हनुमानगढ़. गोलूवाला में हुआ जघन्य अपराध बुधवार देर रात का है, जब एक संदिग्ध व्यक्ति, युवती के घर में घुसता है और जिस कमरे में पीड़िता सो रही होती थी. उसके बाहर काफी मात्रा में केरोसिन उड़ेल देता है. फिर पीड़िता को उसका नाम लेकर आवाज देता है. पीड़िता जैसे ही कमरे से बाहर निकलती है तो उसे आग के हवाले कर देता है. इतना ही नहीं, संदिग्ध पूरी तैयारी के साथ आया था और पीड़िता का भाई, जिस कमरे में सो रहा था. उस कमरे के बाहर रस्सी बांध देता है. ताकि भाई बचाने के लिए बाहर न आ सके.
घटना के बाद परिजन पीड़िता को पहले श्रीगंगानगर अस्पताल, फिर बीकानेर और बाद में जयपुर एसएमएस अस्पताल में ले गए. जहां झुलसी युवती ने घटना के 48 घंटे बाद दम तोड़ दिया. पीड़िता की मौत से पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पीड़िता प्रदीप बिश्नोई का नाम ले रही है, जिसको पुलिस ने आरोपों के आधार पर राउंडअप किया है.
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अब तक पुलिस जांच में क्या हुआ?
घटनास्थल से पुलिस के हाथ, एक खाली बोतल और कुछ अन्य समान हाथ लगा है. अब पुलिस का पूरा फोकस CCTV फुटेज और CDR की जांच पर है. फुटेज में एक बाइक सवार मृतका के घर की तरफ और दीवार फांदते हुए दिख रहा है. पुलिस इस मामले में प्रदीप बिश्नोई नाम के युवक को राउंडअप कर पूछताछ कर रही है.
आखिर क्यों प्रदीप बिश्नोई को पुलिस ने किया राउंडअप?
मृतका की नानी ने इस मामले में गुरुवार को गोलूवाला थाने में मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया था, साल 2018 में उसकी दोहती ने गोलूवाला सिहगान निवासी प्रदीप बिश्नोई पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाया था. आरोपी डेढ़ साल से जमानत पर रिहा है और वह उसकी दोहती को जान से मारने की धमकियां देता रहता था. उसका पीछा भी करता था. 15 दिन पहले ही फिर आरोपी ने जान से मारने की धमकी देते हुए कहा था, वो ऐसे जेल नहीं जाएगा. उसको मारकर ही जेल जाएगा, जिस दिन घटना हुई. आरोपी ने पहले मृतका को दुष्कर्म का मुकदमा वापस लेने की धमकी दी और नहीं मानने पर थप्पड़ मारा और फिर जला दिया. पुलिस ने मृतका की नानी की शिकायत के आधार पर घटना के बाद माहौल गरमाते देख प्रदीप बिश्नोई को पूछताछ के लिए राउंडअप किया. लेकिन न तो अभी तक पुलिस के हाथ कोई खास सुराग लगा है और न ही दस्तयाब किए युवक ने कुछ खुलासा किया है.
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नानी और बेटी का रो-रोकर बुरा हाल
विवाहिता मृतका अपने पति से अलग अपनी नानी के पास रहती थी, जिसकी एक 13 साल की बेटी भी है. घटना के बाद से ही पीड़िता की नानी और मृतका की बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों, दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की बात बार-बार कह रही हैं.
प्रदेश की राजनीति गरमाई
घटना के बाद प्रदेश में राजनीति भी गरमाने लगी. विपक्ष द्वारा राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात और विपक्षी नेताओं ने एक पर एक लगातार ट्वीट करते हुए सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं. वहीं सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी दोषी को सख्त से सख्त सजा यानी फांसी तक की मांग कर चुके हैं. वहीं शनिवार को हनुमानगढ़ प्रभारी और ऊर्जा मंत्री बीड़ी कल्ला गोलूवाला पहुंच रहे हैं और पीड़ित परिवार से मिलकर परिजनों को पांच लाख रुपए का चेक सहायता राशि के रूप में सौपेंगे.
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साल 2019 की एक दास्तां?
साल 2019 में सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग से छेडछाड़ फिर बदनाम करने और मुकदमा वापस लेने की धमकियां यानी कि जुर्म पर जुर्म और निरंतर जुर्म व मानसिक प्रताड़ना के बाद एक ही परिवार के तीन लोग बेटी, पिता और मां ने आत्महत्या कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली थी. पिता और पुत्री की मौत के बाद भी आरोपी मां को केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे. तब मां ने भी तंग आकर आत्महत्या कर ली थी.
हालांकि, दोषियों को पॉक्सो कोर्ट ने 17 दिसम्बर 2020 को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी. लेकिन इस मामले में कई परिवार तबाह हो गए. यही इस मामले में भी हुआ, लगातर मृतका को धमकियों पर धमकियां दी जा रही थी, पीड़िता का पीछा किया जा रहा था और अंततः अंजाम ये हुआ कि पीड़िता ने अपनी जान गंवा दी.