डूंगरपुर. कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्यकर्मी और सरकारी कर्मचारी दिन-रात इस प्रयास में लगे है कि लोग इस महामारी से बच सके. लेकिन कोरोना का खतरा जितना आम लोगों को है उतना ही कोरोना वॉरियर्स को भी है. कोरोना के रोकथाम को लेकर सरकार कई प्रयास कर रही है. तो वहीं वैज्ञानिक दवा की खोज करने में लगे है. ऐसे में अब आयुर्वेद भी आगे आया है.
कोरोना कोरोना वॉरियर्स में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग अब आयुर्वेदिक काढ़ा वितरित करेगा. आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रदीप उपाध्याय ने बताया कि कोरोना वॉरियर्स दिन-रात मैदान में डटे है. ऐसे में उनकी सुरक्षा भी जरूरी है. इसीलिए आयुर्वेद विभाग की ओर से रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने वाला आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार किया गया है जो फील्ड में काम करने वाले कोरोना वॉरियर्स को वितरित किया जाएगा.
पढ़ेंः डूंगरपुर: लॉकडाउन के कारण अटका ठेकेदारों का भुगतान, कलेक्टर को सुनाई पीड़ा
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि आयुर्वेदिक काढ़ा के 7 हजार पैकेट तैयार किये जा रहे है जो पुलिस, चिकित्साकर्मी से लेकर पंचायत स्तर पर कोरोना की जंग में काम कर रहे प्रत्येक कार्मिक को वितरित किये जायेंगे. आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रदीप उपाध्याय ने बताया कि लोग अपने घरों पर ही उपलब्ध घरेलु सामग्री से भी काढ़ा तैयार कर सकते है. जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही सामान्य सर्दी-जुकाम और गले की खराश में उपयोगी होगा.
जानते है कैसे कारगर है काढ़ाः
नोडल अधिकारी डॉ. अभयसिंह मालिवाड़ बताते है कि आयुर्वेदिक काढ़ा व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने से सबसे ज्यादा कारगर है. यह काढ़ा कई तरह की जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार किया गया है. खासकर गोजीव्यहदी क्वाथ, वातश्लेशमिक ज्वर, दश मूलक्वाथ और गिलोय चूर्ण का मिश्रण है. जो एक व्यक्ति में रोग से लड़ने की क्षमता में वृद्धि करता है.
- गोजीव्यहदी क्वाथ: इसमे गोजीव्यह, मूलेठी, मिसी वासा पंचाग, कंठकारी, कालीमिर्च का मिश्रण है.
- वातश्लेशमिक ज्वर: इसमे ज्वर, कंठकारी, हरिठा, सोंठ, मूलेठी, तालीस पत्र, तुलसी पंचाग, लोंग, चिरायता, पिप्पली का मिश्रण है.
- दशमूल क्वाथ: इसमे शालपर्णी, प्रश्निपर्णी, छोटी व बडी वटेरी का मिश्रण किया गया है.
कैसे तैयार करे काढ़ाः
डॉ. प्रदीप उपाध्याय ने बताया कि काढ़ा तैयार करना बहुत ही आसान है. काढ़े के मिश्रण को एक चम्मच लेकर 2 कप पानी में उबाले. इसे तब तक उबाले जब तक कि यह आधा कप के बराबर ना रह जाए. इसके बाद इसे छानकर गुनगुना ही पिये. दूसरा तरीका यह है एक लीटर पानी मे 2 चम्मच हल्दी, डेढ़ चम्मच सोंठ पाउडर, एक चम्मच काला नमक, डेढ़ चम्मच पिसा जीरा, 3 नंग लोंग, 5 नंग कालीमिर्च इन सभी को अच्छी तरह से उबाले. इसके बाद इसमे 2 चम्मच नींबू का रस मिला ले और फिर इसे छानकर केतली में भर ले, जिससे यह गर्म रह सके. इसके बाद दिन में 4 बार 20-20 एमएल पीते रहे. इसके अलावा पेट दर्द या पाचन संबंधी शिकायत है तो डेढ़ चम्मच अजवाइन इसमे मिला सकते है ताकि पाचन भी ठीक ढंग से हो जाये. यह काढ़ा प्रत्येक व्यक्ति अपने घर पर तैयार कर सकता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही सर्दी-जुकाम, फ्लू और गले की खराश को मिटाने में कारगर होगा.