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हनुमानगढ़ : निजी स्कूल और परिवहन विभाग में तनातनी...बैठक कर निकाला मसले का हल

हनुमानगढ़ में निजी स्कूल की बाल वाहिनियों पर परिवहन विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. जिसके चलते निजी स्कूल संचालक आक्रोश में है. साथ ही उन्होंने बाल वाहिनियों को बंद कर देने की बात कही. परिवहन विभाग अधिकारी और निजी स्कूल संचालक संघ द्वारा एक बैठक आयोजित कर आपस में बातचीत कर मसले का हल निकाला गया.

निजी स्कूलों और परिवहन विभाग ने आपस में बैठक का आयोजन किया
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Published : Jul 25, 2019, 12:39 PM IST

हनुमानगढ़. जिले में निजी स्कूल की बाल वाहिनियों पर परिवहन विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. जिसके चलते निजी स्कूल संचालक आक्रोश में है. उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे सभी बाल वाहिनियों को बंद कर देंगे. जिससे बच्चों को स्कूलों में आने- जाने में समस्या होगी. इसके बाद परिवहन विभाग अधिकारी और निजी स्कूल संचालक संघ द्वारा एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने आपसी सुझाव से मसले को हल करने का प्रयास किया .

निजी स्कूल और परिवहन विभाग में तनातनी, बैठक कर निकाला मसले का हल

हनुमानगढ़ में इन दिनों निजी स्कूल संचालकों और परिवहन अधिकारी के बीच तनातनी चल रही है. परिवहन अधिकारी द्वारा बाल वाहिनियों पर कार्रवाई करने और चालान काटने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि शहर में अधिकतर बाल वाहनियां बिना कागजात बिना फिटनेस के चल रही है. जिसकी वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती है.

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला परिवहन अधिकारी ने इन बाल वाहिनी पर नकेल कसी और उन के लगातार 5 दिन तक चालान काटे गए. जिससे निजी स्कूल संचालक परेशानी हो गए. जिला परिवहन अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि हाईकोर्ट के आदेशों के आधार पर वे कार्रवाई कर रहे हैं. लेकिन निजी संचालकों ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी कागजात होते हुए भी उनके बाल वाहिनियों के चालान काटे जा रहे है.

वहीं इस बैठक के बाद जिला परिवहन अधिकारी ने कहा कि वह सब नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं. कुछ एक गलतियां अगर अधिकारियों से हुई है ,तो इसे दुरुस्त करवाएंगे लेकिन बाल वाहिनी को नियमानुसार ही चलने देंगे. इसके लिए बसों में पैनिक बटन आवश्यक है .उसके लिए भी बात की गई है और चालको को 7 दिन का समय दिया गया है. अगर 7 दिनों में यह बाल वाहिनियों में नियम के अनुसार व्यवस्था नहीं करते हैं तो वह दोबारा से चालान करेंगे.

हालांकि बैठक के बाद निजी स्कूल संचालकों ने राहत महसूस किया. जिला परिवहन अधिकारी ने उनकी सुनवाई की, और कुछ बातों पर सहमति जताई है .लेकिन जिस तरह से जिला परिवहन अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि बाल वाहिनियों को नियम और कानून के तहत ही चलना होगा. अब देखना होगा कि क्या स्कूल संचालक परिवहन विभाग के नियमानुसार अपने बाल वाहनियों को चलाते है या नहीं.

हनुमानगढ़. जिले में निजी स्कूल की बाल वाहिनियों पर परिवहन विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. जिसके चलते निजी स्कूल संचालक आक्रोश में है. उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि वे सभी बाल वाहिनियों को बंद कर देंगे. जिससे बच्चों को स्कूलों में आने- जाने में समस्या होगी. इसके बाद परिवहन विभाग अधिकारी और निजी स्कूल संचालक संघ द्वारा एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने आपसी सुझाव से मसले को हल करने का प्रयास किया .

निजी स्कूल और परिवहन विभाग में तनातनी, बैठक कर निकाला मसले का हल

हनुमानगढ़ में इन दिनों निजी स्कूल संचालकों और परिवहन अधिकारी के बीच तनातनी चल रही है. परिवहन अधिकारी द्वारा बाल वाहिनियों पर कार्रवाई करने और चालान काटने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि शहर में अधिकतर बाल वाहनियां बिना कागजात बिना फिटनेस के चल रही है. जिसकी वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती है.

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला परिवहन अधिकारी ने इन बाल वाहिनी पर नकेल कसी और उन के लगातार 5 दिन तक चालान काटे गए. जिससे निजी स्कूल संचालक परेशानी हो गए. जिला परिवहन अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि हाईकोर्ट के आदेशों के आधार पर वे कार्रवाई कर रहे हैं. लेकिन निजी संचालकों ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी कागजात होते हुए भी उनके बाल वाहिनियों के चालान काटे जा रहे है.

वहीं इस बैठक के बाद जिला परिवहन अधिकारी ने कहा कि वह सब नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं. कुछ एक गलतियां अगर अधिकारियों से हुई है ,तो इसे दुरुस्त करवाएंगे लेकिन बाल वाहिनी को नियमानुसार ही चलने देंगे. इसके लिए बसों में पैनिक बटन आवश्यक है .उसके लिए भी बात की गई है और चालको को 7 दिन का समय दिया गया है. अगर 7 दिनों में यह बाल वाहिनियों में नियम के अनुसार व्यवस्था नहीं करते हैं तो वह दोबारा से चालान करेंगे.

हालांकि बैठक के बाद निजी स्कूल संचालकों ने राहत महसूस किया. जिला परिवहन अधिकारी ने उनकी सुनवाई की, और कुछ बातों पर सहमति जताई है .लेकिन जिस तरह से जिला परिवहन अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि बाल वाहिनियों को नियम और कानून के तहत ही चलना होगा. अब देखना होगा कि क्या स्कूल संचालक परिवहन विभाग के नियमानुसार अपने बाल वाहनियों को चलाते है या नहीं.

Intro:हनुमानगढ़ में निजी स्कूल की बाल वाहिनीयो पर परिवहन विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है इसके चलते निजी स्कूल संचालक आक्रोश में है आक्रोश के बाद उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि वे सभी बाल वाहिनियों को बंद कर देंगे जिससे कि बच्चों को स्कूलों में आने जाने में समस्या होगी इसके बाद परिवहन विभाग अधिकारी और निजी स्कूल संचालक संघ द्वारा एक बैठक आयोजित की गई जिसमें आपसी सुझाव दिए गए


Body:हनुमानगढ़ में इन दिनों निजी स्कूल संचालकों और परिवहन अधिकारी के बीच तनातनी चल रही है तनातनी की वजह है परिवहन अधिकारी द्वारा बाल वाहिनीयों पर कार्रवाई करने और उनके चालान करने की गौरतलब है कि शहर में जो बाल भाई मियां घूम रही है अधिकतर बिना कागजात बिना फिटनेस के चल रही थी अक्सर जो दुर्घटनाएं होती है उसे रोकने के लिए जिला परिवहन अधिकारी ने इन बाल वाहिनी पर नकेल कसी और उनके लगातार 5 दिन तक चालान किए गए जिससे निजी स्कूल संचालक परेशानी में आ गए जिला परिवहन अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि हाईकोर्ट के जो आदेश है उसी आदेशों के आधार पर वे कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन निजी संचालकों ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी कागजात होते हुए भी उनके बालवाहीनियों के चालान कर रहे हैं जिससे उनमें आक्रोश है

बाईट: सुरेश शर्मा,अध्यक्ष,शिक्षण संघ

वहीं इस बैठक के बाद जिला परिवहन अधिकारी ने कहा कि वह सब नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं कुछेक अगर गलतियां अधिकारियों से हुई है तो इसे दुरुस्त करवाएंगे लेकिन बाल वाहिनी को नियमानुसार ही चलने देंगे इसके लिए बसों में पैनिक बटन आवश्यक है उसके लिए भी बात की गई है और 7 दिनों का समय दिया गया है अगर 7 दिनों में यह बाल वाहिनियों में नियम के अनुसार व्यवस्था नहीं करते हैं तो वह दोबारा से चालान करेंगे

बाईट: देवानन्द नायक,जिला परिवहन अधिकारी



Conclusion:हालांकि बैठक के बाद निजी स्कूल संचालकों ने कुछ राहत जरूर ली है कि जिला परिवहन अधिकारी ने उनकी सुनवाई की और कुछ बातों पर सहमति बनी है लेकिन जिस तरह से जिला परिवहन अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि बाल वाहिनीयों को नियम और कानून के तहत ही चलना होगा अब देखना होगा कि जो साथ देने का समय नहीं स्कूल संचालकों को दिया गया है उसके बाद क्या वे नियम और कानून पर अपनी बाल वाहिनी को चलाते हैं
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