धौलपुर. जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर सोमवार से देव छठ के अवसर पर लगने वाले लक्खी मेले पर जिला प्रशासन ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. दो दिवसीय मेले में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के लाखों की तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मचकुंड सरोवर में स्नान कर नव दंपत्ति की कलंगी विसर्जित की जाती है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण जिला प्रशासन ने मेले पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. मेले के सभी रास्तों को बंद कर रैली गेट लगाकर भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है.
जिला प्रशासन की रोक के बावजूद भी भारी श्रद्धालुओं का तांता मचकुंड सरोवर पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण श्रद्धालुओं को निराशा हाथ लग रही है. सोमवार से 2 दिन तक लगने वाले देव छठ मेला पर जिला प्रशासन ने पाबंदी लगा दी है. सभी तीर्थों का भांजा ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर देव छठ से 2 दिन के मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों की तादाद में श्रद्धालु एवं नवविवाहित दंपत्ति पहुंचते हैं.
वहीं अखाड़ों से ताल्लुक रखने वाले साधु संतों का भी शाही स्नान मचकुंड सरोवर में किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं को निराशा हाथ लग रही है. सरकार की गाइडलाइन की पालना में जिला प्रशासन ने भीड़ एवं समारोह आयोजनों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. मचकुंड तीर्थ पर लोगों की भीड़ जमा नहीं हो इसके लिए भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है.
मचकुंड परिषद एवं सरोवर पर पहुंचने वाले रास्ते को बंद कर दिए गए हैं, लेकिन जिला प्रशासन की रोक के बावजूद भी सुबह से ही भारी तादाद में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु सरोवर पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं, जिनसे पुलिसकर्मियों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है. मंदिर महंत कृष्ण दास ने बताया कोरोना महामारी के कारण मेले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. संक्रमण का खतरा लगातार फैलता जा रहा है. ऐसे में लोग अपनी भावना एवं श्रद्धा को मन में रखकर घरों में ही पूजा-अर्चना करें. वहीं सनातन धर्म के श्रद्धालुओं में भगवान मचकुंड के प्रति भारी आस्था देखी जाती है.
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पौराणिक मान्यता के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नामक राक्षस का वध इसी स्थान पर किया था. भगवान तीर्थराज को सभी तीर्थों का भांजा माना जाता है. देश के जितने भी धार्मिक तीर्थ स्थल हैं, उनका भ्रमण करने के बाद ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड पर दर्शन कर एवं मचकुंड सरोवर में स्नान कर ही पूरा पुण्य फल प्राप्त होता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार श्रद्धालुओं में निराशा छा गई है. वहीं जिला प्रशासन ने आमजन से अपील करते हुए कहा है कि लोग देव छठ के त्यौहार को घरों में ही मनाएं, जिससे कोरोना संक्रमण के खतरे से बचा जा सके.