डूंगरपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को जनजाति कल्याण के लिए संचालित योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति की विशेष ऑनलाइन समीक्षा की गई. राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्र के युवाओं का इंजीनियरिंग, मेडिकल, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए विशेष कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं.
जनजातीय क्षेत्र के आवासीय विद्यालयों, आश्रम छात्रावासों में रहकर ऊंचाइयां छूने वाले विद्यार्थियों को ट्राइबल रीजन टेलेंट के रूप में आगे लाने के निर्देश दिए ताकि वहां के युवा प्रदेश के रोल मॉडल बन सकें. उन्होंने आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के समुचित प्रसार के साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए. उन्होंने इन क्षेत्रों में महिलाओं में एनिमिया की समस्या अधिक होने पर चिंता जताते हुए स्वास्थ्य कर्मियों को इस संबंध में विशेष कार्य करने की आवश्यकता जताई.
उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर, टीबी, एनीमिया, कुपोषण आदि स्वास्थ्य सूचकांकों में अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र को राष्ट्रीय औसत के समकक्ष लाने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाने चाहिए. राज्यपाल ने आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार की सुविधाओं का विकास प्रभावी रूप में किए जाने के अंतर्गत उन्होंने कोचिंग सेवाओं के विस्तार और कौशल विकास के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की भी आवश्यकता जताई. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित आवासीय विद्यालयों, आश्रम तथा खेल छात्रावासों में शैक्षणिक एवं अन्य रिक्त पद शीघ्र भरे जाएं.
उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों, छात्रावासों में बिजली, जलापूर्ति, इंटरनेट आदि की व्यवस्था में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए. विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध करवाया जाए. राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्रों के युवाओं में वह आत्मविश्वास जगाने की जरूरत बताई, जिससे वे जॉब सीकर के बजाय जॉब प्रोवाइडर बन सकें. उन्होंने कहा कि इसके लिए इन क्षेत्रों में कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का विस्तार कर उनमें जरूरी सुविधाएं विकसित करने पर ध्यान दिया जाए. इससे इन केन्द्रों से प्रशिक्षण प्राप्त युवा नवाचार और उद्यमिता से अपने भविष्य की नई इबारत लिख सकेंगे.
राज्यपाल मिश्र ने अनुसूचित जनजाति के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रदान की जा रही निःशुल्क कोचिंग सुविधा में विस्तार करते हुए इसकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देने पर जोर दिया ताकि अंतिम रूप से चयनित होने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत में वृद्धि हो सके. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि छात्रवृत्ति यदि समय पर नहीं मिलती है तो न सिर्फ विद्यार्थी की पढ़ाई प्रभावित होती है बल्कि उसके परिवार को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसे देखते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग यह सुनिश्चित करे कि छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाला कोई भी विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित न रहे.