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कृषि कानूनों के विरोध में हनुमानगढ़ में चक्का जाम प्रदर्शन

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर हनुमानगढ़ में किसान संगठनों और कांग्रेस ने चक्का जामकर प्रदर्शन किया. इस दौरान वाहन चालक को काफी परेशानी उठानी पड़ी.

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कृषि कानूनों के विरोध में हनुमानगढ़ में चक्का जाम प्रदर्शन
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Published : Feb 6, 2021, 10:06 PM IST

हनुमानगढ़. किसान संगठन द्वारा देशव्यापी चक्का जाम के आह्वान के चलते हनुमानगढ जिले में भी किसानों और विपक्षी राजनीतिक संगठनों द्वारा दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम कर सभाओं का आयोजन किया गया. जिले में मुख्यता टाउन-जक्शन मार्ग, सतीपुरा मार्ग, हनुमानगढ-सूरतगढ़ मार्ग पर स्थित मक्कासर गांव, हनुमानगढ़-जयपुर हाईवे के कोहला टोल नाके सहित तहसील स्तर पर भी जाम की स्थिति रही.

जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिली. वहीं वाहन शहर के बीचोबीच जाम की वजह से वाहन चालक परेशान दिखे. वहीं महिला जनवादी समिति राज्य अध्यक्ष चंद्रकला वर्मा और माकापा नेता रामेश्वर वर्मा सहित सभी ने एकजुट होकर चेतावनी दी कि अगर कानून वापिस नहीं लिए गए, तो वे दिल्ली कूच करते हुए आंदोलन को उग्र रूप देंगे.

यह भी पढ़ें- चूरू गैंगवार मामले पर सांसद राहुल कस्वां का बयान, एसओजी कार्यालय खोलने की मांग

बता दें कि कृषि कानून रद्द करने को लेकर पिछले सवा दो माह से किसान दिल्ली से लेकर हनुमानगढ में आंदोलनरत है. इसी बीच कई घटनाक्रम भी हुए. कानून व्यवस्था भी बिगड़ी, लेकिन किसान और सरकार अपनी-अपनी बात पर अड़े है, जिसका खामियाजा कहीं न कहीं आमजन को भुगतना पड़ रहा है.

हनुमानगढ़. किसान संगठन द्वारा देशव्यापी चक्का जाम के आह्वान के चलते हनुमानगढ जिले में भी किसानों और विपक्षी राजनीतिक संगठनों द्वारा दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम कर सभाओं का आयोजन किया गया. जिले में मुख्यता टाउन-जक्शन मार्ग, सतीपुरा मार्ग, हनुमानगढ-सूरतगढ़ मार्ग पर स्थित मक्कासर गांव, हनुमानगढ़-जयपुर हाईवे के कोहला टोल नाके सहित तहसील स्तर पर भी जाम की स्थिति रही.

जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिली. वहीं वाहन शहर के बीचोबीच जाम की वजह से वाहन चालक परेशान दिखे. वहीं महिला जनवादी समिति राज्य अध्यक्ष चंद्रकला वर्मा और माकापा नेता रामेश्वर वर्मा सहित सभी ने एकजुट होकर चेतावनी दी कि अगर कानून वापिस नहीं लिए गए, तो वे दिल्ली कूच करते हुए आंदोलन को उग्र रूप देंगे.

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बता दें कि कृषि कानून रद्द करने को लेकर पिछले सवा दो माह से किसान दिल्ली से लेकर हनुमानगढ में आंदोलनरत है. इसी बीच कई घटनाक्रम भी हुए. कानून व्यवस्था भी बिगड़ी, लेकिन किसान और सरकार अपनी-अपनी बात पर अड़े है, जिसका खामियाजा कहीं न कहीं आमजन को भुगतना पड़ रहा है.

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