झालावाड़: वेस्टर्न डिस्टर्बन्स के कारण अचानक हुई ओलावृष्टि और आंधी-तूफान ने गदर मचा दिया है. झालरापाटन में आयोजित राज्य स्तरीय चंद्रभागा कार्तिक मेले में लगी करीब 200 से अधिक दुकानों पर लगे टेंट तथा टीन-टप्पर चंद सेकंड में हवा में उड़ गए. शनिवार को मेला ग्राउंड पर चारों ओर तबाही का मंजर दिखा. तेज आंधी व बारिश के तांडव से व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है.
शनिवार को दिनभर व्यापारी रात में हुए नुकसान का आंकलन करते रहे. राज्य स्तरीय मेले में प्रदेश के बाहर से आए व्यापारियों ने जिला प्रशासन से इस मेले की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है. हाडौती में लगने वाले इस राज्य स्तरीय मेले का आयोजन कार्तिक माह से लेकर 14 जनवरी मकर संक्रांति तक होता आया है. व्यापारियों ने इसकी समय अवधि फरवरी माह तक बढ़ाने की मांग की है. फिलहाल बारिश के कारण दुकानों के अंदर रखा हुआ सामान पूरी तरह से भीग गया है. वहीं व्यापारियों की शॉप टूटी व बिखर पड़ी है. मेला ग्राउंड में बनाई गई सड़कों पर पानी भर गया, जिसके बाद अधिकांश व्यापारी दुकानों को फिर से खड़ा करने की कोशिश में लगे है.
इस मौके पर उत्तर प्रदेश से झालरापाटन पहुंचे व्यापारी असद ने बताया कि इस वर्ष मेले में दुकानें भी अधिक दामों पर आवंटित हुई और अब कुदरत ने जो कहर ढाया है, उसके बाद दुकान की लागत निकालना भी मुश्किल है. ऐसे में उनकी प्रशासन से मांग है कि उन्हें कुछ आर्थिक मदद दी जाए और मेले की समय अवधि को बढ़ा दिया जाए, जिससे उनकी दुकानों का खर्च निकल पाए.
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झालरापाटन पालिकाध्यक्ष के प्रतिनिधि मनीष चांदवाड़ ने कहा कि कार्तिक मेले में भारी नुकसान हुआ है. नगरपालिका प्रशासन द्वारा व्यापारियों को हरसंभव मदद दी जा रही है. हालांकि मेले की समय अवधि बढ़ाना जिला प्रशासन के हाथ में है. यदि जिला प्रशासन मेले का समय आगे बढ़ाता है, तो पालिका प्रशासन भी व्यापारियों की व्यवस्थाओं को आगे जारी रखने में पूरी मदद करेगा.