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सांप के काटने से 8 दिनों तक मौत से लड़ता रहा युवक....  डॉक्टर्स ने  दिया जीवनदान

डूंगरपुर में बारिश का मौसम शुरू होते ही जहरीले जीवों के दंश के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी आई है .ऐसे ही एक मामले में एक मरीज की जान बचाकर डॉक्टरों ने उसे जीवनदान दिया है.जी हां ,सांप के काटने से एक युवक पिछले आठ दिनों से जिंदगी और मौत से जूझ रहा था और आखिरकार डॉक्टरों ने उसे बचा लिया.

सांप के काटने से 8 दिनों तक मौत से जूझते युवक को डॉक्टरों ने दिया जीवनदान
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Published : Jul 28, 2019, 10:28 AM IST


डूंगरपुर.जिले में 20 जुलाई को अर्जुन नामक एक युवक को लेकर उसके दोस्त अस्पताल आये.उस दौरान अर्जुन पूरी तरह से बेसुध था और उसकी बेहोशी का कारण भी पता नहीं चल पा रहा था.जिसके बाद मरीज को आईसीसीयू में भर्ती किया गया.

डॉक्टर्स ने दिया जीवनदान

फिजीशियन डॉ कांतिलाल मेघवाल,डॉ पिंटू अहारी की टीम ने मरीज के लक्षणों के आधार पर सर्पदंश का अंदेशा लगाते हुए उसका इलाज शुरू किया.इलाज के दौरान मरीज के बेसुध होनें और सांस नहीं चलने के कारण डॉक्टर ने उसे वेंटिलेटर पर रखा.तीन दिनों बाद मरीज कुछ हरकत में आया और फिर धीरे-धीरे हालात में सुधार होनें के बाद अर्जुन ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ डूंगरपुर शहर के नवाडेरा में कमरे पर सो रहा था कि सांप ने डंस लिया .जिसके बाद उसके अनुसार वह मर गया था लेकिन डॉक्टरों ने उसे नया जीवन दिया है.

इसी संदर्भ में डॉ कांतिलाल और डॉ पिंटू ने बताया कि मरीज को सांप के काटने से उसमें लकवा जैसे लक्षण आ गए थे.उसका पूरा शरीर ,हाथ और पैर जकड़ गए थे.लेकिन अब अर्जुन की हालत में सुधार है, हाथ-पैर भी काम करने लगे है.बता दें कि मरीज की रविवार को अस्पताल से छुट्टी भी कर दी गई है.

डॉक्टर कांतिलाल और डॉ पिंटू ने कहा कि आदिवासी अंचल में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि सांप के काटने पर लोग भोपे या तांत्रिक के पास जाते है जहां झाड़फूंक करवाते है.लेकिन जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ जाती है तब अस्पताल लेकर आते है, लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी होती है और इसी कारण कई बार मरीज की जान भी चली जाती है.डॉक्टर ने ये भी कहा कि सांप के काटने पर तुरंत अस्पताल लेकर आने पर ही मरीज की जान को बचाया जा सकता है.


डूंगरपुर.जिले में 20 जुलाई को अर्जुन नामक एक युवक को लेकर उसके दोस्त अस्पताल आये.उस दौरान अर्जुन पूरी तरह से बेसुध था और उसकी बेहोशी का कारण भी पता नहीं चल पा रहा था.जिसके बाद मरीज को आईसीसीयू में भर्ती किया गया.

डॉक्टर्स ने दिया जीवनदान

फिजीशियन डॉ कांतिलाल मेघवाल,डॉ पिंटू अहारी की टीम ने मरीज के लक्षणों के आधार पर सर्पदंश का अंदेशा लगाते हुए उसका इलाज शुरू किया.इलाज के दौरान मरीज के बेसुध होनें और सांस नहीं चलने के कारण डॉक्टर ने उसे वेंटिलेटर पर रखा.तीन दिनों बाद मरीज कुछ हरकत में आया और फिर धीरे-धीरे हालात में सुधार होनें के बाद अर्जुन ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ डूंगरपुर शहर के नवाडेरा में कमरे पर सो रहा था कि सांप ने डंस लिया .जिसके बाद उसके अनुसार वह मर गया था लेकिन डॉक्टरों ने उसे नया जीवन दिया है.

इसी संदर्भ में डॉ कांतिलाल और डॉ पिंटू ने बताया कि मरीज को सांप के काटने से उसमें लकवा जैसे लक्षण आ गए थे.उसका पूरा शरीर ,हाथ और पैर जकड़ गए थे.लेकिन अब अर्जुन की हालत में सुधार है, हाथ-पैर भी काम करने लगे है.बता दें कि मरीज की रविवार को अस्पताल से छुट्टी भी कर दी गई है.

डॉक्टर कांतिलाल और डॉ पिंटू ने कहा कि आदिवासी अंचल में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि सांप के काटने पर लोग भोपे या तांत्रिक के पास जाते है जहां झाड़फूंक करवाते है.लेकिन जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ जाती है तब अस्पताल लेकर आते है, लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी होती है और इसी कारण कई बार मरीज की जान भी चली जाती है.डॉक्टर ने ये भी कहा कि सांप के काटने पर तुरंत अस्पताल लेकर आने पर ही मरीज की जान को बचाया जा सकता है.

Intro:डूंगरपुर। बारिश का मौसम शुरू होते ही जहरीले जीव के दंश के मरीज बढ़ रहे है। ऐसे ही एक मरीज की डॉक्टरों ने जान बचाकर नया जीवनदान दिया है। सर्पदंश का मरीज आठ दिनों तक जिंदगी ओर मौत से जूझता रहा और आखिरकार डॉक्टरों ने उसे बचा लिया।


Body:डूंगरपुर जिला अस्पताल में 20 जुलाई को एक युवक अर्जुन पुत्र बंशीलाल कटारा उम्र 22 वर्ष निवासी पूंजपुर फला नलवा को लेकर उसके दोस्त आये। उस समय अर्जुन पूरी तरह से बेसुध था और किसी तरह से कारण भी पता नहीं चल पा रहा था।
मरीज को आईसीसीयू में भर्ती किया गया। फिजीशियन डॉ कांतिलाल मेघवाल, डॉ पिंटू अहारी की टीम ने मरीज के लक्षणों के आधार पर सर्पदंश का माना और उसका इलाज शुरू किया।
मरीज के बेसुध होने और सांस नही चलने के कारण डॉक्टर ने वेंटिलेटर पर रखा। तीन दिनों बाद मरीज कुछ हरकत में आया ओर फिर धीरे-धीरे हालात में सुधार होने के बाद अर्जुन ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ डूंगरपुर शहर के नवाडेरा में कमरे पर सो रहा था कि सांप ने डस लिया था। जिसके बाद वह मर गया था लेकिन डॉक्टरों ने उसे नया जीवन दिया है।
डॉ कांतिलाल व डॉ पिंटू ने बताया कि मरीज में सांप के काटने से मरीज में लकवा जैसे लक्षण आ गए थे। उसका पूरा शरीर हाथ और पैर जकड़ गए थे। लेकिन अब अर्जुन की हालत में सुधार है, हाथ-पैर भी काम करने लगे है। मरीज की रविवार को छुट्टी भी कर दी गई है।

- सांप के काटने पर भोपे के पास नहीं अस्पताल लेकर आएं
डॉक्टर कांतिलाल और डॉ पिंटू ने कहा कि आदिवासी अंचल में देखा जाता है कि सांप के काटने पर लोग भोपे या तांत्रिक के पास जाते है जहां झाड़फूंक करवाते है। लेकिन जब मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है तब अस्पताल लेकर आते है। ऐसे में कई बार मरीज की जान भी चली जाती है। डॉक्टर ने कहा कि साँप के काटने पर तुरंत ही गोल्डन ओवर में अस्पताल लेकर आने पर मरीज की जान को बचाया जा सकता है।

बाईट 1- अर्जुन कटारा, पीड़ित
बाईट 2- डॉ पिंटू अहारी, फिजिशियन
बाईट 3- डॉ कांतिलाल मेघवाल, फिज़िशन एवं आईसीसीयू प्रभारी


Conclusion:
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