डूंगरपुर. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि शुक्रवार को जिले के दौरे पर रहे. इस दौरान मंदिर के नाम की जमीन को बेचने और विवादों के बाद दिगंबर रोहितपुरी को खीरेश्वर महादेव मंदिर और निरंजनी अखाड़े से बहिष्कृत कर दिया है. अब यहां की किसी संपत्ति और यहां के किसी भी कार्य में उनका अधिकार नहीं रहेगा.
बता दें कि यह निर्णय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौजूदगी में लिया गया. इस दौरान अखाड़े के महंत हरगोविंद पुरी भी मौजूद थे. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि दिगंबर रोहितपुरी जो कि पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी के सन्यासी थे, उन्हें अखाड़े से जुड़े खीरेश्वर मंदिर में अमर्यादित आचरण और महंत हरगोविंद पुरी की शिकायत पर हटाया गया है. महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि दिगंबर रोहितपुरी को पूर्व में भी वर्ष 2001 में एमपी के बाबा पालडिया से बहिष्कृत किया गया था.
अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि दिगंबर रोहितपुरी को अखाड़े से बहिष्कृत किया गया था, लेकिन वे जबरन खीरेश्वर में रहने लगे और खीरेश्वर धाम का दूरुपयोग करने लगे. इसकी शिकायत महंत ने भी की थी. इस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सदस्यों ने यह निर्णय लिया है कि खीरेश्वर महादेव मंदिर से रोहितपुरी का अब कोई संबंध नहीं है.
रोहितपुरी पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने अखाड़े से जुड़ी 15 बीघा भूमि अपने नाम कराकर बेच दी है. रोहितपुरी ने वर्ष 2006 में अवैध तरीके से यह 15 बीघा भूमि अपने नाम करा ली थी, इसमें से अब 5 बीघा भूमि किसी महिला के नाम बेच दी. अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि खीरेश्वर महादेव मंदिर और महंत की संपत्ति किसी की व्यक्तिगत नहीं होती. उसे बेचने का किसी को अधिकार नहीं है. उसका केवल उपभोग हो सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में महंत हरिगोविंदपुरी को रोहितपुरी नाजायज तरीके से परेशान भी कर रहे थे. इन्हीं सब कारणों से रोहितपुरी को खीरेश्वर महादेव मंदिर से बहिष्कृत किया जा रहा है.