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शिक्षक किताबी ज्ञान के साथ देश और दुनिया में क्या चल रहा है, यह भी स्टूडेंट्स को बताएं: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े - GOVERNOR MESSAGE TO TEACHERS

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कोटा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अध्यापकों से कहा कि स्टूडेंट्स को देश—दुनिया का ज्ञान भी दें.

Governor Haribhau Bagade
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 24, 2025, 5:57 PM IST

कोटा: कोटा विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षान्त समारोह का आयोजन शुक्रवार को बालाजी मार्केट स्थित केडीए ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ. इसमें अध्यक्षता यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने की. बतौर मुख्य वक्ता यूजीसी के पूर्व चेयरमैन व मुम्बई के टाटा सामाजिक संस्थान के कुलाधिपति प्रो डीपी सिंह व कुलपति प्रो कैलाश सोडाणी थे. राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं है. जीवन उज्ज्वल राह की तरफ बढ़ता है. कितना पढ़ा यह जरूरी नहीं है. पढ़े हुए को जीवन में कितना उतारा है, यह महत्वपूर्ण है. नैतिक मूल्य व आचरण की तरफ शिक्षा से परिवर्तन किया जाना चाहिए. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि पाठ्य पुस्तक का ज्ञान पढ़ाएं. इसके साथ विश्व में नया क्या है, उसकी जानकारी भी दें. स्टूडेंट की उत्सुकता बढ़ाएं.

बागड़े ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत तीन साल के लड़कों को बुलाने वाले हैं. जब ये बच्चें यूट्यूब पर देखते हैं, तो सीखते हैं. उनकी बौद्धिक क्षमता व कॅरियर के लिए जरूरी है. हमारे प्राचीन ग्रन्थ ज्ञान के भंडार हैं. इनसे काफी कुछ सिख सकते हैं. व्यावहारिक रूप से जीवन की शुरूआत कर सकते हैं. हमने यह पढ़ें नहीं. हमारे सन 1150 में लिखे ग्रंथ में आकर्षण का सिद्धांत था. एक विदेशी ने 1530 में गुरुत्वाकर्षण की खोज की. हमने यह ग्रन्थ पढ़े नहीं. जबकि इनमें पहले से था. ऐसे में हमें हमारे ग्रन्थों को देखना चाहिए. कार्यक्रम में विधायक कल्पना देवी व कुल सचिव भावना शर्मा सहित कई अतिथि मौजूद रहे.

पढ़ें: नई शिक्षा नीति का परिणाम 15 साल बाद नजर आएगा: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े - GOVERNOR HARIBHAU BAGDE

चांसलर हिमांगी और वाइस चांसलर मेडल शालिनी को: दीक्षांत समारोह में 58 गोल्ड मेडल दिए गए हैं. जिनमें चांसलर मेडल समाज विज्ञान संकाय के ग्लोबल प्रोग्राम इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट की टॉपर हिमांगी अग्रवाल और कुलपति पदक बैचलर ऑफ आर्ट्स की टॉपर अर्जित करने वाली शालिनी मालव को दिया. इनके अलावा गोल्ड मेडल भी टॉपर्स को दिए गए. जिनमें 41 छात्राएं व 15 छात्र हैं. ऐसे में 74 फीसदी मेडल में छात्राओं का कब्जा रहा. इसी तरह 58 पीएचडी की उपाधि दी गई. जिनमें 36 छात्राएं व 22 छात्र हैं. कॉन्वोकेशन में 92192 स्टूडेंट्स को डिग्रियां सौंपी गई. इसमें 2022 में पासआउट स्टूडेंट हैं. इसके साथ 2021 वाणिज्य के स्टूडेंट्स भी हैं.

पढ़ें: ABVP का 60वां प्रांत अधिवेशन, राज्यपाल ने दी ऐतिहासिक व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने की सलाह - ABVP 60TH STATE CONVENTION

सोशल मीडिया का भारतीय विकल्प तलाशना होगा: कुलपति प्रो कैलाश सोडाणी ने कहा कि सोशिय मीडिया में भी भारत को आगे बढ़ना होगा. हमें फेसबुक व ट्विटर का विकल्प खोजना होगा. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भी क्रांतिकारी परिवर्तन है. सोया हुआ सनातन अब चैतन्य हो गया है. उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास गुलामी का रहा है. हमारी प्राथमिकता रोटी, कपड़ा और मकान रही है. लेकिन इनके साथ धर्म भी मजबूत होना चाहिए. क्योंकि धर्म कमजोर होता है तो सब कुछ छीन लिया जाता है.

पढ़ें: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का सवाई माधोपुर दौरा, रणथंभौर नेशनल पार्क का भ्रमण कर देखी बाघों की अठखेलियां - GOVERNOR HARIBHAU BAGDE

मुख्य वक्ता डीपी सिंह ने कहा कि हमारे आने वाली जनसंख्या को कार्यशील उत्पादकता में जोड़ना होगा. इससे उपभोक्ता बाजार भी यह बढ़ाएंगे. इन्हें शिक्षा, विकास व रोजगार मिलने से यह कार्यबल का हिस्सा बनेंगे. उन्होंने कहा कि आज का युवा 2047 में डिसीजन मेकर भी बनेंगे. एसएमएस शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी है कि ग्लोबल सिटीजनशिप विकसित की जाए. स्टूडेंट को वैश्विक नागरिक बनाया जाए. यही नई शिक्षा नीति 2020 में भी विजन लिया गया है.

कोटा: कोटा विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षान्त समारोह का आयोजन शुक्रवार को बालाजी मार्केट स्थित केडीए ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ. इसमें अध्यक्षता यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने की. बतौर मुख्य वक्ता यूजीसी के पूर्व चेयरमैन व मुम्बई के टाटा सामाजिक संस्थान के कुलाधिपति प्रो डीपी सिंह व कुलपति प्रो कैलाश सोडाणी थे. राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं है. जीवन उज्ज्वल राह की तरफ बढ़ता है. कितना पढ़ा यह जरूरी नहीं है. पढ़े हुए को जीवन में कितना उतारा है, यह महत्वपूर्ण है. नैतिक मूल्य व आचरण की तरफ शिक्षा से परिवर्तन किया जाना चाहिए. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि पाठ्य पुस्तक का ज्ञान पढ़ाएं. इसके साथ विश्व में नया क्या है, उसकी जानकारी भी दें. स्टूडेंट की उत्सुकता बढ़ाएं.

बागड़े ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत तीन साल के लड़कों को बुलाने वाले हैं. जब ये बच्चें यूट्यूब पर देखते हैं, तो सीखते हैं. उनकी बौद्धिक क्षमता व कॅरियर के लिए जरूरी है. हमारे प्राचीन ग्रन्थ ज्ञान के भंडार हैं. इनसे काफी कुछ सिख सकते हैं. व्यावहारिक रूप से जीवन की शुरूआत कर सकते हैं. हमने यह पढ़ें नहीं. हमारे सन 1150 में लिखे ग्रंथ में आकर्षण का सिद्धांत था. एक विदेशी ने 1530 में गुरुत्वाकर्षण की खोज की. हमने यह ग्रन्थ पढ़े नहीं. जबकि इनमें पहले से था. ऐसे में हमें हमारे ग्रन्थों को देखना चाहिए. कार्यक्रम में विधायक कल्पना देवी व कुल सचिव भावना शर्मा सहित कई अतिथि मौजूद रहे.

पढ़ें: नई शिक्षा नीति का परिणाम 15 साल बाद नजर आएगा: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े - GOVERNOR HARIBHAU BAGDE

चांसलर हिमांगी और वाइस चांसलर मेडल शालिनी को: दीक्षांत समारोह में 58 गोल्ड मेडल दिए गए हैं. जिनमें चांसलर मेडल समाज विज्ञान संकाय के ग्लोबल प्रोग्राम इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट की टॉपर हिमांगी अग्रवाल और कुलपति पदक बैचलर ऑफ आर्ट्स की टॉपर अर्जित करने वाली शालिनी मालव को दिया. इनके अलावा गोल्ड मेडल भी टॉपर्स को दिए गए. जिनमें 41 छात्राएं व 15 छात्र हैं. ऐसे में 74 फीसदी मेडल में छात्राओं का कब्जा रहा. इसी तरह 58 पीएचडी की उपाधि दी गई. जिनमें 36 छात्राएं व 22 छात्र हैं. कॉन्वोकेशन में 92192 स्टूडेंट्स को डिग्रियां सौंपी गई. इसमें 2022 में पासआउट स्टूडेंट हैं. इसके साथ 2021 वाणिज्य के स्टूडेंट्स भी हैं.

पढ़ें: ABVP का 60वां प्रांत अधिवेशन, राज्यपाल ने दी ऐतिहासिक व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने की सलाह - ABVP 60TH STATE CONVENTION

सोशल मीडिया का भारतीय विकल्प तलाशना होगा: कुलपति प्रो कैलाश सोडाणी ने कहा कि सोशिय मीडिया में भी भारत को आगे बढ़ना होगा. हमें फेसबुक व ट्विटर का विकल्प खोजना होगा. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भी क्रांतिकारी परिवर्तन है. सोया हुआ सनातन अब चैतन्य हो गया है. उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास गुलामी का रहा है. हमारी प्राथमिकता रोटी, कपड़ा और मकान रही है. लेकिन इनके साथ धर्म भी मजबूत होना चाहिए. क्योंकि धर्म कमजोर होता है तो सब कुछ छीन लिया जाता है.

पढ़ें: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का सवाई माधोपुर दौरा, रणथंभौर नेशनल पार्क का भ्रमण कर देखी बाघों की अठखेलियां - GOVERNOR HARIBHAU BAGDE

मुख्य वक्ता डीपी सिंह ने कहा कि हमारे आने वाली जनसंख्या को कार्यशील उत्पादकता में जोड़ना होगा. इससे उपभोक्ता बाजार भी यह बढ़ाएंगे. इन्हें शिक्षा, विकास व रोजगार मिलने से यह कार्यबल का हिस्सा बनेंगे. उन्होंने कहा कि आज का युवा 2047 में डिसीजन मेकर भी बनेंगे. एसएमएस शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी है कि ग्लोबल सिटीजनशिप विकसित की जाए. स्टूडेंट को वैश्विक नागरिक बनाया जाए. यही नई शिक्षा नीति 2020 में भी विजन लिया गया है.

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