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केंद्र सरकार की 'हां'...राज्य सरकार की 'ना'...कैसे चलेगी पुजारियों की रोजी-रोटी?

देश में फैले कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया लॉकडाउन में हैं. जिसके कारण कई वर्गों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण सरकार ने मंदिरों को भी बंद कर दिया है. जिसके चलते मंदिरों के पुजारियों पर रोजी-रोटी का संकट भी गहराता जा रहा है. जिसको लेकर पुजिरियों का कहना है कि मंदिर खोल दिए जाएं या तो सरकार उनकी आर्थिक रूप से मदद करे.

राजस्थान की खबर, hanumangarh news
देश में लॉकडाउन होने के कारण पुजारियों पर संकट
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Published : Jun 1, 2020, 1:37 PM IST

Updated : Jun 1, 2020, 1:42 PM IST

हनुमानगढ़. लॉकडाउन के कारण जब पूरी दुनिया थमी हुई है. इस बीच सरकारी आदेश के बाद से ही सभी धार्मिक स्थल बन्द हैं. जिसका खामियाजा सीधे-सीधे धार्मिक स्थलों को संभाल रहे पुजारियों और मौलवियों को भुगतना पड़ रहा है. माना जाता है की नवरात्रि, हनुमान जयंती और फिर अक्षय तृतीया ये सभी पर्व धार्मिक और दान-दक्षिणा के लिहाज से काफी मत्वपूर्ण होते हैं. लेकिन लॉकडाउन में सब सूने गुजर गए. ना मंदिरों में पूजा पाठ हो रहा है और ना ही पुजारियों को पूजा पाठ के लिए बुलाया जा रहा है. ऐसे में पुजारियों और मौलवियों के परिवारों की आवाज सरकारों तक पहुंचाने के लिए ETV भारत की टीम ने इन परिवारों के हालात जानने चाहे की आखिर वो कैसे अपना जीवन निर्वहन कर रहे हैं.

देश में लॉकडाउन होने के कारण पुजारियों पर संकट

जब ईटीवी भारत हनुमानगढ़ टाउन स्थित बाबा रामदेव मंदिर और गोगामेड़ी मंदिर पहुंचा तो वहां बचपन से संभाल रहीं पार्वती और गोमती देवी से इस बारे में बात की तो उनकी पीड़ा कुछ यूं छलक कर सामने आई. पार्वती और गोमती बताती हैं कि बीते 90 दिन से मंदिर में श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं. पुलिस की सख्ती के कारण मंदिरों में होने वाले आयोजन पूरी तरह से बंद हैं. चढ़ावा और दान ना आने से अब जीवन यापन करने में मुश्किल आ रही है. ऐसे में सरकार को प्रमुखता से पहल कर उन्हें आर्थिक मदद करनी चाहिए या मंदिर के पट खोले जाएं ताकि उनकी जिंदगी पटरी पर आ सके.

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मंदिरों पर लगे ताले

पढ़ें- हनुमानगढ़: विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर खुलेआम उड़ी नियमों की धज्जियां

वरिष्ठ नागरिकों का कहना है की हर प्रतिष्ठान खुल चुके हैं यहां तक की शराब की दुकानों भी खोल दी गई हैं और केंद्र सरकार ने भी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है. अब राज्य सरकार से मांग है कि या तो मंदिरों को सावधानियों और सुरक्षा प्रबंधों के नियमों की पालना के आदेशों के बाद खोलने की अनुमति दे या फिर धार्मिक स्थलों को संभाल रहे परिवारों को आर्थिक मदद करे.

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मंदिर बंद होने से पुजारियों पर रोटी का संकट

नवरात्रि में मंदिरों में भारी चढ़ावा मिलता है, लेकिन इस बार नवरात्रि के पहले ही दिन से लॉकडाउन शुरू हो गया था. इसलिए किसी तरह का अनुष्ठान और दान-दक्षिणा नहीं आई. उसके बाद हनुमान जयंती भी सूखी निकल गयी. वहीं, चढ़ावे और दान-दक्षिणा और शादी का तीसरा बड़ा मौका अक्षय तृतीया था. लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार शादी ब्याह भी नहीं हो रहे. ना ही भक्त मंदिर में आ रहे. ऐसे में पुजारियों के परिवारों की स्थिति बदहाल हो रही है.

हनुमानगढ़. लॉकडाउन के कारण जब पूरी दुनिया थमी हुई है. इस बीच सरकारी आदेश के बाद से ही सभी धार्मिक स्थल बन्द हैं. जिसका खामियाजा सीधे-सीधे धार्मिक स्थलों को संभाल रहे पुजारियों और मौलवियों को भुगतना पड़ रहा है. माना जाता है की नवरात्रि, हनुमान जयंती और फिर अक्षय तृतीया ये सभी पर्व धार्मिक और दान-दक्षिणा के लिहाज से काफी मत्वपूर्ण होते हैं. लेकिन लॉकडाउन में सब सूने गुजर गए. ना मंदिरों में पूजा पाठ हो रहा है और ना ही पुजारियों को पूजा पाठ के लिए बुलाया जा रहा है. ऐसे में पुजारियों और मौलवियों के परिवारों की आवाज सरकारों तक पहुंचाने के लिए ETV भारत की टीम ने इन परिवारों के हालात जानने चाहे की आखिर वो कैसे अपना जीवन निर्वहन कर रहे हैं.

देश में लॉकडाउन होने के कारण पुजारियों पर संकट

जब ईटीवी भारत हनुमानगढ़ टाउन स्थित बाबा रामदेव मंदिर और गोगामेड़ी मंदिर पहुंचा तो वहां बचपन से संभाल रहीं पार्वती और गोमती देवी से इस बारे में बात की तो उनकी पीड़ा कुछ यूं छलक कर सामने आई. पार्वती और गोमती बताती हैं कि बीते 90 दिन से मंदिर में श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं. पुलिस की सख्ती के कारण मंदिरों में होने वाले आयोजन पूरी तरह से बंद हैं. चढ़ावा और दान ना आने से अब जीवन यापन करने में मुश्किल आ रही है. ऐसे में सरकार को प्रमुखता से पहल कर उन्हें आर्थिक मदद करनी चाहिए या मंदिर के पट खोले जाएं ताकि उनकी जिंदगी पटरी पर आ सके.

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मंदिरों पर लगे ताले

पढ़ें- हनुमानगढ़: विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर खुलेआम उड़ी नियमों की धज्जियां

वरिष्ठ नागरिकों का कहना है की हर प्रतिष्ठान खुल चुके हैं यहां तक की शराब की दुकानों भी खोल दी गई हैं और केंद्र सरकार ने भी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है. अब राज्य सरकार से मांग है कि या तो मंदिरों को सावधानियों और सुरक्षा प्रबंधों के नियमों की पालना के आदेशों के बाद खोलने की अनुमति दे या फिर धार्मिक स्थलों को संभाल रहे परिवारों को आर्थिक मदद करे.

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मंदिर बंद होने से पुजारियों पर रोटी का संकट

नवरात्रि में मंदिरों में भारी चढ़ावा मिलता है, लेकिन इस बार नवरात्रि के पहले ही दिन से लॉकडाउन शुरू हो गया था. इसलिए किसी तरह का अनुष्ठान और दान-दक्षिणा नहीं आई. उसके बाद हनुमान जयंती भी सूखी निकल गयी. वहीं, चढ़ावे और दान-दक्षिणा और शादी का तीसरा बड़ा मौका अक्षय तृतीया था. लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार शादी ब्याह भी नहीं हो रहे. ना ही भक्त मंदिर में आ रहे. ऐसे में पुजारियों के परिवारों की स्थिति बदहाल हो रही है.

Last Updated : Jun 1, 2020, 1:42 PM IST
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