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नए जिले खत्म करने पर भड़की कांग्रेस, डोटासरा बोले सड़क से सदन तक घेरेंगे, राष्ट्रीय शोक में निर्णय कैसे लिया ? - RAJASTHAN NEW DISTRICT

भजनलाल कैबिनेट के 9 नए जिलों को निरस्त करने फैसले पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रया दी.

नए जिले खत्म करने पर भड़की कांग्रेस
नए जिले खत्म करने पर भड़की कांग्रेस (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 14 hours ago

जयपुर : भजनलाल सरकार की शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बनाए गए नए जिलों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. बैठक में गहलोत राज में बनाए गए 17 जिलों में से 9 जिलों को निरस्त कर दिया गया है. साथ ही तीन नए संभागों, सीकर, पाली और बांसवाड़ा, को भी समाप्त कर दिया गया है. अब राजस्थान में कुल 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे. इस निर्णय के बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति तैयार की है.

कांग्रेस का तीव्र विरोध : कांग्रेस के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस निर्णय को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है. डोटासरा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान राजस्थान सरकार ने यह फैसला लिया, जो अत्यंत खेदजनक है. उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ, मनमोहन सिंह को भारत सरकार ने 7 दिन के राजकीय शोक के तहत श्रद्धांजलि दी, जबकि दूसरी ओर राजस्थान सरकार ने यह जनविरोधी निर्णय लिया, जो किसी के भी विचार से परे है.

डोटासरा और जूली ने सरकार पर साधा निशाना (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला, गहलोत राज में बने 9 नए जिले और 3 संभाग निरस्त, अब 41 जिले रहेंगे

कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन : डोटासरा ने कहा कि गहलोत सरकार के दौरान जिन जिलों और संभागों का गठन किया गया था, वह एक रिटायर्ड IAS अधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिशों के बाद किए गए थे, लेकिन भाजपा सरकार ने मात्र 12 महीनों में यह पहला निर्णय लिया, जो पूरी तरह से जनता विरोधी है. कांग्रेस ने इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की है.

डोटासरा के आरोप : डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जनगणना के समय और कोर्ट में किसी भी जनहित याचिका को चुनौती देने से बचने के लिए जल्दबाजी में यह निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस फैसले को इस तरह लिया, जिससे कोई कोर्ट में जनहित याचिका न दाखिल कर सके. इस फैसले से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने क्षेत्र का जिला बचाने में सफल रहे.

विरोध और आंदोलन की तैयारी : कांग्रेस के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के जिले को समाप्त कर दिया गया है, जिस पर डोटासरा ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अब प्रेमचंद बैरवा जनता के बीच क्या मुंह लेकर जाएंगे, जबकि मुख्यमंत्री ने अपने क्षेत्र के जिलों को बचा लिया. कांग्रेस ने घोषणा की है कि 1 जनवरी से प्रदेशभर में इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- 'गहलोत सरकार ने नए जिले बनाए, लेकिन बहरोड की जनता को बस बहला दिया' : जसवंत सिंह यादव - Behror MLA Targets Ashok Gehlot

टीकाराम जूली का सरकार पर हमला : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी भाजपा सरकार के फैसले पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि कांग्रेस ने जिलों का गठन सही तरीके से नहीं किया, तो भाजपा को और जिलों का गठन करना चाहिए था. जूली ने यह भी कहा कि कुछ छोटे राज्यों में राजस्थान से अधिक जिले हैं. राजस्थान सरकार का यह निर्णय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने 1 जनवरी से पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है और विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाने का संकेत दिया है.

बोरवेल हादसे पर सरकार की चुप्पी : टीकाराम जूली ने सरकार को घेरते हुए कहा कि कोटपूतली में बोरवेल में गिरी एक बच्ची को लेकर सरकार का ध्यान नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब बच्ची बोरवेल में गिरी थी, तो मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन अब तक उस बच्ची को निकालने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री का ध्यान केवल अमित शाह को बचाने पर था, न कि बोरवेल में गिरी बच्ची की सुरक्षा पर.

जयपुर : भजनलाल सरकार की शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बनाए गए नए जिलों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. बैठक में गहलोत राज में बनाए गए 17 जिलों में से 9 जिलों को निरस्त कर दिया गया है. साथ ही तीन नए संभागों, सीकर, पाली और बांसवाड़ा, को भी समाप्त कर दिया गया है. अब राजस्थान में कुल 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे. इस निर्णय के बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति तैयार की है.

कांग्रेस का तीव्र विरोध : कांग्रेस के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस निर्णय को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है. डोटासरा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान राजस्थान सरकार ने यह फैसला लिया, जो अत्यंत खेदजनक है. उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ, मनमोहन सिंह को भारत सरकार ने 7 दिन के राजकीय शोक के तहत श्रद्धांजलि दी, जबकि दूसरी ओर राजस्थान सरकार ने यह जनविरोधी निर्णय लिया, जो किसी के भी विचार से परे है.

डोटासरा और जूली ने सरकार पर साधा निशाना (ETV Bharat Jaipur)

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कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन : डोटासरा ने कहा कि गहलोत सरकार के दौरान जिन जिलों और संभागों का गठन किया गया था, वह एक रिटायर्ड IAS अधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिशों के बाद किए गए थे, लेकिन भाजपा सरकार ने मात्र 12 महीनों में यह पहला निर्णय लिया, जो पूरी तरह से जनता विरोधी है. कांग्रेस ने इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की है.

डोटासरा के आरोप : डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जनगणना के समय और कोर्ट में किसी भी जनहित याचिका को चुनौती देने से बचने के लिए जल्दबाजी में यह निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस फैसले को इस तरह लिया, जिससे कोई कोर्ट में जनहित याचिका न दाखिल कर सके. इस फैसले से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने क्षेत्र का जिला बचाने में सफल रहे.

विरोध और आंदोलन की तैयारी : कांग्रेस के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के जिले को समाप्त कर दिया गया है, जिस पर डोटासरा ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अब प्रेमचंद बैरवा जनता के बीच क्या मुंह लेकर जाएंगे, जबकि मुख्यमंत्री ने अपने क्षेत्र के जिलों को बचा लिया. कांग्रेस ने घोषणा की है कि 1 जनवरी से प्रदेशभर में इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा.

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टीकाराम जूली का सरकार पर हमला : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी भाजपा सरकार के फैसले पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि कांग्रेस ने जिलों का गठन सही तरीके से नहीं किया, तो भाजपा को और जिलों का गठन करना चाहिए था. जूली ने यह भी कहा कि कुछ छोटे राज्यों में राजस्थान से अधिक जिले हैं. राजस्थान सरकार का यह निर्णय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने 1 जनवरी से पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है और विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाने का संकेत दिया है.

बोरवेल हादसे पर सरकार की चुप्पी : टीकाराम जूली ने सरकार को घेरते हुए कहा कि कोटपूतली में बोरवेल में गिरी एक बच्ची को लेकर सरकार का ध्यान नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब बच्ची बोरवेल में गिरी थी, तो मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन अब तक उस बच्ची को निकालने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री का ध्यान केवल अमित शाह को बचाने पर था, न कि बोरवेल में गिरी बच्ची की सुरक्षा पर.

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