूमि भी रिकार्ड शुद्ध करके आबादी के नाम से दर्ज की जानी थी. जो दूसरे चक की भूमि होने के कारण रह गई थी.

पढ़ें: जयपुर: सभी कार्यालयों में लगाया जाएगा सोडियम हाइपोक्लोराइड से पोछा, कलेक्टर ने जारी किए निर्देश

अब वन विभाग उक्त 50 बीघा भूमि में बसे हुए 240 घरों को नोटिस देकर धमकी दे रहा है कि आप अपने घरों को तोड़ कर हमारी जमीन खाली कर दें. ऐसा नहीं करने पर वन विभाग बल पूर्वक मकान तोड़ कर अपनी जमीन खाली करवा लेगा. जिसके कारण पूरे गांव में खौफ का माहौल है.

जिला वन अधिकारी ने ग्रामीणों को उच्च स्तरीय अधिकारियों से इस संबंध में बात कर, इस समस्या से उनको अवगत करवाने का आश्वासन दिया था. साथ ही बुधवार तक का समय मांगा था. ग्रामीणों ने चेतावनी दी थी कि वह अपने आशियाने टूटने नहीं देंगे.

ग्रामीणों ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि अगर विभाग का ग्रामीणों के प्रति कोई सकारात्मक रूख नहीं रहता है, तो ग्रामीण आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो जाएंगे. इसी क्रम में बुधवार को शेरगढ़ पुलिस चौकी के पास महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें बहुत से जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

हनुमानगढ़. टाऊन के निकटवर्ती ग्राम पंचायत मटोरियावाली ढाणी के ग्रामीणों ने मंगलवार को शेरगढ़ चौकी पर प्रदर्शन किया. इन ग्रामीणों ने वन विभाग की ओर से मिले नोटिस के खिलाफ यह प्रदर्शन किया. साथ ही मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.

ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन

ग्रामीणों ने यह विरोध प्रदर्शन गांव मटोरिया वाली ढाणी में वन विभाग की ओर से बसी हुई आबादी को उजाड़ने के नोटिस देने के विरोध में जंक्शन वन विभाग कार्यालय के समक्ष किया. साथ ही जिला वन अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा था.

ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि चक 5 एम डब्ल्यु और 15 एनडीआरए में कुल 150 बीघा आबादी ग्राम पंचायत मटोरियावाली ढाणी की है. जो लगभग 70 साल से आबाद है. इस 150 बीघा आबादी में से 50 बीघा भूमि सहबन से राजस्व रिकार्ड में वन विभाग की नर्सरी के नाम से दर्ज है. जबकि न तो वहां कभी वन विभाग का कब्जा रहा और न ही कभी कोई नर्सरी रही है. हमेशा से आबादी ही रही है. जहां सड़क पानी बिजली आदि की पूर्ण व्यवस्था है.

वहीं प्रशासन की ओर से पुराना रिकार्ड देखने पर पता चला है कि गांव की सारी 150 बीघा भूमि ही सहवन से राजस्व रिकार्ड में नर्सरी के नाम दर्ज हो गयी थी. जो कालान्तर में 100 बीघा भूमि रिकार्ड शुद्ध करके आबादी के नाम कर दी गई है. वहीं 50 बीघा भूमि भी रिकार्ड शुद्ध करके आबादी के नाम से दर्ज की जानी थी. जो दूसरे चक की भूमि होने के कारण रह गई थी.

पढ़ें: जयपुर: सभी कार्यालयों में लगाया जाएगा सोडियम हाइपोक्लोराइड से पोछा, कलेक्टर ने जारी किए निर्देश

अब वन विभाग उक्त 50 बीघा भूमि में बसे हुए 240 घरों को नोटिस देकर धमकी दे रहा है कि आप अपने घरों को तोड़ कर हमारी जमीन खाली कर दें. ऐसा नहीं करने पर वन विभाग बल पूर्वक मकान तोड़ कर अपनी जमीन खाली करवा लेगा. जिसके कारण पूरे गांव में खौफ का माहौल है.

जिला वन अधिकारी ने ग्रामीणों को उच्च स्तरीय अधिकारियों से इस संबंध में बात कर, इस समस्या से उनको अवगत करवाने का आश्वासन दिया था. साथ ही बुधवार तक का समय मांगा था. ग्रामीणों ने चेतावनी दी थी कि वह अपने आशियाने टूटने नहीं देंगे.

ग्रामीणों ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी है कि अगर विभाग का ग्रामीणों के प्रति कोई सकारात्मक रूख नहीं रहता है, तो ग्रामीण आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो जाएंगे. इसी क्रम में बुधवार को शेरगढ़ पुलिस चौकी के पास महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें बहुत से जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

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