दौसा. सूदखोरों से परेशान होकर जिले के महुआ उपखंड पर एक कपड़ा व्यापारी ने आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार व्यापारी ने अपने घर के कमरे में ही पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की सूचना मिलते ही थाना अधिकारी करण सिंह राठौड़ मृतक व्यापारी के घर पहुंचे, जहां शव को फंदे से उतारकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाया गया. साथ ही मृतक की तलाशी ली गई तो उसके पास तकरीबन 5 पन्नों का सुसाइड नोट मिला.
सुसाइड नोट में आधा दर्जन से अधिक सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या करने का कारण बताया गया. इस संबंध में मृतक के भाई मनोज ने 11 सूदखोरों के खिलाफ महुआ थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. वहीं थानाधिकारी करण सिंह राठौड़ ने बताया कि सुसाइड नोट को जप्त कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
मृतक के भाई मनोज साहू ने महुआ थाने में मामला दर्ज करवाया था कि मेरे भाई को अवैध लॉटरी के नाम पर ठगने और ब्याज वसूली को लेकर सूदखोरों ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया है. मृतक के भाई ने बताया कि कुछ दिन पहले सूदखोर हमारे घर ब्याज और रुपए लेने के लिए पहुंचे और मम्मी-पापा, भाई और उनकी पत्नी के साथ गाली गलौज की और धमकी भी दी. धमकी देते हुए कहा कि, हमारे पास लॉटरी के रजिस्टर्ड कागजाता हैं, ब्याज सहित वसूलना आता है.
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बताया जा रहा है कि महुआ में कथित रूप से संचालित इस तहर की अनेक कंपनियां हैं जो अपने आप को फाइनेंसर बताती हैं, और सूदखोरों की तरह10 से 15 रुपए के सैकड़े की ब्याज के हिसाब से लोगों से पैसा वसूलती है. मृतक विपिन साहू ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि राजेंद्र पंडित से मैंने 3 लाख रुपए लिए थे. उसके बदले में उसके पास गहने रखे हैं.
बैंक में जो लोन है वह हरीश के नाम है. इन फाइनेंस वालों को मैंने 1 साल में इतना ब्याज दिया कि मैं परेशान हो गया हूं. बाबू माली के पास अभी भी एक चेन है. बाबू ने मुझे इन फाइनेंस वालों के जाल में फंसाया था. सुसाइड नोट में मुकेश शर्मा, भूपेंद्र मीणा गौरव फाइनेंस, नवल मीणा-हर्ष फाइनेंस और दलाल बाबू माली के लिए मृतक ने लिखा कि इनको मत छोड़ना. इन सूदखोरों से परेशान होकर मैं अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहा हूं. अपने भाई मनोज के लिए लिखा कि सूदखोरों के चक्कर में आकर उल्टे-सीधे काम करना छोड़ देना नहीं तो मेरी लाश को कंधा मत देना.
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गौरतलब है कि विगत 3 महिले पहले शिवानी खंडेल नाम की एक महिला ने भी महुआ थाने में सूदखोरों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. उनके खिलाफ जिसमें बताया गया था कि इन लोगों ने 5 से 10 रुपए तक का ब्याज दर लेकर मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया और मुझे सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया. लेकिन पुलिस इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है. वहीं व्यापारी की मौत की सूचना मिलते ही महुआ में हड़कंप मच गया. व्यापारी की मौत के बाद शहर के रेडीमेड वस्त्र बाजार पूरी तरह बंद हो गया. पुलिस ने भी मृतक व्यापारी के शव का पोस्टमार्टम करवा कर सव परिजनों के सुपुर्द कर दिया.