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प्रदेश में प्रॉपर्टी खरीदना हुआ महंगा, शहरों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में डीएलसी रेट में इजाफा - LAND PRICE INCREASED IN RAJASTHAN

राजस्थान में डीएलसी दरों में बढ़ोतरी होने के बाद प्रॉपर्टी खरीदना और महंगा हो गया है.

प्रदेश में प्रॉपर्टी खरीदना हुआ महंगा
प्रदेश में प्रॉपर्टी खरीदना हुआ महंगा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 3, 2024, 9:43 AM IST

जयपुर : राजस्थान में अब मकान, दुकान और दफ्तर लेना महंगा हो गया है. प्रदेश की भाजपा सरकार ने करीब 9 महीने बाद डीएलसी दरों में बढ़ोतरी की है. शहरी क्षेत्र में 5 से 20% तक की बढ़ोतरी की गई है. वहीं, जो ग्रामीण क्षेत्र शहरों से सटे हुए हैं और जहां विकास भी तेजी से हो रहा है, वहां 50 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी बताई जा रही है.

सिंचित कृषि भूमि की डीएलसी रेट में भी इजाफा : डीआईजी स्टांप जयपुर जीएल शर्मा ने बताया कि सभी उपखंड एरिया से डीएलसी के प्रस्ताव करीब पांच माह पहले जून में मांगे गए थे. इन प्रस्तावों पर चर्चा के बाद ये बढ़ोतरी की गई है. बताया जा रहा है कि जिन ग्रामीण एरिया में डेवलपमेंट तेजी से हुआ है, वहां शहरीकरण तेजी से बढ़ा है. इन एरिया में डीएलसी की दरें 50 फीसदी तक बढ़ाई हैं. इसके अलावा सिंचित कृषि भूमि की डीएलसी रेट में भी 50 फीसदी तक इजाफा किया है. वहीं, बताया जा रहा है कि जयपुर में दरों में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है. कुछ एरिया में 10 और कहीं 5 या 8 फीसदी का इजाफा किया है. सीकर रोड और जगतपुरा के एरिया में डीएलसी दरों में ज्यादा बढ़ोतरी की गई है.

पढ़ें. Rajasthan: अब फ्री होल्ड पट्टे के लिए करनी होगी और जेब ढीली, सरकार ने 8 गुना बढ़ाया रेट

बीघा के बजाय हेक्टेयर में होगी कृषि भूमि की रजिस्ट्री : राजस्थान में 50 लाख रुपए कीमत की एक मकान या भूखंड की रजिस्ट्री करवाने पर अब पुरुषों को 66 हजार तो महिलाओं को 56 हजार 250 रुपए तक जमा कराने होंगे. दरअसल, राज्य सरकार के निर्देश पर जून में सभी जिलों की जिला स्तरीय कमेटी से प्रस्ताव मांगे गए थे. इसके बाद प्रदेश भर में सभी जिलों के सब रजिस्ट्रार से डीएलसी दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव तैयार करवाए गए. इसके बाद 28 जून को जिला स्तरीय कमेटी की मीटिंग बुलाई गई, जिसमें विधायक भी शामिल हुए. यहां तय की गई दरों को 5 महीने बाद वित्त विभाग से मंजूरी मिली और अब पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने बढ़ी हुई दरों को प्रदेश भर में लागू कर दिया है. खास बात ये है कि अब शहरी क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री वर्ग गज या वर्ग मीटर के बजाय एक समान वर्ग मीटर में ही होगी. वहीं, ग्रामीण इलाकों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री बीघा के बजाय हेक्टेयर में होगी.

आपको बता दें कि फिलहाल पुरुषों के नाम पर मकान दुकान दफ्तर या भूखंड खरीदने पर 8.8 प्रतिशत की दर से रजिस्ट्री शुल्क लगता है. इसमें 6 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है. इस तरह कुल मिलाकर रजिस्ट्री पर 8.8 प्रतिशत की दर लगती है, जबकि महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवाने पर करीब 7.5 प्रतिशत की दर लगती है. इसमें 5 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है. इसके अलावा स्टांप ड्यूटी पर 30 प्रतिशत का अलग से सरचार्ज भी लगता है.

जयपुर : राजस्थान में अब मकान, दुकान और दफ्तर लेना महंगा हो गया है. प्रदेश की भाजपा सरकार ने करीब 9 महीने बाद डीएलसी दरों में बढ़ोतरी की है. शहरी क्षेत्र में 5 से 20% तक की बढ़ोतरी की गई है. वहीं, जो ग्रामीण क्षेत्र शहरों से सटे हुए हैं और जहां विकास भी तेजी से हो रहा है, वहां 50 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी बताई जा रही है.

सिंचित कृषि भूमि की डीएलसी रेट में भी इजाफा : डीआईजी स्टांप जयपुर जीएल शर्मा ने बताया कि सभी उपखंड एरिया से डीएलसी के प्रस्ताव करीब पांच माह पहले जून में मांगे गए थे. इन प्रस्तावों पर चर्चा के बाद ये बढ़ोतरी की गई है. बताया जा रहा है कि जिन ग्रामीण एरिया में डेवलपमेंट तेजी से हुआ है, वहां शहरीकरण तेजी से बढ़ा है. इन एरिया में डीएलसी की दरें 50 फीसदी तक बढ़ाई हैं. इसके अलावा सिंचित कृषि भूमि की डीएलसी रेट में भी 50 फीसदी तक इजाफा किया है. वहीं, बताया जा रहा है कि जयपुर में दरों में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है. कुछ एरिया में 10 और कहीं 5 या 8 फीसदी का इजाफा किया है. सीकर रोड और जगतपुरा के एरिया में डीएलसी दरों में ज्यादा बढ़ोतरी की गई है.

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बीघा के बजाय हेक्टेयर में होगी कृषि भूमि की रजिस्ट्री : राजस्थान में 50 लाख रुपए कीमत की एक मकान या भूखंड की रजिस्ट्री करवाने पर अब पुरुषों को 66 हजार तो महिलाओं को 56 हजार 250 रुपए तक जमा कराने होंगे. दरअसल, राज्य सरकार के निर्देश पर जून में सभी जिलों की जिला स्तरीय कमेटी से प्रस्ताव मांगे गए थे. इसके बाद प्रदेश भर में सभी जिलों के सब रजिस्ट्रार से डीएलसी दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव तैयार करवाए गए. इसके बाद 28 जून को जिला स्तरीय कमेटी की मीटिंग बुलाई गई, जिसमें विधायक भी शामिल हुए. यहां तय की गई दरों को 5 महीने बाद वित्त विभाग से मंजूरी मिली और अब पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने बढ़ी हुई दरों को प्रदेश भर में लागू कर दिया है. खास बात ये है कि अब शहरी क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री वर्ग गज या वर्ग मीटर के बजाय एक समान वर्ग मीटर में ही होगी. वहीं, ग्रामीण इलाकों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री बीघा के बजाय हेक्टेयर में होगी.

आपको बता दें कि फिलहाल पुरुषों के नाम पर मकान दुकान दफ्तर या भूखंड खरीदने पर 8.8 प्रतिशत की दर से रजिस्ट्री शुल्क लगता है. इसमें 6 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है. इस तरह कुल मिलाकर रजिस्ट्री पर 8.8 प्रतिशत की दर लगती है, जबकि महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवाने पर करीब 7.5 प्रतिशत की दर लगती है. इसमें 5 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है. इसके अलावा स्टांप ड्यूटी पर 30 प्रतिशत का अलग से सरचार्ज भी लगता है.

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