धौलपुर. जिले के राजकीय अस्पतालों में तैनात संविदा कर्मी कंप्यूटर ऑपरेटरों ने अखिल राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ राजस्थान के आह्वान पर पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटरों ने चिकित्सा विभाग और सरकार पर संविदा कर्मियों के साथ सौतेले व्यवहार के साथ अनदेखी का आरोप लगाया है.
कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष ललित किशोर कटारा ने बताया कि राजस्थान के चिकित्सा विभाग में सभी कंप्यूटर ऑपरेटर एमएनडी बाई योजना के तहत लगाए गए थे, लेकिन हाल ही में राजस्थान सरकार ने आदेश जारी कर एक मार्च से कंप्यूटर ऑपरेटरों को प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए लगाना चाहती है. जिससे कंप्यूटर ऑपरेटरों का शोषण होगा. सरकार कंप्यूटर ऑपरेटरों के साथ सौतेला व्यवहार कर अहित कर रही है.
कंप्यूटर ऑपरेटरों को प्रतिमाह 8500 रुपये दिए जा रहे हैं. जो वर्तमान में महगाई के दौर में नाकाफी साबित हो रहे हैं. जबकि आरोग्य ऑनलाइन योजना में काम करने वाले ऑपरेटरों को 16 हजार से अधिक प्रतिमाह दिए जा रहे हैं. जिससे कंप्यूटर ऑपरेटरों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है. राज्य सरकार और प्रदेश के चिकित्सा विभाग की ओर से कंप्यूटर ऑपरेटरों के साथ नाइंसाफी की जा रही है. जिससे सोमवार को लामबंद होकर जिले के कंप्यूटर ऑपरेटरों ने स्थाई नौकरी के साथ पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन प्रेषित किया है.
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ज्ञापन के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटरों ने प्लेसमेंट एजेंसी के साथ काम नहीं करने की असमर्थता जाहिर की है. वहीं चेतवानी देते हुए कहा कि सरकार और चिकित्सा विभाग ने गंभीर होकर मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन किया जाएगा.