डूंगरपुर.जिले में 20 जुलाई को अर्जुन नामक एक युवक को लेकर उसके दोस्त अस्पताल आये.उस दौरान अर्जुन पूरी तरह से बेसुध था और उसकी बेहोशी का कारण भी पता नहीं चल पा रहा था.जिसके बाद मरीज को आईसीसीयू में भर्ती किया गया.
फिजीशियन डॉ कांतिलाल मेघवाल,डॉ पिंटू अहारी की टीम ने मरीज के लक्षणों के आधार पर सर्पदंश का अंदेशा लगाते हुए उसका इलाज शुरू किया.इलाज के दौरान मरीज के बेसुध होनें और सांस नहीं चलने के कारण डॉक्टर ने उसे वेंटिलेटर पर रखा.तीन दिनों बाद मरीज कुछ हरकत में आया और फिर धीरे-धीरे हालात में सुधार होनें के बाद अर्जुन ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ डूंगरपुर शहर के नवाडेरा में कमरे पर सो रहा था कि सांप ने डंस लिया .जिसके बाद उसके अनुसार वह मर गया था लेकिन डॉक्टरों ने उसे नया जीवन दिया है.
इसी संदर्भ में डॉ कांतिलाल और डॉ पिंटू ने बताया कि मरीज को सांप के काटने से उसमें लकवा जैसे लक्षण आ गए थे.उसका पूरा शरीर ,हाथ और पैर जकड़ गए थे.लेकिन अब अर्जुन की हालत में सुधार है, हाथ-पैर भी काम करने लगे है.बता दें कि मरीज की रविवार को अस्पताल से छुट्टी भी कर दी गई है.
डॉक्टर कांतिलाल और डॉ पिंटू ने कहा कि आदिवासी अंचल में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि सांप के काटने पर लोग भोपे या तांत्रिक के पास जाते है जहां झाड़फूंक करवाते है.लेकिन जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ जाती है तब अस्पताल लेकर आते है, लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी होती है और इसी कारण कई बार मरीज की जान भी चली जाती है.डॉक्टर ने ये भी कहा कि सांप के काटने पर तुरंत अस्पताल लेकर आने पर ही मरीज की जान को बचाया जा सकता है.