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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का अनिश्चितकालीन धरना छठे दिन भी जारी, कल मनाएंगी काली संक्रांति - STRIKE BY ANGANWADI WORKERS

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का अनिश्चितकालीन धरना छठे दिन भी जारी है. कल सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काली संक्रांति मनाएंगी.

Strike by Anganwadi workers
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 13, 2025, 10:28 PM IST

जयपुर: अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त, कर्मचारी संघ एकीकृत का धरना आज छठे दिन भी जारी रहा. पूर्व घोषणा के अनुसार विरोध स्वरूप आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ताओं ने रविवार को कार्यालय में झाड़ू निकाल कर और विभागीय अधिकारियों से भीख मांग कर अपना रोष व्यक्त किया. इसके साथ कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया है कल संक्रांति के त्योहार पर धरना जारी रहेगा. सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काली संक्रांति मनाएंगी.

वार्ता रही विफल: प्रदेश अध्यक्ष मधुबाला शर्मा ने बताया कि उनके नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधिमंडल उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दीया कुमारी से मिला और वार्ता की, लेकिन वार्ता में कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. जिससे नाराज होकर उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है, हमारा आंदोलन और धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही संक्रांति पर भी कर्मचारी धरने पर डटे रहेंगे. उपाध्यक्ष गरिमा राजावत ने बताया कि वार्ता में वित्त मंत्री ने बोला कि अभी तो सरकार को एक वर्ष ही हुआ है, चार साल बाकी है. आपकी मांगों पर विचार किया जाएगा और एक मुश्त राशि दिए जाने की मांग पर जवाब दिया कि वो सरकार तो पागल थी, जिसने घोषणा कर दी.

पढ़ें: एक तरफ सरकार का चिंतन, दूसरी तरफ सर्द मौसम में धरने को मजबूर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता - PROTEST OF ANGANWADI WORKERS

अध्यक्ष की तबीयत खराब: उधर, धरने पर प्रदेशाध्यक्ष मधुबाला शर्मा की तबीयत खराब होने पर उन्हें पर जयपुरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी द्वारा ठोस आश्वासन नहीं मिलने के कारण धरना कल संक्रांति के त्योहार सहित अनिश्चित काल तक जारी रहेगा. आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा साथ संबंधित विभाग अधिकारियों और मंत्रियों की आवास के समक्ष भी प्रदर्शन किया जा सकता है.

पढ़ें: आंगनबाड़ी के बच्चों को सप्ताह में मिलेगा 3 दिन दूध, सीएम बोले-पारदर्शिता के साथ हो आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन

ये है मांग: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि 2 अक्टूबर, 1975 को आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना की गई, जिसके पश्चात कई सरकारें स्थापित हुईं. लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के लिए कोई नीति निर्धारित नहीं की गई. इन आंगबाड़ी कार्यकर्ताओं से सरकारी कर्मचारियों की तरह काम लिया जाता है, लेकिन अब तक नियमित नहीं किया जा रहा है. ऐसे में उन्हें नियमित किये जाने की शीघ्र कार्यवाही की जाए.

पढ़ें: 7 माह से किराया नहीं मिलने पर आंगनबाड़ियों पर संकट, कलेक्टर को सौंपा मांग पत्र - Demand Letter To Collector

इसके साथ ही मानदेय संबंधी मांग को भी प्रमुखता के साथ पूरा किया जाए. उसके विभाग में विभाग में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर के 100% पद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से ही लिये जाएं और अन्य विभाग में कनिष्ट लिपिक (सहायक) एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद भी 50% प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये आरक्षित रखे जाएं. इसके साथ आंगनबाड़ी केंद्र को ही बालवाड़ी बनाया जाये और कार्यकर्ता को ही नर्सरी शिक्षक बनाया जाए. पोषाहार देते समय लाभार्थी को फेस रीडिंग के स्थान पर OTP व्यवस्था लागू की जाए. बजट में की गई घोषणा सेवानिवृत्ति पर 2 से 3 लाख की राशि देने की व्यवस्था शीघ्र लागू की जाए, साथ ही पेंशन व्यवस्था अति शीघ्र लागू की जाए.

जयपुर: अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त, कर्मचारी संघ एकीकृत का धरना आज छठे दिन भी जारी रहा. पूर्व घोषणा के अनुसार विरोध स्वरूप आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ताओं ने रविवार को कार्यालय में झाड़ू निकाल कर और विभागीय अधिकारियों से भीख मांग कर अपना रोष व्यक्त किया. इसके साथ कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया है कल संक्रांति के त्योहार पर धरना जारी रहेगा. सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काली संक्रांति मनाएंगी.

वार्ता रही विफल: प्रदेश अध्यक्ष मधुबाला शर्मा ने बताया कि उनके नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधिमंडल उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दीया कुमारी से मिला और वार्ता की, लेकिन वार्ता में कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. जिससे नाराज होकर उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है, हमारा आंदोलन और धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही संक्रांति पर भी कर्मचारी धरने पर डटे रहेंगे. उपाध्यक्ष गरिमा राजावत ने बताया कि वार्ता में वित्त मंत्री ने बोला कि अभी तो सरकार को एक वर्ष ही हुआ है, चार साल बाकी है. आपकी मांगों पर विचार किया जाएगा और एक मुश्त राशि दिए जाने की मांग पर जवाब दिया कि वो सरकार तो पागल थी, जिसने घोषणा कर दी.

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अध्यक्ष की तबीयत खराब: उधर, धरने पर प्रदेशाध्यक्ष मधुबाला शर्मा की तबीयत खराब होने पर उन्हें पर जयपुरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी द्वारा ठोस आश्वासन नहीं मिलने के कारण धरना कल संक्रांति के त्योहार सहित अनिश्चित काल तक जारी रहेगा. आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा साथ संबंधित विभाग अधिकारियों और मंत्रियों की आवास के समक्ष भी प्रदर्शन किया जा सकता है.

पढ़ें: आंगनबाड़ी के बच्चों को सप्ताह में मिलेगा 3 दिन दूध, सीएम बोले-पारदर्शिता के साथ हो आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन

ये है मांग: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि 2 अक्टूबर, 1975 को आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना की गई, जिसके पश्चात कई सरकारें स्थापित हुईं. लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के लिए कोई नीति निर्धारित नहीं की गई. इन आंगबाड़ी कार्यकर्ताओं से सरकारी कर्मचारियों की तरह काम लिया जाता है, लेकिन अब तक नियमित नहीं किया जा रहा है. ऐसे में उन्हें नियमित किये जाने की शीघ्र कार्यवाही की जाए.

पढ़ें: 7 माह से किराया नहीं मिलने पर आंगनबाड़ियों पर संकट, कलेक्टर को सौंपा मांग पत्र - Demand Letter To Collector

इसके साथ ही मानदेय संबंधी मांग को भी प्रमुखता के साथ पूरा किया जाए. उसके विभाग में विभाग में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर के 100% पद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से ही लिये जाएं और अन्य विभाग में कनिष्ट लिपिक (सहायक) एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद भी 50% प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिये आरक्षित रखे जाएं. इसके साथ आंगनबाड़ी केंद्र को ही बालवाड़ी बनाया जाये और कार्यकर्ता को ही नर्सरी शिक्षक बनाया जाए. पोषाहार देते समय लाभार्थी को फेस रीडिंग के स्थान पर OTP व्यवस्था लागू की जाए. बजट में की गई घोषणा सेवानिवृत्ति पर 2 से 3 लाख की राशि देने की व्यवस्था शीघ्र लागू की जाए, साथ ही पेंशन व्यवस्था अति शीघ्र लागू की जाए.

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