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डूंगरपुर पंचायत समिति कुर्की से मुक्त...परिवादी को सौंपा 10 लाख का चेक

डूंगरपुर जिला न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को डूंगरपुर पंचायत समिति को सील करने के बाद प्रधान लक्ष्मण कोटेड और विकास अधिकारी ने मामले में अमानत राशि को ब्याज सहित चुकाने की प्रक्रिया शुरू की. जिसके बाद पंचायत समिति की ओर से 10 लाख 30 हजार रुपये का चेक परिवादी को सुपुर्द दिया गया.

डूंगरपुर पंचायत समिति, Dungarpur Panchayat Samiti
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Published : Sep 12, 2019, 7:14 PM IST

डूंगरपुर. जिला न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को डूंगरपुर पंचायत समिति को सील करने के बाद प्रधान लक्ष्मण कोटेड और विकास अधिकारी ने मामले में अमानत राशि को ब्याज सहित चुकाने की प्रक्रिया शुरू की. जिसके बाद पंचायत समिति की ओर से 10 लाख 30 हजार रुपये का चेक परिवादी चित्तौड़ा ट्रेडिंग कंपनी के प्रोप्राइटर जयंतीलाल जैन को सुपुर्द किया गया.

डूंगरपुर पंचायत समिति ने परिवादी को दिया 10 लाख का चेक

जिसके बाद पंचायत समिति कार्यालय पर लगाई गई सील को खोल दिया गया. बता दें कि इससे पहले गुरुवार को दोपहर के समय डूंगरपुर पंचायत समिति को सील कर दिया था. वहीं ये मामला 19 साल पुराना है, जिसमे पंचायत समिति ने दुकान निर्माण में लिए परिवादी चित्तौड़ा ट्रेडिंग कंपनी से 3 लाख रुपये लिए थे लेकिन पंचायत समिति ने न तो दुकाने बनाई और न ही रुपये लौटाए.

पढ़ेंः अजमेर: चोर-चोर के शोर ने कराई पुलिस की परेड, छतों से कूदकर हुआ फरार

जिस पर कोर्ट ने मामले में अमानत राशि के साथ ही ब्याज करीब 10 लाख रुपये चुकाने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद पंचायत समिति ने राशि नहीं दी, जिस पर गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर कुर्की के लिए पंचायत समिति पर सील की कार्रवाई की गई थी.

डूंगरपुर. जिला न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को डूंगरपुर पंचायत समिति को सील करने के बाद प्रधान लक्ष्मण कोटेड और विकास अधिकारी ने मामले में अमानत राशि को ब्याज सहित चुकाने की प्रक्रिया शुरू की. जिसके बाद पंचायत समिति की ओर से 10 लाख 30 हजार रुपये का चेक परिवादी चित्तौड़ा ट्रेडिंग कंपनी के प्रोप्राइटर जयंतीलाल जैन को सुपुर्द किया गया.

डूंगरपुर पंचायत समिति ने परिवादी को दिया 10 लाख का चेक

जिसके बाद पंचायत समिति कार्यालय पर लगाई गई सील को खोल दिया गया. बता दें कि इससे पहले गुरुवार को दोपहर के समय डूंगरपुर पंचायत समिति को सील कर दिया था. वहीं ये मामला 19 साल पुराना है, जिसमे पंचायत समिति ने दुकान निर्माण में लिए परिवादी चित्तौड़ा ट्रेडिंग कंपनी से 3 लाख रुपये लिए थे लेकिन पंचायत समिति ने न तो दुकाने बनाई और न ही रुपये लौटाए.

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जिस पर कोर्ट ने मामले में अमानत राशि के साथ ही ब्याज करीब 10 लाख रुपये चुकाने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद पंचायत समिति ने राशि नहीं दी, जिस पर गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर कुर्की के लिए पंचायत समिति पर सील की कार्रवाई की गई थी.

Intro:डूंगरपुर। पंचायत समिति डूंगरपुर को कुर्की से मुक्ति मिल गई है। इससे पहले पंचायत समिति को कोर्ट के आदेश पर कुर्की के लिए सील कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद पंचायत समिति ने चित्तौड़ा ट्रेडिंग कंपनी को चैक सौपकर कुर्की से मुक्त करवाया है।Body:डूंगरपुर जिला न्यायालय के आदेशों पर गुरुवार को डूंगरपुर पंचायत समिति को सील करने के बाद प्रधान लक्ष्मण कोटेड और विकास अधिकारी ने मामले में अमानत राशि को ब्याज सहित चुकाने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद पंचायत समिति की ओर से 10 लाख 30 हजार रुपये का चेक परिवादी चित्तौड़ा ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपाइटर जयंतीलाल जैन को सुपुर्द किया गया। जिसके बाद पंचायत समिति कार्यालय पर लगाई गई सील को खोल दिया गया। आपको बता दे कि इससे पहले गुरुवार को दोपहर के समय डूंगरपुर पंचायत समिति को सील कर दिया था। मामला 19 साल पुराना है, जिसमे पंचायत समिति ने दुकान निर्माण में लिए परिवादी चित्तौड़ा ट्रेडिंग कंपनी से 3 लाख रुपये लिए थे लेकिन पंचायत समिति ने न तो दुकाने बनाई और न ही रुपये लौटाए, जिस पर कोर्ट ने मामले में अमानत राशि के साथ ही ब्याज करीब 10 लाख रुपये चुकाने के आदेश दिए थे। बावजूद पंचायत समिति ने राशि नहीं दी, जिस पर गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर कुर्की के लिए पंचायत समिति पर सील की कार्रवाई की गई थी।Conclusion:
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