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ग्राम सेवा सहकारी समिति में करोड़ों का घोटाला, व्यवस्थापक और अध्यक्ष से वसूली के आदेश

ग्राम सेवा सहकारी समिति में 5 करोड़ से अधिक के गबन का मामला सामने आया है. जिस पर कार्रवाई करते हुए दोषियों से वसूली के निर्देश दिए गए हैं.

Dausa news  राजस्थान न्यूज
ग्राम सेवा सहकारी समिति में करोड़ों का घोटाला
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Published : Jul 6, 2020, 5:48 PM IST

दौसा. नांगल बैरसी में संचालित ग्राम सेवा सहकारी समिति के विभागीय जांच में करीब सवा 5 करोड़ रुपए का गबन पाया गया है. जिसके बाद समिति के व्यवस्थापक कैलाश शर्मा और समिति के अध्यक्ष रामस्वरूप सेन को जिम्मेदार मानते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इनके खिलाफ सवा 5 करोड़ रुपए की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

ग्राम सेवा सहकारी समिति में करोड़ों का घोटाला

ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई ग्राम सेवा सहकारी समितियां किसानों को समृद्ध तो नहीं बना पाईं, लेकिन उनके संचालकों और व्यवस्थापकों को उन्होंने जरूर पूरी तरह समृद्ध बना दिया है. ग्राम सेवा सहकारी समिति में करोड़ो का घोटाला करने का मामला सामने आया है. सहकारिता विभाग के प्रबंध निदेशक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि ग्राम नांगल भर्ती में संचालित ग्राम सेवा सहकारी समिति में गड़बड़ी की आशंका को लेकर जांच करवाई गई. जिसमें करीब सवा 5 करोड़ रुपए के लेनदेन की गड़बड़ी सामने आई है.

यह भी पढ़ें. दौसा : नवनियुक्त एसपी-कलेक्टर ने संभाला पदभार, क्या कहा खुद सुनिये...

समिति के पदाधिकारियों ने इस घोटाले में फर्जी तरीके से लोन की वसूली में गड़बड़ी कर गबन किया है. इस घोटाले के समिति के व्यवस्थापक कैलाश शर्मा और समिति के अध्यक्ष रामस्वरूप सेन को जिम्मेदार मानते हुए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, दोनों के ऊपर विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा रही है. दोनों को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ सवा 5 करोड़ रुपए की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

कहां कितनी गड़बड़ी...

  • सहकारिता के प्रबंध निदेशक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि समिति द्वारा आपातकालीन ऋण वसूली कर रोकड़ इंद्राज नहीं किया गया. जिसमें 1 करोड़ 44 लाख 36 हजार 94 रुपए का गबन किया गया है
  • वहीं कई व्यक्तियों के नाम से बोगस लोन, तकरीबन 59 लाख का दिखाया गया है
  • बोगस एसएचजी ऋण 4 लाख रुपए का बताया गया
  • हिस्सा राशि खातों में अधिक जमा तकरीबन 11 लाख
  • व्यक्तिगत बचत खाता मियादी खातों में सूची के अनुसार अधिक जमा लगभग 70 लाख रुपए
  • मिनी बैंक द्वारा समिति को दिया गया व मिनी बैंक द्वारा समिति में 1 करोड़ 3 लाख कम लिखा गया है. इस तरह अनेक प्रकार से गबन किया गया है और समिति की ऑडिट भी नहीं करवाई गई

दौसा. नांगल बैरसी में संचालित ग्राम सेवा सहकारी समिति के विभागीय जांच में करीब सवा 5 करोड़ रुपए का गबन पाया गया है. जिसके बाद समिति के व्यवस्थापक कैलाश शर्मा और समिति के अध्यक्ष रामस्वरूप सेन को जिम्मेदार मानते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इनके खिलाफ सवा 5 करोड़ रुपए की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

ग्राम सेवा सहकारी समिति में करोड़ों का घोटाला

ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई ग्राम सेवा सहकारी समितियां किसानों को समृद्ध तो नहीं बना पाईं, लेकिन उनके संचालकों और व्यवस्थापकों को उन्होंने जरूर पूरी तरह समृद्ध बना दिया है. ग्राम सेवा सहकारी समिति में करोड़ो का घोटाला करने का मामला सामने आया है. सहकारिता विभाग के प्रबंध निदेशक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि ग्राम नांगल भर्ती में संचालित ग्राम सेवा सहकारी समिति में गड़बड़ी की आशंका को लेकर जांच करवाई गई. जिसमें करीब सवा 5 करोड़ रुपए के लेनदेन की गड़बड़ी सामने आई है.

यह भी पढ़ें. दौसा : नवनियुक्त एसपी-कलेक्टर ने संभाला पदभार, क्या कहा खुद सुनिये...

समिति के पदाधिकारियों ने इस घोटाले में फर्जी तरीके से लोन की वसूली में गड़बड़ी कर गबन किया है. इस घोटाले के समिति के व्यवस्थापक कैलाश शर्मा और समिति के अध्यक्ष रामस्वरूप सेन को जिम्मेदार मानते हुए इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, दोनों के ऊपर विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा रही है. दोनों को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ सवा 5 करोड़ रुपए की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

कहां कितनी गड़बड़ी...

  • सहकारिता के प्रबंध निदेशक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि समिति द्वारा आपातकालीन ऋण वसूली कर रोकड़ इंद्राज नहीं किया गया. जिसमें 1 करोड़ 44 लाख 36 हजार 94 रुपए का गबन किया गया है
  • वहीं कई व्यक्तियों के नाम से बोगस लोन, तकरीबन 59 लाख का दिखाया गया है
  • बोगस एसएचजी ऋण 4 लाख रुपए का बताया गया
  • हिस्सा राशि खातों में अधिक जमा तकरीबन 11 लाख
  • व्यक्तिगत बचत खाता मियादी खातों में सूची के अनुसार अधिक जमा लगभग 70 लाख रुपए
  • मिनी बैंक द्वारा समिति को दिया गया व मिनी बैंक द्वारा समिति में 1 करोड़ 3 लाख कम लिखा गया है. इस तरह अनेक प्रकार से गबन किया गया है और समिति की ऑडिट भी नहीं करवाई गई
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