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सावन के अंतिम सोमवार में बना सोम प्रदोष का दुर्लभ संयोग - dausa news in hindi

सावन माह के अंतिम व चौथे सोमवार को सोम प्रदोष का दुर्लभ संयोग बना. जिसके कारण अलग अलग शहरों के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ रही. जहां भगवान शिव का रुद्राभिषेक व दुग्धाभिषेक किया गया. जहां हर कोई अपने आराध्य देव भगवान शंकर को रिझाने के लिए उनका अभिषेक व पूजा-अर्चना करता नजर आया.

rare combination of Som Pradosh, last monday of Sawan, सावन का अंतिम सोमवार
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Published : Aug 12, 2019, 6:09 PM IST

दौसा. सावन माह के अंतिम व चौथे सोमवार को लालसोट उपखण्ड के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ रही. कई वर्षों के बाद उपखंड के डीडवाना में कुंजबिहारी जी बावड़ी मन्दिर पर भगवान शंकर का विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ. शिव भक्तों का मानना है कि सावन माह में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करने से, भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. ऐसे में सावन माह के सोमवार को प्रदोष का संयोग होना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसे संयोग में भगवान शिव की पूजा अर्चना करके उन्हें जल्द ही प्रसन्न किया जा सकता है. जिसके चलते सोमप्रदोष को सभी शिव मंदिरों में सुबह से शाम तक शिव भक्तों की भीड़ रही.

सावन के अंतिम सोमवार में बना सोम प्रदोष का दुर्लभ संयोग

यह भी पढ़ें: ईटीवी भारत टीम पहुंची जयपुर पूर्व राजपरिवार के पोथीखाने में, देखें भगवान श्रीराम के वंशज होने के दावे के आधार

ऐसे में शिवजी का अभिषेक व पूजा-अर्चना कर उनकी फूल बंगला झांकी सजाकर भक्त उनको प्रसन्न करते नजर आए. शिवभक्त दीपक शर्मा का कहना है कि सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करके उन्हें बहुत खुशी मिली.साथ ही उन्हें इस बात की उम्मीद भी है कि सोम प्रदोष के दिन पूजा करने से भगवान शंकर जल्दी प्रसन्न होकर सभी की मनोकामना पूर्ण करेंगें.

कोटा के शिवालयों में भी उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

कोटा. जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र में सावन मास के आखिरी सोमवार को शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली. जहां दिनभर महिलाएं भगवान भोले का जलाभिषेक कर बेलपत्र चढ़ाकर "बम्ब बम्ब" भोले की आराधना करती दिखाई दीं. सावन मास में भगवान भोले की आराधना का अलग ही पूण्य मिलता है.

यह भी पढ़ें: छात्रसंघ चुनाव स्कूली बच्चों के लिए बना मुसीबत...पढ़ाई में आ रही बाधा

बता दें कि, मान्यता ऐसी है कि विवाहिता अपने पति की लंबी उम्र की कामना व अपने परिवार की सुख शांति के लिए महादेव की आराधना करती है. तो वहीं युवतियां गोरा पार्वती की तरह अच्छे जीवन साथी की मनोकामना करती हैं.

आपको बता दें कि जब गोरा पार्वती ने शिव की आराधना कर भगवान शिव को वर के रूप में मांगा था तब से भगवान भोले की महिमा अपरंपार है. लोग सावन मास में भगवान भोले की विशेष आराधना करते है.

वहीं बारां में शिव के भक्तों ने निकाली कावड़ यात्रा

बारां. छबड़ा में आज एक विशाल कावड़ यात्रा निकाली गई. कावड़ यात्रा में जहां हजारों की संख्या में महिला व पुरुषों ने बढ़चढ़कर भाग लिया, तो वहीं कावड़ियों की ओर से कावड़ो में लाये गए पवित्र जल से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया गया.

यह भी पढ़ें: बीजेपी सदस्यता अभियान को मिली गति, अब चला मॉनिटरिंग का दौर

वहीं छबड़ा से 7 किमी दूर गूगोर के बिजासन माता मंदिर में पार्वती नदी है. जहां पूजा अर्चना के बाद हजारों की संख्या में कावड़िये कावड़ो में नदी के पवित्र जल को भरकर रवाना हुऐ. वहीं 7 किमी पैदल पदयात्रा करते हुवे कावड़ यात्रा छबड़ा पहुंची. जिस पर विभिन्न सामाजिक संगठनों व व्यापारियों की ओर से कावड़ियों का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया. छबड़ा कस्बे की परिक्रमा के बाद कावड़िये नागेश्वर मंदिर तीखी डूंगरी पहुंचे जहां पर कावड़ियों की ओर से लाए गए जल से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया गया.

दौसा. सावन माह के अंतिम व चौथे सोमवार को लालसोट उपखण्ड के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ रही. कई वर्षों के बाद उपखंड के डीडवाना में कुंजबिहारी जी बावड़ी मन्दिर पर भगवान शंकर का विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ. शिव भक्तों का मानना है कि सावन माह में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करने से, भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. ऐसे में सावन माह के सोमवार को प्रदोष का संयोग होना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसे संयोग में भगवान शिव की पूजा अर्चना करके उन्हें जल्द ही प्रसन्न किया जा सकता है. जिसके चलते सोमप्रदोष को सभी शिव मंदिरों में सुबह से शाम तक शिव भक्तों की भीड़ रही.

सावन के अंतिम सोमवार में बना सोम प्रदोष का दुर्लभ संयोग

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ऐसे में शिवजी का अभिषेक व पूजा-अर्चना कर उनकी फूल बंगला झांकी सजाकर भक्त उनको प्रसन्न करते नजर आए. शिवभक्त दीपक शर्मा का कहना है कि सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करके उन्हें बहुत खुशी मिली.साथ ही उन्हें इस बात की उम्मीद भी है कि सोम प्रदोष के दिन पूजा करने से भगवान शंकर जल्दी प्रसन्न होकर सभी की मनोकामना पूर्ण करेंगें.

कोटा के शिवालयों में भी उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

कोटा. जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र में सावन मास के आखिरी सोमवार को शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली. जहां दिनभर महिलाएं भगवान भोले का जलाभिषेक कर बेलपत्र चढ़ाकर "बम्ब बम्ब" भोले की आराधना करती दिखाई दीं. सावन मास में भगवान भोले की आराधना का अलग ही पूण्य मिलता है.

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बता दें कि, मान्यता ऐसी है कि विवाहिता अपने पति की लंबी उम्र की कामना व अपने परिवार की सुख शांति के लिए महादेव की आराधना करती है. तो वहीं युवतियां गोरा पार्वती की तरह अच्छे जीवन साथी की मनोकामना करती हैं.

आपको बता दें कि जब गोरा पार्वती ने शिव की आराधना कर भगवान शिव को वर के रूप में मांगा था तब से भगवान भोले की महिमा अपरंपार है. लोग सावन मास में भगवान भोले की विशेष आराधना करते है.

वहीं बारां में शिव के भक्तों ने निकाली कावड़ यात्रा

बारां. छबड़ा में आज एक विशाल कावड़ यात्रा निकाली गई. कावड़ यात्रा में जहां हजारों की संख्या में महिला व पुरुषों ने बढ़चढ़कर भाग लिया, तो वहीं कावड़ियों की ओर से कावड़ो में लाये गए पवित्र जल से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया गया.

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वहीं छबड़ा से 7 किमी दूर गूगोर के बिजासन माता मंदिर में पार्वती नदी है. जहां पूजा अर्चना के बाद हजारों की संख्या में कावड़िये कावड़ो में नदी के पवित्र जल को भरकर रवाना हुऐ. वहीं 7 किमी पैदल पदयात्रा करते हुवे कावड़ यात्रा छबड़ा पहुंची. जिस पर विभिन्न सामाजिक संगठनों व व्यापारियों की ओर से कावड़ियों का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया. छबड़ा कस्बे की परिक्रमा के बाद कावड़िये नागेश्वर मंदिर तीखी डूंगरी पहुंचे जहां पर कावड़ियों की ओर से लाए गए जल से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया गया.

Intro:सावन माह के अंतिम व चौथे सोमवार को सोम प्रदोष का दुर्लभ संयोग बनने से शिवालयों में भक्तो की भारी भीड़ रही शिवालयों में रुद्राभिषेक व दुग्धाभिषेक किया गया। शिव भक्तों की भीड़ लग गई हर कोई अपने आराध्य देव भगवान शंकर को रिझाने के लिए उनका अभिषेक व पूजा-अर्चना करता नजर आया।Body:दौसा, सावन माह के अंतिम व चौथे सोमवार को सोम प्रदोष का दुर्लभ संयोग बनने से शिवालयों में भक्तो की भारी भीड़ रही शिवालयों में रुद्राभिषेक व दुग्धाभिषेक किया गया। शिव भक्तों की भीड़ लग गई हर कोई अपने आराध्य देव भगवान शंकर को रिझाने के लिए उनका अभिषेक व पूजा-अर्चना करता नजर आया । जिसके चलते लालसोट उपखण्ड सहित कस्बे के शिवालयों में भक्तो की भारी भीड़ रही । शिवालयों में रुद्राभिषेक व दुग्धाभिषेक किया गया। कई वर्षों के बाद उपखंड के डीडवाना में कुंजबिहारी जी बावड़ी मन्दिर पर भगवान शंकर की विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ शिव भक्तों का मानना है कि सावन माह में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करने से भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं और ऐसे में सावन माह में भगवान शिव का पूजा अर्चना का विशेष सोमवार को माना जाता है जिसके चलते सोमवार को प्रदोष का संयोग होना बहुत ही शुभ माना जाता है । ऐसे संयोग में भगवान् शिव को पूजा अर्चना करके उन्हें जल्द ही प्रसन्न किया जा सकता है । जिसके चलते सोमप्रदोष को सभी शिव मंदिरों मंदिरों में सुबह से शाम तक शिव भक्तों की भीड़ रही । लोग शिवजी का अभिषेक व पूजा-अर्चना कर उनकी फूल बंगला झांकी सजाकर उनको प्रसन्न करके अपनी मनोकामना पूर्ण करते नजर आए । शिवभक्त दीपक शर्मा का कहना है कि सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करके उन्हें बहुत खुशी मिली और उन्हें इस बात की उम्मीद भी है कि सोम प्रदोष के दिन पूजा करने से भगवान शंकर जल्दी प्रसन्न होकर सभी की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
बाइट दीपक शर्मा शिव भक्तConclusion:
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