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डूंगरपुर: बालिका संस्कार शिविर का आयोजन, 205 बालिकाओं ने लिया हिस्सा

डूंगरपुर में राजपूत समाज की ओर से चार दिवसीय बालिका संस्कार शिविर का आयोजन किया गया. वहीं इस शिविर में बालिकाओं को नियमित ध्वज वंदना, प्रार्थना, खेल, बौद्धिक चर्चा, सामूहिक हवन और लघु नाटिकाओं के माध्यम से संस्कार दिया गया है.

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Published : Sep 10, 2019, 4:34 PM IST

डूंगरपुर न्यूज, dungarpur news

डूंगरपुर. वर्तमान में हावी होती पाश्चात्य संस्कृति के दुष्परिणामों को रोकने और शौर्य से ओतप्रोत राजपूत संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए उदयपुर संभाग के क्षत्रिय समाज ने अच्छी पहल शुरू की है. इसी कड़ी में डूंगरपुर जिले में राजपूत समाज की ओर से चार दिवसीय बालिका संस्कार शिविर आयोजित किया गया है.

बालिका संस्कार शिविर का आयोजन

शहर के सिसोदिया फार्म हाउस में आयोजित इस शिविर में संभाग की 205 बालिकाओं ने भाग लिया. चार दिन तक चलने वाले इस शिविर में बालिकाओं को नियमित ध्वज वंदना, प्रार्थना, खेल, बौद्धिक चर्चा, सामूहिक हवन और लघु नाटिकाओं के माध्यम से संस्कार दिए गए. वहीं ऐतिहासिक जानकारी के माध्यम से बालिकाओं को राजपूत समाज के अनुशासन, मर्यादा और शोर्य के बारे में भी बताया गया.

पढ़े: कांग्रेस ने कैडर तैयार करने के लिए कसी कमर

वहीं समापन समारोह को संबोधित करते हुए समाज के प्रतिनिधियों ने बालिकाओं से आव्हान किया कि वह शिविर में मिले प्रशिक्षण को अपने जीवन मे उतारे और राजपूती पोशाक को बढ़ावा देने के साथ-साथ मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से भी दूर रहने की कोशिश करे. इधर शिविर में भाग लेने वाली बालिकाओं ने भी पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहने और राजपूत संस्कृत को आत्मसात करने का विश्वास समाज को दिलाया.

डूंगरपुर. वर्तमान में हावी होती पाश्चात्य संस्कृति के दुष्परिणामों को रोकने और शौर्य से ओतप्रोत राजपूत संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए उदयपुर संभाग के क्षत्रिय समाज ने अच्छी पहल शुरू की है. इसी कड़ी में डूंगरपुर जिले में राजपूत समाज की ओर से चार दिवसीय बालिका संस्कार शिविर आयोजित किया गया है.

बालिका संस्कार शिविर का आयोजन

शहर के सिसोदिया फार्म हाउस में आयोजित इस शिविर में संभाग की 205 बालिकाओं ने भाग लिया. चार दिन तक चलने वाले इस शिविर में बालिकाओं को नियमित ध्वज वंदना, प्रार्थना, खेल, बौद्धिक चर्चा, सामूहिक हवन और लघु नाटिकाओं के माध्यम से संस्कार दिए गए. वहीं ऐतिहासिक जानकारी के माध्यम से बालिकाओं को राजपूत समाज के अनुशासन, मर्यादा और शोर्य के बारे में भी बताया गया.

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वहीं समापन समारोह को संबोधित करते हुए समाज के प्रतिनिधियों ने बालिकाओं से आव्हान किया कि वह शिविर में मिले प्रशिक्षण को अपने जीवन मे उतारे और राजपूती पोशाक को बढ़ावा देने के साथ-साथ मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से भी दूर रहने की कोशिश करे. इधर शिविर में भाग लेने वाली बालिकाओं ने भी पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहने और राजपूत संस्कृत को आत्मसात करने का विश्वास समाज को दिलाया.

Intro:डूंगरपुर। वर्तमान में हावी होती पाश्चात्य संस्कृति के दुष्परिणामो को रोकने व शौर्य से ओतप्रोत राजपूत संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए उदयपुर संभाग के क्षत्रिय समाज ने अच्छी पहल शुरू की है| इसी कड़ी में डूंगरपुर जिले में राजपूत समाज की ओर से चार दिवसीय बालिका संस्कार शिविर आयोजित किया गया।Body: डूंगरपुर शहर के सिसोदिया फ़ार्म हाउस में आयोजित हुए शिविर में संभाग की 205 बालिकाओं ने भाग लिया| चार दिन तक चले इस शिविर में  बालिकाओं को नियमित ध्वज वंदना, प्रार्थना, खेल, बौद्धिक चर्चा, सामूहिक हवन ओर लघु नाटिकाओं के माध्यम से संस्कार दिए गए। वही ऐतिहासिक जानकारी के माध्यम से बालिकाओं को राजपूत समाज के अनुशासन, मर्यादा ओर शौर्य के बारे में बताया गया।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए समाज के प्रतिनिधियों ने बालिकाओं से आव्हान किया कि वे शिविर में मिले प्रशिक्षण को अपने जीवन मे उतरे ओर राजपूती पोशाक को बढ़ावा देने के साथ मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से भी दूर रहे। इधर शिविर में भाग लेने वाली बालिकाओं ने भी पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहने व राजपूत संस्कृत व धर्म को आत्मसात करने का विश्वास समाजजन को दिलाया।

बाईट 1- राजेश्वरी, प्रशिक्षणार्थी
बाईट 2-  गंगासिंह, प्रांत प्रभारी क्षत्रिय संघConclusion:
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