जयपुर : भांकरोटा के पास जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए अग्निकांड और कोटपुतली में हुई बोरवेल की घटना के बाद अब राज्य की भजनलाल सरकार सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं. सीएम ने कहा कि ऐसे में मामलों में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने ने कहा कि सड़क सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसमें सरकार, प्रशासन और जनता सभी का योगदान आवश्यक है. साथ ही सीएम ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए मिशन मोड पर काम करें. दुर्घटना संभावित स्थानों को चिन्हित कर उनका शीघ्र सुधार किया जाए और प्रदेशभर में चिन्हित ब्लैक स्पॉट्स को प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाए.
जनवरी में चलेगा अभियान : सीएम भजनलाल ने कहा कि जनवरी से सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं. इसके तहत स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. साथ ही जनसाधारण को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें विभिन्न विभागों की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि परिवहन व सड़क सुरक्षा, पुलिस, सार्वजनिक निर्माण, चिकित्सा व स्वास्थ्य और शिक्षा सहित विभिन्न विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम करने का प्रयास करें.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण व प्रभावितों की बेहतर देखरेख के लिए राज्य में 6E (एजुकेशन, इंजीनियरिंग, एनफोर्समेंट, इमरजेंसी केयर, इवेल्यूएशन, एन्गेजमेंट) आधारित रणनीति के तहत कार्यवाही प्रारंभ की जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहले ई (एजुकेशन) सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाए. दूसरे ई (इजीनियरिंग) के तहत सड़कें, ब्रिज व अन्य बुनियादी ढांचे को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए बेहतर डिजाइन किया जाए.
उन्होंने कहा कि तीसरे ई (एनफोर्समेंट) के तहत यातायात कानूनों की सख्ती से पालना सुनिश्चित किया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जाए. चौथे ई (इमरजेंसी) के तहत दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित व प्रभावी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. उन्होंने कहा कि पांचवें ई (इवेल्यूएशन) के तहत सड़क सुरक्षा उपायों का नियमित रूप से मूल्यांकन कर सुरक्षा उपायों में सुधार किया जाए और छठवें ई (एन्गेजमेंट) के तहत समुदाय व विभिन्न हितधारकों को सड़क सुरक्षा अभियानों में शामिल किया जाए.
यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ करें सख्ती से कार्रवाई : सीएम ने कहा कि यातायात नियमों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में बैरिकेडिंग, साइन बोर्ड, स्पीड ब्रेकर सहित तमाम प्रबंध सुनिश्चित किया जाए, जिससे दुर्घटनाओं की रोकथाम की जा सके. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएं और स्पीड मॉनिटरिंग उपकरण व ऑटोमेटेड चालान प्रणाली लागू की जाए.
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करे कि बिना परमिट के वाहनों की सड़कों पर आवाजाही न हो और उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए. साथ ही ट्रोमा केयर सुदृढ़ीकरण करने, गैर मोटर चलित वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप अभियान चलाने और जिलों में सड़क सुरक्षा समितियों के माध्यम से आईरैड के आधार पर एंबुलेंसों की प्री-पोजिशनिंग के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए.
समय-समय पर करें सड़क सुरक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन : मुख्यमंत्री ने सभी अवैध कट्स को बंद करने, सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने, मानकों के अनुरूप रोड फर्नीचर की सुनिश्चितता और उनके रख-रखाव करने, सड़कों पर आवारा जानवरों की रोकथाम करने, वाहनों की फिटनेस नियमानुसार सुनिश्चित करने, ओवरलोडिंग, ओवर हैंगिंग, ओवर क्राउडिंग आदि के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन समय-समय पर करें और सड़क दुर्घटनाओं का सही कारण जानकर उसका विश्लेषण भी करें, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों.
सड़कों पर न हो किसी भी वाहन की अवैध रूप से पार्किंग : मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक स्पॉट को तुरंत सुधारने के लिए विशेष योजना बनाएं. इन कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में जिम्मेदारी तय कर संबंधित विभाग सख्त कार्रवाई करे. साथ ही किसी भी स्थान पर सड़क निर्माण समयबद्ध नहीं हो रहा है, तो कॉन्ट्रैक्टर के साथ विभाग की भी जिम्मेदारी सुनिश्चित हो. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग व पुलिस विभाग हाइवे पर पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें और सड़क पर किसी भी वाहन की अवैध रूप से पार्किंग नहीं हो.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर समुचित प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि संभाग स्तरीय सड़क सुरक्षा टास्क फोर्स का गठन और इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम के तहत समस्त आपातकालीन सेवाओं का एकीकरण भी किया गया है. उन्होंने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा में कार्य करने वाले व्यक्ति एवं संस्थाओं को विशेष आयोजनों पर सम्मानित किया जाए, जिससे दुर्घटना में मदद करने वाले लोग प्रोत्साहित हो.
सड़क सुरक्षा के लिए जिला स्तरीय समिति की सघन मॉनिटरिंग हो : मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए जिला स्तर पर बनी समिति की राज्य स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग हो. संबंधित जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में जाकर वहां दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए आवश्यक कार्यवाही करें. उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में सड़क सुरक्षा के लिए जीवन रक्षा मित्र बनाएं. सड़क सुरक्षा अभियान के तहत गांवों में जागरूकता अभियान में इनका सहयोग लें.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बोरवेल से होने वाली घटनाओं की रोकथाम के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. साथ ही आगामी दो सप्ताह में सभी जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि बोरवेल खुले न हों. जिससे किसी भी तरह की जनहानि को रोका जा सके. शासन सचिव परिवहन शुचि त्यागी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य, अवैध कट्स की स्थिति, सड़क सुरक्षा के मानकों की सुनिश्चितता सहित विभिन्न विषयों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी.