धौलपुर. जिले के जंगलों से वन्यप्रेमियों के लिए खुशी की खबर सामने आई है. पिछले सप्ताह बाघिन टी-117 ने तीन शावकों को जन्म दिया. बाघों का कुनबा बढ़ने को लेकर वन्यजीव प्रेमियों में हर्ष देखा जा रहा है.
बाघिन टी-117 के तीन शावकों को जन्म देने के बाद शावकों की कुल संख्या 5 हो गई है. इससे 2 वर्ष पहले वर्ष 2021 में बाघिन टी-117 दो शावकों को जन्म देकर चर्चा में आई थी. गत सप्ताह 3 शावकों को जन्म देने के बाद जंगल में बाघिन टी-117 और नर टी-116 का कुनबा 2 से बढ़कर 5 हो गया है. माना जा रहा है कि टाइगर परिवार की वंश वृद्धि के बाद धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व सेंचुरी के कार्य के गति पकड़ने की संभावना है. सरमथुरा इलाके के झिरी और दमोह के जंगलों में ट्रैप कैमरे में टाइगर परिवार के विचरण की तस्वीरें सामने आई हैं.
पढ़ेंः रणथंभौर से सरिस्का आई बाघिन ने बनाई अपनी टेरिटरी, सांभर का किया शिकार
डीएफओ किशोर कुमार गुप्ता ने बताया कि विगत लंबे समय से टाइगर टी-116 एवं मादा टी-117 विचरण कर रहे हैं. उन्होंने बताया यह जोड़ा सरमथुरा क्षेत्र के झिरी, दमोह, बाड़ी क्षेत्र के रामसागर, बसई डांग क्षेत्र के सोने का गुर्जा एवं वन विहार में विचरण करता रहता है. इससे पहले वर्ष 2021 में भी टी-117 ने दो शावकों को जन्म दिया था. राज्य सरकार ने करौली धौलपुर रिजर्व सेंचुरी एरिया बनाने की कवायद शुरू कर दी है. करौली और धौलपुर के जंगलों में लगातार टाइगरों का मूवमेंट बना रहता है.
पढ़ेंः सरिस्का में पर्यटकों को हुई बाघिन की साइटिंग, रोमांचित हुए सैलानी
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावाः धौलपुर जिले की डांग एवं चंबल के बीहड़ों में टाइगर का कुनबा बढ़ने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. जिले का राम सागर, तालाब शाही एवं दमोह क्षेत्र पहले से ही पर्यटन क्षेत्र घोषित किया हुआ है. डीएफओ का कहना है कि धौलपुर जिले में पर्यटन की की प्रबल संभावनाएं हैं. वन क्षेत्र में कैमरे लगाकर टाइगर, भालू एवं अन्य जानवरों का मूवमेंट देखा जाता है. उन्होंने बताया बाघनि टी-117 द्वारा दिए तीन शावकों के जन्म के बाद वन विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है. नवंबर 2022 में रामसागर क्षेत्र में टाइगर ने ग्रामीणों पर हमला भी किया था. उधर डीएफओ किशोर कुमार ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि टी-116 एवं टी-117 का मूवमेंट होने पर वन विभाग को सूचित करें.