डूंगरपुर. चार दिन से डूंगरपुर प्रवास पर रहे प्रदेश के गृह सचिव नारायणलाल मीणा ने डूंगरपुर में हुए हिंसा पर दुख जताया. उन्होंने हिंसा को लेकर संवाद की कमी बताई. साथ ही मामले में गुजरात से कुछ लोगों के आकर हिंसा भड़काने के साक्ष्य मिलने की बात कहीं और कहा कि अन्य किसी राज्य से बाहरी लोगों के आने में अब तक कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन तमाम जो जानकारियां मिली है उनका अध्ययन किया जा रहा है.
गृह सचिव नारायणलाल मीणा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे पिछले चार दिनों से डूंगरपुर हिंसा मामले की जांच कर रहे हैं. इस दौरान हिंसा प्रभावित और प्रत्यक्षदर्शी लोग उनके पास पंहुचे ओर अपनी परिवेदनाएं दी. उनके बयान दर्ज कर लिए गए है. इसके साथ ही उनकी ओर से कुछ साक्ष्य भी दिए गए है. जिनका अध्ययन किया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में उपद्रव के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया, जिसमें हाईवे पर सरकारी और प्राइवेट वाहनों को जला दिया गया है. होटल, रेस्टोरेंट और दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई है, जिससे भारी नुकसान हुआ है.
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नारायणलाल मीणा ने हाईवे पर उपद्रव की घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने चाहिए और जैसा कि राजस्थान में साम्प्रदायिक सौहार्द की परंपरा रही है उसे फिर से कायम करना होगा. उन्होंने घटना को लेकर संवाद की कमी बताई. उन्होंने उपद्रव के कारण हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिलाने के लिए सरकार से पैरवी करने की बात कही.
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उन्होंने हिंसा में बाहरी राज्यों से लोगों के आने की बात से इंकार करते हुए कहा कि गुजरात से कुछ लोग आए थे, जिन्होंने उपद्रव को भड़काने का काम किया और इसकी जानकारी प्रशासन से मिली है, लेकिन छत्तीसगढ़ या झारखंड से किसी भी व्यक्ति के आने के अब तक कोई प्रमाण नहीं मिले है. उन्होंने कहा कि जांच को लेकर पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है, जिसे सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा.