डूंगरपुर. जिले के सागवाड़ा थाना क्षेत्र के फावड़ा गांव में मंगलवार आधी रात को दिल दहलाने वाली घटना हुई. एक महिला ने घर में रखी घास में आग लगाकर जिंदा जल गई. वहीं, घर में बंधी एक बकरी भी जल गई. जबकि उसी घर में उसके 5 बच्चें भी सो रहे थे. बच्चों के चिल्लाने की आवाज सुनकर आस पास के लोग दौड़कर आए और बच्चों को बचा लिया, लेकिन आग के कारण बच्चें भी मामूली रुप से झुलस गए हैं.
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पुलिस के अनुसार हितेश ननोमा निवासी फावटा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है, जिसमें उसने बताया है कि उसका भाई अमृतलाल ननोमा गुजरात में मजदूरी करता है. वहीं, उसकी भाभी हंता ननोमा उम्र 35 साल अपने 5 बच्चों के साथ घर पर रहती है. भाभी मानसिक रूप से बीमार भी है.
मंगलवार रात को हंता ओर उसके बच्चे घर में सो रहे थे. आधी रात को हंता उठी और घर में रखी घास में आग लगा दी और खुद भी जिंदा जल गई. घर में आग की लपटें देख खाट पर सो रहे बच्चें उठ गए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे तो आसपास के लोग दौड़कर पंहुचे और घर में फंसे बच्चों को बाहर निकाला, जिसमें से बड़ा बच्चा भी मामूली रुप से झुलस गया है.
वहीं, काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. आग के कारण हंता गंभीर रूप से झुलस गई थी, जिसे सागवाड़ा अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे वहां से रेफर कर दिया. डूंगरपुर अस्पताल में जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. आग के कारण घर में बंधी एक बकरी भी जलकर मर गई.
इस हादसे के बाद परिवार में मातम का माहौल है. वहीं बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया. घटना को लेकर परिजनों ने किसी भी तरह के संदेह से इंकार कर दिया, जिस ओर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.