डूंगरपुर. आंगनबाड़ी केंद्रों में नन्हें बच्चों को परोसे जाने वाली पोषाहार की थाली पर महंगाई भारी पड़ती नजर आ रही है. सरकार की ओर से पोषाहार में एक बार फिर बदलाव किया गया है. जिसके तहत अब मौसम के अनुसार बच्चों को देशी घी के लड्डू भी खिलाए जाएंगे. लेकिन सरकार की ओर से पोषाहार को लेकर जो राशि पहले दी जाती थी. वही राशि अब नए मेन्यू के बाद भी मिलेगी. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता परेशान हैं, तो वहीं पोषाहार की राशि बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं.
प्रदेश में नन्हें बच्चों को शिक्षा के साथ ही पौष्टिक आहार के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की गई. इसके बाद आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को शुरुआती दौर में गर्म खिचड़ी और दलिया दिया जाने लगा. जिसके कारण यहां कई बच्चे आने लगे.
इसके बाद बच्चों की रुचि बढ़ाने के साथ ही उनका ठहराव सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने समय-समय पर पोषाहार के मेन्यू में बदलाव किए. जिसमें बच्चों के लिए दलिया और खिचड़ी के साथ ही सब्जी, दाल और रोटी भी दी जाने लगी. इसके लिए सरकार की ओर से प्रति बच्चे साढ़े 4 रुपए दिए जाते हैं.
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वहीं सरकार ने फिर मेन्यू में बदलाव करते हुए सप्ताह के दो दिन बच्चों को फल देना शुरू किया, लेकिन बच्चों को पोषाहार के लिए दी जाने वाली राशि नहीं बढ़ाई. इसके बाद दो साल पहले बच्चों को पोषाहार में दूध दिया जाने लगा और अब सरकार ने देशी घी के लड्डू खिलाने के आदेश दिए हैं. जिसके तहत बच्चों को मौसम के अनुसार बेसन और तिल के लड्डू खिलाने होंगे. सरकार ने हर बार की तरह इस बार भी लड्डू खिलाने के आदेश कर दिए, लेकिन किसी तरह की राशि में बढ़ोतरी नहीं की गई.
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महंगाई के बावजूद सरकार के आदेशों की पालना में मेन्यू के अनुसार ही बच्चों को भोजन करवाने को मजबूर हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ सीमलवाड़ा की अध्यक्ष ने बताया कि सरकार ने जब आंगनबाड़ी केंद्रों में खिचड़ी और दलिया देने की शुरुआत की थी, तब से लगाकर अब तक प्रति बच्चे पर साढ़े 4 रुपए का भुगतान ही किया जा रहा है.
जबकि सरकार ने पिछले सालों में मेन्यू में कई बार बदलाव किए और अब तो दूध के अलावा देसी घी के लड्डू भी देने होंगे, लेकिन सरकार ने राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की है. जबकि महंगाई भी बढ़ती जा रही है और ऐसे में भोजन के लिए जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने महंगाई के साथ मेन्यू के अनुसार राशि में भी बढ़ोतरी करने की मांग रखी है.