धौलपुर. जिले के खेमरी स्थित कृषि महाविद्यालय बसेड़ी में बीएससी एग्रीकल्चर तृतीय वर्ष (Agriculture College Girl Death Case In Dholpur) की छात्रा मोनिका नौटियाल की 3 दिन पूर्व हुई मौत के मामले में कॉलेज के छात्र छात्राओं ने तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा. यहां तक कि सुविधा और संसाधनों की कमी से आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने मंगलवार को सोशल साइंस और कीट विज्ञान की परीक्षा का भी सामूहिक रूप से बहिष्कार कर दिया.
कृषि कॉलेज में हुए धरना प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही कॉलेज डीन डॉ उदय भान को हटाकर उनकी जगह एसोसिएट प्रोफेसर को नए डीन के रूप में तैनात कर दिया गया था. बीसी ने वार्डन के स्थान पर महिला लेक्चरर की भी तैनाती की है, बावजूद इसके छात्र छात्राओं ने तीसरे दिन भी (Agriculture College students Protest continues for the 3rd day) कॉलेज गेट पर अंदर से ताला डालकर धरना प्रदर्शन जारी रखा. यहां तक कि कॉलेज के नए डीन के रूप में चार्ज संभालने पहुंचे एसोसिएट प्रोफेसर धनराज शर्मा को भी अंदर प्रवेश नहीं दिया गया.
सूचना पर बसेड़ी थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह शेखावत पुलिस फोर्स के साथ कॉलेज पहुंचे. लेकिन छात्र छात्राओं ने कॉलेज गेट के अंदर लगा ताला नहीं खोला. जिसके चलते पुलिस कॉलेज में अंदर नहीं पहुंच पाई और थाना प्रभारी शेखावत ने गेट के बाहर से छात्र छात्राओं से समझाइश की कोशिश की. लेकिन अंदर से गेट नहीं खोले जाने की वजह से थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह शेखावत कई घंटे तक बाहर बैठकर ही चले आए.
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थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह शेखावत ने बताया कि कॉलेज छात्र-छात्राओं ने नए डीन धनराज शर्मा को सात सूत्रीय मांगों का एक मांग पत्र वाइस चांसलर के नाम पर सौंपा है. जिसमें उन्होंने कॉलेज से संबंधी समस्याओं के निराकरण नहीं होने तक धरना प्रदर्शन जारी रखने को कहा है. बुधवार को मामले की गंभीरता को देख बीसी कॉलेज पहुंच गए. जिन्हें छात्र-छात्राओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. छात्रा ने बताया कि कॉलेज छात्रा मोनिका की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है. उसकी पुलिस और प्रशासन को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए.
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इसके अलावा छात्राओं के लिए अलग से हॉस्टल वार्डन की व्यवस्था होनी चाहिए. वही मंगलवार को बहिष्कृत की गई परीक्षा को दोबारा कराया जाना चाहिए. छात्राओं ने चेतावनी देते हुए कहा अगर कॉलेज प्रशासन ने उनकी मांगें पूरी नहीं की तो धरना लगातार जारी रहेगा. गौरतलब है कि कृषि विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा की उपचार और संसाधनों के अभाव में मौत हो गई थी.