दौसा. जिले में खाप पंचायत के फरमान के चलते समाज से बहिष्कृत हुआ एक परिवार दौसा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा. जहां पीड़ित परिवार ने अपनी पीड़ा सुना कर मदद की गुहार लगाई है. दरअसल, पीड़ित परिवार को समाज के ही पंचों ने बहिष्कृत कर दिया और आसपास के क्षेत्र के दुकानदारों को भी पाबंद कर दिया कि यदि इस बहिष्कृत परिवार को किसी ने भी सामान उपलब्ध कराया तो उस पर भी जुर्माना लगाया जाएगा.
ऐसे में अब आसपास के दुकानदार भी पीड़ित परिवार को किसी भी प्रकार की सामग्री उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. जिसके चलते पीड़ित परिवार को खाने-पीने की सामग्री भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. महवा निवासी एक व्यक्ति की पत्नी ने मतभेद के चलते उस पर मुकदमा दर्ज करा दिया. जिसके बाद अब न्यायालय में उनका तलाक का केस भी चल रहा है.
इसी बीच महवा के पंच पटेलों ने महिला के पक्ष में फैसला कराने के दबाव को लेकर पंचायत लगाई और पंचायत ने नौशाद के परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया और आसपास के दुकानदारों को भी इस बात के लिए पाबंद किया गया कि बहिष्कृत हुए परिवार को किसी भी प्रकार की सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाए.
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ऐसे में कुछ दुकानदारों ने सामग्री उपलब्ध कराई तो उन पर जुर्माना भी लगा दिया गया. खाप पंचायत के फरमान के चलते अब दुकानदार भी पीड़ित परिवार को जरूरत की सामग्रियां उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. इसका एक वीडियो भी पीड़ित परिवार के पास है. वहीं, जब पीड़ित परिवार का एक सदस्य ठेले पर नाश्ता करने गया, तो दुकानदार ने नाश्ता देने से यह कह कर इंकार कर दिया कि आपको समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है.
यह खाप पंचायत 20 जून को हुई थी और 20 जून से यह परिवार दर-दर की ठोकरें खा रहा है. पीड़ित परिवार को आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऐसे में पीड़ित परिवार ने दौसा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर अपनी पीड़ा बताई. हैरान करने वाली बात यह है कि खाप पंचायत के खिलाफ 25 जून को महुआ थाने में FIR के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया गया था. लेकिन पुलिस ने पीड़ित परिवार की FIR दर्ज नहीं की.